18-12-2021, 10:36 PM
(This post was last modified: 18-12-2021, 10:37 PM by rohitkapoor. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
मैंने जॉन के लंड को अपने मुँह में ले लिया और तेजी के साथ चूसने लगी। हल्के नशे की हालत में उसका लंड चूसना मुझे बेहद अच्छा लग रहा था। मैं उसका लंड चूसती रही और वो जोश में आ कर आहें भरते हुए मेरे मम्मों को मसलता रहा। थोड़ी ही देर में उसका लंड पूरी तरह से टाइट हो गया। उसके बाद जॉन मेरी टाँगों के बीच आ गया। उसने मेरी टाँगों को मोड़ कर मेरे कन्धे पर सटा कर दबा दिया। मैं एक दम दोहरी हो गयी और मेरी चूत उपर उठ गयी। मैं इस स्टाइल में फ्रांसिस से कईं दफ़ा चुदवा चुकी थी। इस स्टाइल में चुदवाने पर फ्रांसिस का तीन इंच लम्बा लंड भी मेरी चूत में ज्यादा गहरायी तक घुस जाता था। जॉन का लंड तो फ्रांसिस के लंड से बहुत ज्यादा लम्बा और मोटा था। मैं जानती थी कि मुझे जॉन से चुदवाने में बहुत ज्यादा तकलीफ़ होने वाली है लेकिन मुझे ये भी मालूम था कि मुझे मज़ा भी खूब आयेगा।
जॉन ने अपने लंड का सुपाड़ा मेरी चूत के मुँह पर रखते हुए कहा, “भाभी! आज मैं पहली बार आपकी चुदाई करने जा रहा हूँ। आप चाहे जितना भी चीखोगी या चिल्लाओगी मैं आपकी एक भी नहीं सुनुँगा क्यों कि इसी तरह की चुदाई में औरत को मज़ा आता है और वो अपनी पहली बार की चुदाई को सारी ज़िन्दगी याद करती है। मैं आपकी चूत में पूरा का पूरा लंड घुसाते हुए आपको बहुत बुरी तरह से चोदुँगा!”
मैंने कहा, “जॉन प्लीज़! ऐसा मत करो। मुझे बहुत दर्द होगा। मैं मर जाऊँगी!”
वो बोला, “फिर मुझसे चुदवाने का इरादा छोड़ दो। मैं आपको नहीं चोदूँगा!”
इतना कह कर उसने अपना लंड मेरी चूत के मुँह पर से हटा लिया। मैं ठीक उसी तरह से तड़प उठी जैसे कईं दिनों के भूखे के सामने से खाने की थाली हटा ली गयी हो।
मैंने कहा, “अच्छा बाबा! तुम जैसे चाहो मुझे चोदो। मैं तुम्हें मना नहीं करूँगी!”
वो बोला, “फिर ठीक है!”
उसने अपने लंड का सुपाड़ा फिर से मेरी चूत के मुँह पर रख दिया और अपने पूरे जिस्म का जोर देते हुए एक धक्का मारा। मेरे मुंह से जोर की चीख निकली। मैं दर्द के मारे तड़पने लगी जबकि मैं उसका पूरा लंड अपनी चूत में एक बार अंदर ले चुकी थी। लग रहा था कि कोई गरम लोहा मेरी चूत को चीर कर अंदर घुस गया हो। मेरी चूत का मुँह हद से बहुत ज्यादा फैल गया था। उसने मुझे इस तरह से पकड़ रखा था कि मैं जरा सा भी हिलडुल नहीं पा रही थी। जॉन का लंड इस एक ही धक्के में मेरी चूत में चार इंच तक घुस चुका था। इसके पहले की मैं जॉन को मना कर पाती उसने फिर से एक बेहद जोर का धक्का लगा दिया। मेरा पूरा जिस्म थरथर कांपने लगा। मैं पसीने से नहा गयी। मैं दर्द के मारे जोर-जोर से चिल्लाने लगी। मैंने जॉन से रुक जाने को कहा लेकिन जॉन तो जैसे पागल हो चुका था। वो तो कुछ सुन ही नहीं रहा था। उसका लंड दूसरे धक्के के साथ ही मेरी चूत में और ज्यादा गहरायी तक घुस गया। उसने पूरी ताकत के साथ बेहद जोर का तीसरा धक्का लगाया। इस धक्के के साथ ही उसका पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में घुस गया। पूरा लंड मेरी चात में घुसा देने के बाद जॉन रुक गया मेरे मम्मों को मसलते हुए बोला, “क्यों भाभी! मज़ा आया ना?”
मैंने कहा, “तुम बड़े बेरहम हो। तुमने तो मुझे मार ही डाला! धीरे धीरे नहीं घुसा सकते थे क्या?”
जॉन ने अपने लंड का सुपाड़ा मेरी चूत के मुँह पर रखते हुए कहा, “भाभी! आज मैं पहली बार आपकी चुदाई करने जा रहा हूँ। आप चाहे जितना भी चीखोगी या चिल्लाओगी मैं आपकी एक भी नहीं सुनुँगा क्यों कि इसी तरह की चुदाई में औरत को मज़ा आता है और वो अपनी पहली बार की चुदाई को सारी ज़िन्दगी याद करती है। मैं आपकी चूत में पूरा का पूरा लंड घुसाते हुए आपको बहुत बुरी तरह से चोदुँगा!”
मैंने कहा, “जॉन प्लीज़! ऐसा मत करो। मुझे बहुत दर्द होगा। मैं मर जाऊँगी!”
वो बोला, “फिर मुझसे चुदवाने का इरादा छोड़ दो। मैं आपको नहीं चोदूँगा!”
इतना कह कर उसने अपना लंड मेरी चूत के मुँह पर से हटा लिया। मैं ठीक उसी तरह से तड़प उठी जैसे कईं दिनों के भूखे के सामने से खाने की थाली हटा ली गयी हो।
मैंने कहा, “अच्छा बाबा! तुम जैसे चाहो मुझे चोदो। मैं तुम्हें मना नहीं करूँगी!”
वो बोला, “फिर ठीक है!”
उसने अपने लंड का सुपाड़ा फिर से मेरी चूत के मुँह पर रख दिया और अपने पूरे जिस्म का जोर देते हुए एक धक्का मारा। मेरे मुंह से जोर की चीख निकली। मैं दर्द के मारे तड़पने लगी जबकि मैं उसका पूरा लंड अपनी चूत में एक बार अंदर ले चुकी थी। लग रहा था कि कोई गरम लोहा मेरी चूत को चीर कर अंदर घुस गया हो। मेरी चूत का मुँह हद से बहुत ज्यादा फैल गया था। उसने मुझे इस तरह से पकड़ रखा था कि मैं जरा सा भी हिलडुल नहीं पा रही थी। जॉन का लंड इस एक ही धक्के में मेरी चूत में चार इंच तक घुस चुका था। इसके पहले की मैं जॉन को मना कर पाती उसने फिर से एक बेहद जोर का धक्का लगा दिया। मेरा पूरा जिस्म थरथर कांपने लगा। मैं पसीने से नहा गयी। मैं दर्द के मारे जोर-जोर से चिल्लाने लगी। मैंने जॉन से रुक जाने को कहा लेकिन जॉन तो जैसे पागल हो चुका था। वो तो कुछ सुन ही नहीं रहा था। उसका लंड दूसरे धक्के के साथ ही मेरी चूत में और ज्यादा गहरायी तक घुस गया। उसने पूरी ताकत के साथ बेहद जोर का तीसरा धक्का लगाया। इस धक्के के साथ ही उसका पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में घुस गया। पूरा लंड मेरी चात में घुसा देने के बाद जॉन रुक गया मेरे मम्मों को मसलते हुए बोला, “क्यों भाभी! मज़ा आया ना?”
मैंने कहा, “तुम बड़े बेरहम हो। तुमने तो मुझे मार ही डाला! धीरे धीरे नहीं घुसा सकते थे क्या?”