18-12-2021, 10:46 PM
वो मुझे देख रहा था और मैं खड़ी होकर नशे में डगमगाती हुई अपने कपड़े उतार रही थी। वो एक टक मेरे नंगे बदन को निहार रहा था, “क्या पहली बार किसी लड़की की चूत देख रहे हो?” मैंने पूछा
“न.... हाँ...” उसने जोर की साँस लेते हुए कहा।
मैं नंगी होकर, सिर्फ अपने ऊँची हील के सैंडल पहने फिर बिस्तर पर पसर गयी और अपनी टाँगें चौड़ी करके बाँहें फैला कर उससे कहा, “मेरी चूत को बाद में ठीक तरह देख लेना, अब आओ और मुझे चोदो।”
वो मेरे ऊपर गिर पड़ा और अपना लंड मेरी चूत में डाल कर तेजी से धक्के लगाने लगा। वो पहली बार किसी लड़की को चोद रहा था इसलिये मैंने उससे कुछ नहीं कहा। थोड़ी ही देर में वो अपना वीर्य मेरी चूत में छोड़ कर गहरी साँसें ले रहा था।
मुझे पहले तो बहुत गुस्सा आया पर मैंने ज़ाहिर नहीं किया। आखिर ये उसका पहली बार चुदाई का अनुभव था। मैंने उसे अपने ऊपर से हटाना चाहा तो वो गिड़गिड़ाते हुए बोला, “प्रीती प्लीज़! मुझे एक बार और चोद लेने दो, मेरा लंड थोड़ी देर में ही फिर खड़ा हो जायेगा।”
“वो तो खड़ा हो जायेगा..... मुझे मालूम है, लेकिन चुदाई से पहले मैं तुमसे कुछ बात करना चाहती हूँ?”
वो मेरे ऊपर से उठ कर मेरी बगल में बैठ गया। “क्या तुम्हें अपनी पहली चुदाई में मज़ा आया?” मैंने पूछा।
“प्रीती! पूछो मत..... इतना मज़ा तो मुझे आज तक मुठ मार कर भी नहीं मिला”, उसने जवाब दिया।
“लेकिन मुझे मज़ा नहीं आया”, मैंने कहा।
“तुम्हें मज़ा क्यों नहीं आया? मैंने तो सुना है कि चुदाई में लड़की को भी बराबर का मज़ा आता है।”
“हाँ! मज़ा आता है.... अगर उसकी चुदाई थोड़े प्यार और आराम सी की जाये। तुमने बड़ी जल्दी में चुदाई की और लड़कियों को झड़ने में थोड़ा वक्त लगता है”, मैंने कहा, “अब आओ और मुझे प्यार से और धीरे-धीरे चोदो।”
वो मेरे ऊपर आकर मुझे धीरे-धीरे चोदने लगा। “हाँ! ऐसे ही चोदते जाओ, हाँ! अपने धक्कों का अंदाज़ भी साथ-साथ बदलते रहो, कभी जोर से कभी प्यार से”, मैंने उसे चूमते हुए कहा।
अब वो मुझे अलग अलग-अंदाज़ में धक्के मारता हुआ चोद रहा था। मेरी नसों में खून का उबाल बढ़ने लगा। मुझे भी मज़ा आ रहा था। मैं अपने कुल्हों को उठा कर उसके धक्कों का साथ देने लगी। “आर्यन तुम सही जा रहे हो!!!! ऐसे ही चोदो अब..... और तेजी से हाँ..आआआ ओहहहहह जोर से...... आआआआहहहह मेरा छूटा।” दो चार धक्के और लगा कर उसने भी अपना पानी छोड़ दिया।
“न.... हाँ...” उसने जोर की साँस लेते हुए कहा।
मैं नंगी होकर, सिर्फ अपने ऊँची हील के सैंडल पहने फिर बिस्तर पर पसर गयी और अपनी टाँगें चौड़ी करके बाँहें फैला कर उससे कहा, “मेरी चूत को बाद में ठीक तरह देख लेना, अब आओ और मुझे चोदो।”
वो मेरे ऊपर गिर पड़ा और अपना लंड मेरी चूत में डाल कर तेजी से धक्के लगाने लगा। वो पहली बार किसी लड़की को चोद रहा था इसलिये मैंने उससे कुछ नहीं कहा। थोड़ी ही देर में वो अपना वीर्य मेरी चूत में छोड़ कर गहरी साँसें ले रहा था।
मुझे पहले तो बहुत गुस्सा आया पर मैंने ज़ाहिर नहीं किया। आखिर ये उसका पहली बार चुदाई का अनुभव था। मैंने उसे अपने ऊपर से हटाना चाहा तो वो गिड़गिड़ाते हुए बोला, “प्रीती प्लीज़! मुझे एक बार और चोद लेने दो, मेरा लंड थोड़ी देर में ही फिर खड़ा हो जायेगा।”
“वो तो खड़ा हो जायेगा..... मुझे मालूम है, लेकिन चुदाई से पहले मैं तुमसे कुछ बात करना चाहती हूँ?”
वो मेरे ऊपर से उठ कर मेरी बगल में बैठ गया। “क्या तुम्हें अपनी पहली चुदाई में मज़ा आया?” मैंने पूछा।
“प्रीती! पूछो मत..... इतना मज़ा तो मुझे आज तक मुठ मार कर भी नहीं मिला”, उसने जवाब दिया।
“लेकिन मुझे मज़ा नहीं आया”, मैंने कहा।
“तुम्हें मज़ा क्यों नहीं आया? मैंने तो सुना है कि चुदाई में लड़की को भी बराबर का मज़ा आता है।”
“हाँ! मज़ा आता है.... अगर उसकी चुदाई थोड़े प्यार और आराम सी की जाये। तुमने बड़ी जल्दी में चुदाई की और लड़कियों को झड़ने में थोड़ा वक्त लगता है”, मैंने कहा, “अब आओ और मुझे प्यार से और धीरे-धीरे चोदो।”
वो मेरे ऊपर आकर मुझे धीरे-धीरे चोदने लगा। “हाँ! ऐसे ही चोदते जाओ, हाँ! अपने धक्कों का अंदाज़ भी साथ-साथ बदलते रहो, कभी जोर से कभी प्यार से”, मैंने उसे चूमते हुए कहा।
अब वो मुझे अलग अलग-अंदाज़ में धक्के मारता हुआ चोद रहा था। मेरी नसों में खून का उबाल बढ़ने लगा। मुझे भी मज़ा आ रहा था। मैं अपने कुल्हों को उठा कर उसके धक्कों का साथ देने लगी। “आर्यन तुम सही जा रहे हो!!!! ऐसे ही चोदो अब..... और तेजी से हाँ..आआआ ओहहहहह जोर से...... आआआआहहहह मेरा छूटा।” दो चार धक्के और लगा कर उसने भी अपना पानी छोड़ दिया।


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