18-12-2021, 10:40 PM
मैंने मुसकुराते हुए कहा, “अब तो मैं पूरी तरह से औरत बन गयी हूँ या अभी कुछ और भी बाकी है!”
वो बोला, “नहीं, अब तो मैंने तुम्हें पूरी तरह से औरत बना दिया है!”
सारा दिन जॉन मेरी चुदाई करता रहा और मेरी गाँड मारता रहा। शाम के पाँच बजे फ्रांसिस का फोन आया कि ऑफिस में कुछ काम होने की वजह से वो रात के ग्यारह बजे तक आयेंगे। ये सुन कर जॉन खुश हो गया और मैं भी। रात के ग्यारह बजे तक जॉन ने मुझे पाँच दफ़ा चोदा और तीन मर्तबा मेरी गाँड मारी। मुझे पहली दफ़ा जवानी का असली मज़ा आया था और मैं बिल्कुल मस्त हो गयी थी। रात के ग्यारह बजे फ्रांसिस वापस आ गये। मेरी गाँड और चूत बुरी तरह से सूज गयी थी। मैं बेड पर से उठने के काबिल ही नहीं रह गयी थी। जॉन दरवाज़ा खोलने गया तो मैंने एक चादर ओढ़ ली। दरवाज़ा खोलने के बाद जॉन अपने रूम में चला गया। फ्रांसिस मेरे पास आये। उन्होंने मुझे चादर ओढ़ कर लेटे हुए देखा तो बोले, “क्या हुआ?”
मैंने कहा, “वही जो होना चाहिये था। मैंने आज जॉन से सारा दिन खूब जम कर चुदवाया है। उसने मेरी गाँड भी मारी है। आज मुझे जवानी का असली मज़ा मिला है जो कि तुम मुझे कभी नहीं दे सकते थे!”
वो बोले, “चलो अच्छा ही हुआ। अब तुम्हें सारी ज़िन्दगी जॉन से मज़ा मिलता रहेगा। तुम्हें कहीं इधर-उधर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जॉन से चुदवा कर खुश हो ना?”
मैंने कहा, “हाँ! मैं बेहद खुश हूँ। उसने आज मुझे बेहद अच्छी तरह से चोदा है। मैं जॉन से चुदवाने के बाद पूरी तरह से सैटिसफाइड हूँ!”
तभी फ्रांसिस ने मेरे उपर से चादर खींच ली और मेरी चूत और गाँड को देखने लगे। वो बोले, “तुम्हारी चूत और गाँड की हालत तो एकदम खराब हो गयी है। बेड की चादर भी तुम दोनों के रस से से एक दम भीग कर खराब हो चुकी है!”
मैंने कहा, “हाँ! मैं जानती हूँ। मैं इस चादर को साफ़ नहीं करूँगी। इस से मेरी यादें जुड़ी हुई हैं। मैं इसे सारी ज़िन्दगी अपने पास संभाल कर रखुँगी!”
उसके बाद फ्रांसिस ने भी मेरी चुदाई की। जॉन के लंड ने मेरी चूत को इतना ज्यादा चौड़ा कर दिया था कि मुझे पता ही नहीं चला कि कब उनका लंड मेरी चूत में घुसा और कब बाहर निकल गया। उसके बाद हम सो गये। सुबह को फ्रांसिस के ऑफिस जाने के बाद जॉन ने फिर से मेरी चुदाई शुरु कर दी। उस दिन भी वो कॉलेज नहीं गया। वो सारा दिन मुझे चोदता रहा और मेरी गाँड मारता रहा।
ये सिलसिला लगभग करीब दो महीने तक चला। दो महीने तक मैंने जॉन से खूब मज़ा लिया। नसरीन भी मेरी सहेली बन गयी और अक्सर वो भी जॉन से चुदवाने आ जाती थी और हम तीनों चुदाई का मज़ा लेते। हम दोनों औरतें एक दूसरे की चूत भी चाटती और अपने जिस्म आपस में रगड़ती थीं। नसरीन चुदवाने से पहले हमेशा शराब के एक-दो पैग पीती थी और उसकी सोहबत में मुझे भी ये आदत लग गयी।
वो बोला, “नहीं, अब तो मैंने तुम्हें पूरी तरह से औरत बना दिया है!”
सारा दिन जॉन मेरी चुदाई करता रहा और मेरी गाँड मारता रहा। शाम के पाँच बजे फ्रांसिस का फोन आया कि ऑफिस में कुछ काम होने की वजह से वो रात के ग्यारह बजे तक आयेंगे। ये सुन कर जॉन खुश हो गया और मैं भी। रात के ग्यारह बजे तक जॉन ने मुझे पाँच दफ़ा चोदा और तीन मर्तबा मेरी गाँड मारी। मुझे पहली दफ़ा जवानी का असली मज़ा आया था और मैं बिल्कुल मस्त हो गयी थी। रात के ग्यारह बजे फ्रांसिस वापस आ गये। मेरी गाँड और चूत बुरी तरह से सूज गयी थी। मैं बेड पर से उठने के काबिल ही नहीं रह गयी थी। जॉन दरवाज़ा खोलने गया तो मैंने एक चादर ओढ़ ली। दरवाज़ा खोलने के बाद जॉन अपने रूम में चला गया। फ्रांसिस मेरे पास आये। उन्होंने मुझे चादर ओढ़ कर लेटे हुए देखा तो बोले, “क्या हुआ?”
मैंने कहा, “वही जो होना चाहिये था। मैंने आज जॉन से सारा दिन खूब जम कर चुदवाया है। उसने मेरी गाँड भी मारी है। आज मुझे जवानी का असली मज़ा मिला है जो कि तुम मुझे कभी नहीं दे सकते थे!”
वो बोले, “चलो अच्छा ही हुआ। अब तुम्हें सारी ज़िन्दगी जॉन से मज़ा मिलता रहेगा। तुम्हें कहीं इधर-उधर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जॉन से चुदवा कर खुश हो ना?”
मैंने कहा, “हाँ! मैं बेहद खुश हूँ। उसने आज मुझे बेहद अच्छी तरह से चोदा है। मैं जॉन से चुदवाने के बाद पूरी तरह से सैटिसफाइड हूँ!”
तभी फ्रांसिस ने मेरे उपर से चादर खींच ली और मेरी चूत और गाँड को देखने लगे। वो बोले, “तुम्हारी चूत और गाँड की हालत तो एकदम खराब हो गयी है। बेड की चादर भी तुम दोनों के रस से से एक दम भीग कर खराब हो चुकी है!”
मैंने कहा, “हाँ! मैं जानती हूँ। मैं इस चादर को साफ़ नहीं करूँगी। इस से मेरी यादें जुड़ी हुई हैं। मैं इसे सारी ज़िन्दगी अपने पास संभाल कर रखुँगी!”
उसके बाद फ्रांसिस ने भी मेरी चुदाई की। जॉन के लंड ने मेरी चूत को इतना ज्यादा चौड़ा कर दिया था कि मुझे पता ही नहीं चला कि कब उनका लंड मेरी चूत में घुसा और कब बाहर निकल गया। उसके बाद हम सो गये। सुबह को फ्रांसिस के ऑफिस जाने के बाद जॉन ने फिर से मेरी चुदाई शुरु कर दी। उस दिन भी वो कॉलेज नहीं गया। वो सारा दिन मुझे चोदता रहा और मेरी गाँड मारता रहा।
ये सिलसिला लगभग करीब दो महीने तक चला। दो महीने तक मैंने जॉन से खूब मज़ा लिया। नसरीन भी मेरी सहेली बन गयी और अक्सर वो भी जॉन से चुदवाने आ जाती थी और हम तीनों चुदाई का मज़ा लेते। हम दोनों औरतें एक दूसरे की चूत भी चाटती और अपने जिस्म आपस में रगड़ती थीं। नसरीन चुदवाने से पहले हमेशा शराब के एक-दो पैग पीती थी और उसकी सोहबत में मुझे भी ये आदत लग गयी।