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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
वो बोला, शाँत हो जाओ। क्या आपने आज तक कभी सुना है कि किसी औरत की मौत चुदवाने से या गाँड मरवाने से हुई है!”

 
मैंने कहा, नहीं!”
 
वो बोला, फिर घबराओ मत... आप मरोगी नहीं... सिर्फ थोड़ा दर्द होगा। उसके बाद तो आप खुद ही रोज-रोज मुझसे गाँड भी मरवाओगी और चूत की चुदाई भी करवाओगी!”
 
इतना कहने के बाद उसने पूरी ताकत के साथ फिर से एक धक्का मारा। मेरा जिस्म पसीने से लथपथ हो गया। मेरी आँखों के सामने अन्धेरा छाने लगा। मैं दर्द के मारे जोर-जोर से चीखने लगी। जॉन ने मेरे उपर जरा-सा रहम नहीं किया और बहुत जोरदार एक धक्का और लगा दिया। इस धक्के के साथ ही उसका पूरा का पूरा लंड मेरी गाँड में घुस गया। मैं रोने लगी थी और मेरी आँखों से आँसू बह रहे थे। उसने मुझे बिना कोई मौका दिये ही अपना पूरा का पूरा लंड बाहर खींच लिया और फिर एक झटके में वापस मेरी गाँड में घुसेड़ दिया। मैं फिर से चीखी। उसने मेरी चीख पर कोई भी ध्यान नहीं दिया और ना ही मुझ पर कोई रहम किया। उसने ऐसा चार-पाँच बार किया। मेरी गाँड की हालत बेहद खराब हो चुकी थी। उसके बाद उसने अपना लंड मेरी चूत में घुसा कर मेरी चुदाई शुरु कर दी। थोड़ी ही देर में मैं फिर से सारा दर्द भूल गयी और मुझे मज़ा आने लगा। जॉन ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और मेरी गाँड में घुसेड़ दिया। मैं फिर से चिल्लायी। लेकिन इस बार जॉन रुका नहीं। उसने तेजी के साथ मेरी गाँड मारनी शुरु कर दी। करीब पाँच मिनट तक मैं चीखती रही। फिर धीरे-धीरे खामोश हो गयी। अब मुझे गाँड मरवाने में भी मज़ा आने लगा था। दस मिनट तक मेरी गाँड मारने के बाद जॉन ने अपना लंड मेरी चूत में घुसा दिया और मेरी चुदाई करने लगा। मैं एक दम मस्त हो चुकी थी और सिसकारियाँ भरने लगी थी। थोड़ी देर बाद जब उसने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकला तो मैंने कहा, अब तो तुमने मुझे पूरी तरह से औरत बना दिया!”
 
वो बोला, अभी कहाँ!”
 
मैंने कहा, अब क्या बाकी है?”
 
वो बोला, अभी मैंने ठीक से आपकी गाँड कहाँ मारी है। मैं तो अभी आपकी गाँड को ढीला कर रहा था। अगली बार मैं सिर्फ आपकी गाँड मारूँगा और अपने लंड का सारा रस आपकी गाँड में निकाल दूँगा। उसके बाद आप पूरी तरह से औरत बन जाओगी!”
 
पैंतालीस मिनट के बाद जॉन का लंड खड़ा हो गया तो उसने मेरी गाँड मारनी शुरु कर दी। पहले तो मुझे काफ़ी दर्द हुआ लेकिन थोड़ी ही देर बाद मेरा सारा दर्द खतम हो गया। जॉन बहुत बुरी तरह से मेरी गाँड मार रहा था। मैं भी अब मस्त हो चुकी थी। मुझे भी अब खूब मज़ा आ रहा था। मैं नहीं जानती थी कि गाँड मरवाने में भी इतना मज़ा आता है। इस दफ़ा उसने मेरी चूत को छुआ तक नहीं सिर्फ मेरी गाँड मारता रहा। उसने लगभग पंद्रह मिनट तक खूब जम कर मेरी गाँड मारी और फिर मेरी गाँड में ही झड़ गया। इस दौरान जोश के मारे मेरी चूत से दो दफ़ा पानी भी निकल चुका था। लंड का सारा रस मेरी गाँड में निकाल देने के बाद जॉन हट गया और मेरे बगल में लेट गया।
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RE: हिंदी की कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 18-12-2021, 10:39 PM



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