18-12-2021, 02:41 AM
मैंने उसके लंड के सुपाड़े को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। मैं काफी देर तक उसके लंड को चूसती रही और वो एक हाथ से मेरा सिर सहालाता रहा और दूसरे हाथ से मेरे बूब्स को मसलता रहा। थोड़ी देर बाद उसके लंड का रस मेरे मुँह में निकलने लगा। मैंने अभी तक फ्रांसिस के लंड के रस का स्वाद नहीं लिया था इसलिये मुझे उसके लंड के रस का स्वाद बहुत अच्छा लग रहा था। मैं उसके लंड का सारा रस निगल गयी।
जॉन बहुत खुश हो गया और बोला, “आज तो मज़ा आ गया। चुदवाओगी?”
मैंने कहा, “नहीं!”
वो बोला, “क्यों। अभी तो कह रही थी कि कुछ ऐसा ही समझ लो! अब कह रही हो, नहीं!”
मैंने कहा, “तुम्हारा बहुत बड़ा है। दर्द बहुत होगा!”
वो बोला, “तो क्या हुआ, मज़ा भी तो आयेगा!”
इतना कह कर उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरी चूत को सहलाने लगा। मेरे सारे बदन में बिजली सी दौड़ने लगी। उसने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिये। मैंने भी जोश के मारे उसके होंठों को चूमना शुरु कर दिया। थोड़ी देर बाद जॉन ने एक अंगुली मेरी चूत में डाल दी और अंदर बाहर करने लगा तो मुझे खूब मज़ा आने लगा मैंने भी जोश के मारे अपने चुतड़ उठाने शुरु कर दिये। थोड़ी ही देर के बाद मुझे लगा कि मेरी चूत से कुछ निकलने वाला है।
मैंने शर्माते हुए जॉन से कहा, “अपनी अंगुली बाहर निकाल लो!”
वो बोला, “क्यों... अच्छा नहीं लग रहा है?”
मैंने कहा, “बहुत अच्छा लग रहा है। लेकिन मुझे लग रहा है कि मेरी चूत से रस छूटने वाला है!”
वो बोला, “ये तो बहुत अच्छी बात है। जैसे मेरे लंड से रस निकला था उसी तरह आपकी चूत से भी रस निकलेगा!”
इतना कह कर जॉन उठा और मेरे उपर सिक्सटी-नाइन की पोज़िशन में हो गया। उसने अपनी जीभ मेरी क्लिट पर फिराते हुए मेरी चूत को चाटना शुरु कर दिया। मेरे सारे बदन में सनसनी सी होने लगी। मैंने जॉन का लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी। मैं एक हाथ से जॉन का सिर अपनी चूत पर दबाने लगी तो वो मेरी चूत को और ज्यादा तेज़ी के साथ चाटने लगा। मैं और ज्यादा जोश में आ गयी। मैंने जॉन का लंड तेजी के साथ चूसना शुरु कर दिया। अब तक मैं बिल्कुल बेकाबू हो चुकी थी और चाहती थी कि जॉन मुझे चोद दे। तभी मेरी चूत से कुछ गरम-गरम सा निकलने लगा। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। जॉन ने मेरी चूत का सारा का सारा रस चाट लिया। जॉन का लंड भी फिर से खडा हो चुका था। मेरी चूत का सारा रस चाट लेने के बाद जॉन मेरी टाँगों के बीच आ गया। उसने मेरी दोनों टाँगों को फैला कर अपने लंड का सुपाड़ा मेरी चूत के बीच रख दिया। उसके बाद उसने मेरे दोनों मम्मों को मसलते हुए अपने लंड के सुपाड़े को मेरी चूत पर रगड़ना शुरु कर दिया। मेरे सारे बदन में गुदगुदी सी होने लगी और जोश में आ कर मैं सिसकारियाँ भरने लगी।
जॉन बहुत खुश हो गया और बोला, “आज तो मज़ा आ गया। चुदवाओगी?”
मैंने कहा, “नहीं!”
वो बोला, “क्यों। अभी तो कह रही थी कि कुछ ऐसा ही समझ लो! अब कह रही हो, नहीं!”
मैंने कहा, “तुम्हारा बहुत बड़ा है। दर्द बहुत होगा!”
वो बोला, “तो क्या हुआ, मज़ा भी तो आयेगा!”
इतना कह कर उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरी चूत को सहलाने लगा। मेरे सारे बदन में बिजली सी दौड़ने लगी। उसने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिये। मैंने भी जोश के मारे उसके होंठों को चूमना शुरु कर दिया। थोड़ी देर बाद जॉन ने एक अंगुली मेरी चूत में डाल दी और अंदर बाहर करने लगा तो मुझे खूब मज़ा आने लगा मैंने भी जोश के मारे अपने चुतड़ उठाने शुरु कर दिये। थोड़ी ही देर के बाद मुझे लगा कि मेरी चूत से कुछ निकलने वाला है।
मैंने शर्माते हुए जॉन से कहा, “अपनी अंगुली बाहर निकाल लो!”
वो बोला, “क्यों... अच्छा नहीं लग रहा है?”
मैंने कहा, “बहुत अच्छा लग रहा है। लेकिन मुझे लग रहा है कि मेरी चूत से रस छूटने वाला है!”
वो बोला, “ये तो बहुत अच्छी बात है। जैसे मेरे लंड से रस निकला था उसी तरह आपकी चूत से भी रस निकलेगा!”
इतना कह कर जॉन उठा और मेरे उपर सिक्सटी-नाइन की पोज़िशन में हो गया। उसने अपनी जीभ मेरी क्लिट पर फिराते हुए मेरी चूत को चाटना शुरु कर दिया। मेरे सारे बदन में सनसनी सी होने लगी। मैंने जॉन का लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी। मैं एक हाथ से जॉन का सिर अपनी चूत पर दबाने लगी तो वो मेरी चूत को और ज्यादा तेज़ी के साथ चाटने लगा। मैं और ज्यादा जोश में आ गयी। मैंने जॉन का लंड तेजी के साथ चूसना शुरु कर दिया। अब तक मैं बिल्कुल बेकाबू हो चुकी थी और चाहती थी कि जॉन मुझे चोद दे। तभी मेरी चूत से कुछ गरम-गरम सा निकलने लगा। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। जॉन ने मेरी चूत का सारा का सारा रस चाट लिया। जॉन का लंड भी फिर से खडा हो चुका था। मेरी चूत का सारा रस चाट लेने के बाद जॉन मेरी टाँगों के बीच आ गया। उसने मेरी दोनों टाँगों को फैला कर अपने लंड का सुपाड़ा मेरी चूत के बीच रख दिया। उसके बाद उसने मेरे दोनों मम्मों को मसलते हुए अपने लंड के सुपाड़े को मेरी चूत पर रगड़ना शुरु कर दिया। मेरे सारे बदन में गुदगुदी सी होने लगी और जोश में आ कर मैं सिसकारियाँ भरने लगी।