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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
 

वो बोला,तीन ही धक्के तो लगाये हैं मैंने। इस तरह से लंड घुसाने में जो मज़ा आता है वो मज़ा धीरे-धीरे घुसाने में कहाँ है!”
 
इतना कहने के बाद जॉन ने धक्के लगाने शुरु कर दिये। मेरी चूत ने उसके लंड को इतनी बुरी तरह से जकड़ रखा था कि चाह कर भी वो तेजी के साथ धक्के नहीं लगा पा रहा था। मुझे नशे और मस्ती के बावजूद भी काफ़ी तेज दर्द हो रहा था और मेरे मुँह से चींखें निकल रही थी। वो धक्के लगाता रहा। धीरे-धीरे मेरी चूत ने उसके लंड को रास्ता देना शुरु कर दिया तो मेरा दर्द कुछ कम होने लगा। मैं दर्द के मारे आहें भरती रही और जॉन धक्के पर धका लगाये जा रहा था। मेरी चूत ने अभी भी उसके लंड को बुरी तरह से जकड़ रखा था इस वजह से जॉन का लंड आसानी से मेरी चूत में अंदर बाहर नहीं हो पा रहा था। वो मुझे धीरे-धीरे चोदता रहा। पाँच मिनट की चुदाई के बाद जब मैं झड़ गयी तो मेरी चूत गीली हो गयी। मेरी चूत ने भी अब जॉन के लंड को थोड़ा सा रास्ता दे दिया था। जॉन ने अपनी रफ़्तार बढ़ानी शुरु कर दी। मेरा दर्द भी अब काफी हद तक कम हो चुका था और मुझे भी मज़ा आने लगा था। जॉन अपनी रफ़्तार बढ़ाता रहा। अब वो पूरे जोश के साथ मुझे चोद रहा था। मैं भी मस्त हो चुकी थी। मैं इसी तरह की चुदाई के लिये इतने दिनों से तड़प रही थी।
 
पाँच मिनट की चुदाई के बाद मैं फिर से झड़ गयी तो मेरी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी। मेरी चूत का खूब सारा रस जॉन के लंड पर भी लग गया था। मेरी चूत ने भी अब जॉन के लंड से हार मान ली थी और अपना मुंह खोल करके लंड को पूरा रास्ता दे दिया। अब उसका लंड मेरी चूत में सटासट अंदर-बाहर होने लगा था। जॉन की रफ़्तार भी अब काफ़ी तेज हो चुकी थी। सारा बेड जोर-जोर से हिल रहा था । लग रहा था कि जैसे रूम में तूफ़ान आ गया है। मैं भी जोश में आ कर अपने चुतड़ उठाने की कोशिश कर रही थी लेकिन जॉन ने मुझे इतनी बुरी तरह से जकड़ रखा था कि मैं चाह कर भी अपने चुतड़ नहीं उठा पा रही थी। जॉन जब अपना लंड मेरी चूत में अंदर घुसाने लगता तो वो मेरे घुटनों को मेरे कन्धे पर जोर से दबा देता था। ऐसा करने से मेरी चूत बिल्कुल उपर उठ जाती थी और उसका लंड मेरी चूत में पूरी गहरायी तक घुस जाता था। उसके लंड का सुपाड़ा मेरी बच्चेदानी के मुँह का चुम्मा लेते हुए उसे पीछे की तरफ़ धकेल रहा था। मुझे इसमें खूब मज़ा आ रहा था। जॉन मुझे बुरी तरह से चोद रहा था। दस मिनट की चुदाई के बाद मैं तीसरी बार झड़ गयी। मैं पूरे जोश में थी और मेरी जोश भरी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। मैं अब जॉन से कह रही थी, और... तेज... और... तेज... खूब...। जोर...। जोर... से... चोदो... मुझे...॥ फाड़..डालो... अपनी भाभी की चूत... को...!”
 
जॉन भी जोश में आ कर आहें भरता हुआ मुझे बहुत बुरी तरह से चोद रहा था। जॉन ताकतवर था ही। वो बहुत जोरदार के धक्के लगा रहा था। मेरे बदन के सारे जोड़ हिलने लगे थे। रूम में धप-धप और छप-छप की आवाज़ गूँज रही थी। साथ ही साथ पूरा बेड भी जोर जोर से हिल रहा था। पंद्रह मिनट की चुदाई के बाद जब जॉन मेरी चूत में झड़ गया तो मैं भी जॉन के साथ-साथ ही चौथी बार झड़ गयी। उसने मेरी टाँगें छोड़ दीं और अपना लंड मेरी चूत में ही डाले हुए मेरे उपर लेट गया। उसका लंड और मेरी चूत हम दोनों के रस से एक दम भीग चुके थे। ढेर सारा रस बेड की चादर पर भी लग गया था और मेरी जाँघों पर भी। जॉन मेरे उपर ही लेटा रहा। हम दोनों एक दूसरे को चूमते रहे। मैं जॉन की कमर को सहलाती रही। वो मेरे होंठों को चूमता रहा और मेरे मम्मों को मसलता रहा और मुझसे कहने लगा, आपने भैया से भले ही बहुत बार चुदवाया है लेकिन आपकी चूत मेरे लंड के लिये किसी कुंवारी चूत से कम नहीं है। भैया तो आपको औरत नहीं बना पाये थे लेकिन मैंने आपको अब आधी औरत बना दिया है।!”
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RE: हिंदी की कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 18-12-2021, 10:38 PM



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