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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
थोड़ी ही देर में उसका लंड पूरी तरह से टाइट हो गया। तभी उसने एक धक्का लगा दिया। दर्द के मारे मेरे मुँह से चीख निकल गयी। उसके लंड का सुपाड़ा मेरी चूत में घुस गया था। मुझे लग रहा था कि किसी ने एक लोहे की रॉड मेरी चूत में घुसेड़ दी हो। लेकिन मैंने जॉन को बिल्कुल भी मना नहीं किया क्योंकि मैं पूरे जोश में आ चुकी थी और जॉन का पूरा लंड अपनी चूत के अंदर लेना चाहती थी। तभी उसने एक जोर का धक्का और लगा दिया। दर्द के मारे मेरे मुँह से जोर की चीख निकली और मेरी आँखों में आँसू आ गये। लग रहा था कि जैसे कोई गरम लोहा मेरी चूत को चीरते हुए अंदर घुस गया हो।

 
मैंने कहा, बाहर निकाल लो अपना लंड, बहुत दर्द हो रहा है!”
 
उसने कहा, थोड़ा बर्दाश्त करो, फिर खूब मज़ा आयेगा!”
 
उसका लंड मेरी चूत में तीन इंच तक घुस चुका था। तभी उसने एक धक्का और लगाया। मैं दर्द से तड़प उठी। लग रहा था कि कोई मेरी चूत को बुरी तरह से फैला रहा है। मेरी चूत हद से काफ़ी ज्यादा फैल चुकी थी। उसका लंड चार इंच तक मेरी चूत में घुस चुका था।
 
मैंने कहा, जॉन! अब रहने दो, बहुत दर्द हो रहा है। तुम इतना लंड ही डाल कर मुझे चोद दो। बाकी का लंड बाद में घुसा देना!”
 
वो बोला, बाद में क्यों! क्या आप मेरा पूरा लंड अपनी चूत में नहीं लेना चाहती?”
 
मैंने कहा, लेना तो चाहती हूँ।
 
वो बोला, तो फिर पूरा अंदर लो!”
 
इतना कहने के बाद उसने पूरी ताकत से एक जोर का धक्का और मारा। दर्द के मारे मैं तड़प उठी और मेरी आँखों के सामने अन्धेरा छाने लगा। उसका लंड मेरी चूत में पाँच इंच तक घुस गया था। मैं रोने लगी।
 
वो बोला,रो क्यों रो रही हो?”
 
मैंने कहा, बहुत दर्द हो रहा है। मुझसे ये दर्द बर्दाश्त नही हो रहा है। मेरी चूत फट जायेगी!”
 
तभी कॉल-बेल बजी। हम दोनों घबरा गये। जॉन बोला,पता नहीं कौन आ गया इस समय!”
 
मैंने कहा, अब आज रहने दो और जा कर देखो कि कौन आया है!”
 
वो बोला, जाता हूँ, पहले मैं पूरा लंड तो घुसा दूँ!”
 
मैंने कहा, “बाद में कर लेना!
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RE: हिंदी की कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 18-12-2021, 02:42 AM



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