18-12-2021, 10:41 PM
फ्रांसिस सोच में पड़ गये। थोड़ी देर बाद वो बोले, “मैं कल मेहता से बात करूँगा!”
दूसरे दिन जब फ्रांसिस ऑफिस से वापस आये तो उनका चेहरा उदास था। मैंने पूछा, “अब क्या हुआ। क्या मेहता राज़ी नहीं हुआ?”
वो बोले, “अब वो चार दिन के लिये हम बिस्तर होने को कह रहा है। ऑफिस में दो लोग और अपनी बीवी उसे देने के लिये तैयार हैं!”
मैंने कहा, “तुम अभी उसे फोन करके कह दो। नहीं तो जितना ज्यादा देर करोगे मुझे उतने ही ज्यादा दिन उसके पास रहना पड़ेगा!”
फ्रांसिस ने मेहता को फोन किया।
मेहता ने फ्रांसिस से कहा, “अभी नहीं। अभी मैं और इंतज़ार करुँगा । हो सकता है कि कोई मुझे अपनी बीवी और ज्यादा दिनों के लिये देने के लिये तैयार हो जाये!”
फ्रांसिस ने फोन रख दिया। वो उदास हो गये। मैंने कहा, “तुम मैनेजर बनना चाहते हो या नहीं!”
वो बोले, “बनना तो चाहता हूँ लेकिन मेहता मान जाये तब ना!”
मैंने कहा, “तुम उसे दोबारा फोन कर के कह दो कि तुम हर कीमत पर मैनेजर बनना चाहते हो। वो चाहे जितने दिनों के लिये मुझे अपने पास रख ले। मैं जानती हूँ कि वो बहुत अय्याश आदमी है। वो मुझे एक हफ़्ते से ज्यादा अपने पास नहीं रखेगा क्यों कि उसे हमेशा नयी-नयी औरतें चाहिये!”
फ्रांसिस ने मेहता को फोन किया। मेहता तैयार हो गया। लेकिन उसने कहा कि मुझे आज ही जाना होगा। मैंने फ्रांसिस से कहा, “तुम मुझे उसके घर छोड़ दो। जॉन तो यहाँ है नहीं। उसे कुछ भी पता नहीं चलना चाहिये!”
फ्रांसिस मुझे मेहता के घर छोड़ कर वापस चले आये। मेहता मुझे बेहद सैक्सी हाई हील के सैंडल पकड़ाते हुए बोला, “कपड़े उतार दो। अब तुम्हें दस दिनों तक सिर्फ ये सैंडल पहनने हैं!”
मैंने कहा, “ठीक है सर!”
तबस्सुम ने मुझे मेहता के बारे में सब कुछ बता दिया था कि उसने मेहता को कैसे खुश किया था। मैं मेहता को तबस्सुम से भी ज्यादा खुश करना चाहती थी। मैंने मेहता को शराब पिलायी और उसे खूब जोश दिलाया और उसके साथ-साथ खुद भी पीकर मस्त हो गोयी। मेहता बहुत खुश हो गया। उसने अपने कपड़े उतारे तो मैं उसका लंड देखती ही रह गयी। उसका लंड जॉन के लंड से भी ज्यादा लम्बा और मोटा था। मैं समझ गयी कि मुझे फिर से दिक्कत होने वाली है लेकिन मैं ये भी जानती थी कि मुझे मज़ा भी खूब आयेगा। मेहता ने मेरी चूत में अपना लंड घुसाना शुरु किया तो मुझे दर्द होने लगा। मेरे मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी। धीरे-धीरे उसका लंड मेरी चूत में आठ इंच तक घुस गया। उसके बाद जब मेहता अपना लंड और ज्यादा अंदर घुसाने लगा तो मेरे मुँह से चीख निकलने लगी। दर्द के मारे मेरा बुरा हाल हो रहा था। मेहता मेरे चेहरे को देख रहा था। पूरा लंड घुसाने के बाद उसने मुझे चोदना शुरु किया। थोड़ी देर तक मैं दर्द के मारे चीखती रही फिर धीरे-धीरे नॉर्मल हो गयी। मुझे मज़ा आने लगा तो मैंने मेहता को खूब जोश दिला दिला कर चुदवाना शुरु कर दिया। मैंने उसके लंड की खूब तारीफ़ की।
दूसरे दिन जब फ्रांसिस ऑफिस से वापस आये तो उनका चेहरा उदास था। मैंने पूछा, “अब क्या हुआ। क्या मेहता राज़ी नहीं हुआ?”
वो बोले, “अब वो चार दिन के लिये हम बिस्तर होने को कह रहा है। ऑफिस में दो लोग और अपनी बीवी उसे देने के लिये तैयार हैं!”
मैंने कहा, “तुम अभी उसे फोन करके कह दो। नहीं तो जितना ज्यादा देर करोगे मुझे उतने ही ज्यादा दिन उसके पास रहना पड़ेगा!”
फ्रांसिस ने मेहता को फोन किया।
मेहता ने फ्रांसिस से कहा, “अभी नहीं। अभी मैं और इंतज़ार करुँगा । हो सकता है कि कोई मुझे अपनी बीवी और ज्यादा दिनों के लिये देने के लिये तैयार हो जाये!”
फ्रांसिस ने फोन रख दिया। वो उदास हो गये। मैंने कहा, “तुम मैनेजर बनना चाहते हो या नहीं!”
वो बोले, “बनना तो चाहता हूँ लेकिन मेहता मान जाये तब ना!”
मैंने कहा, “तुम उसे दोबारा फोन कर के कह दो कि तुम हर कीमत पर मैनेजर बनना चाहते हो। वो चाहे जितने दिनों के लिये मुझे अपने पास रख ले। मैं जानती हूँ कि वो बहुत अय्याश आदमी है। वो मुझे एक हफ़्ते से ज्यादा अपने पास नहीं रखेगा क्यों कि उसे हमेशा नयी-नयी औरतें चाहिये!”
फ्रांसिस ने मेहता को फोन किया। मेहता तैयार हो गया। लेकिन उसने कहा कि मुझे आज ही जाना होगा। मैंने फ्रांसिस से कहा, “तुम मुझे उसके घर छोड़ दो। जॉन तो यहाँ है नहीं। उसे कुछ भी पता नहीं चलना चाहिये!”
फ्रांसिस मुझे मेहता के घर छोड़ कर वापस चले आये। मेहता मुझे बेहद सैक्सी हाई हील के सैंडल पकड़ाते हुए बोला, “कपड़े उतार दो। अब तुम्हें दस दिनों तक सिर्फ ये सैंडल पहनने हैं!”
मैंने कहा, “ठीक है सर!”
तबस्सुम ने मुझे मेहता के बारे में सब कुछ बता दिया था कि उसने मेहता को कैसे खुश किया था। मैं मेहता को तबस्सुम से भी ज्यादा खुश करना चाहती थी। मैंने मेहता को शराब पिलायी और उसे खूब जोश दिलाया और उसके साथ-साथ खुद भी पीकर मस्त हो गोयी। मेहता बहुत खुश हो गया। उसने अपने कपड़े उतारे तो मैं उसका लंड देखती ही रह गयी। उसका लंड जॉन के लंड से भी ज्यादा लम्बा और मोटा था। मैं समझ गयी कि मुझे फिर से दिक्कत होने वाली है लेकिन मैं ये भी जानती थी कि मुझे मज़ा भी खूब आयेगा। मेहता ने मेरी चूत में अपना लंड घुसाना शुरु किया तो मुझे दर्द होने लगा। मेरे मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी। धीरे-धीरे उसका लंड मेरी चूत में आठ इंच तक घुस गया। उसके बाद जब मेहता अपना लंड और ज्यादा अंदर घुसाने लगा तो मेरे मुँह से चीख निकलने लगी। दर्द के मारे मेरा बुरा हाल हो रहा था। मेहता मेरे चेहरे को देख रहा था। पूरा लंड घुसाने के बाद उसने मुझे चोदना शुरु किया। थोड़ी देर तक मैं दर्द के मारे चीखती रही फिर धीरे-धीरे नॉर्मल हो गयी। मुझे मज़ा आने लगा तो मैंने मेहता को खूब जोश दिला दिला कर चुदवाना शुरु कर दिया। मैंने उसके लंड की खूब तारीफ़ की।