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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
मैं बेहद सैक्सी थी और शादी के बाद फ्रांसिस मेरी प्यास जरा सा भी नहीं बुझा पाये थे इसलिये मैं जॉन के लंड को ध्यान से देखती रही। मुझे जॉन का लंड बेहद अच्छा लग रहा था। उसके लंड को देख कर मेरे दिल में गुदगुदी सी होने लगी। मैंने सोचा काश फ्रांसिस का लंड भी ऐसा ही होता तो मुझे खूब मज़ा आता। मैं बहुत देर तक उसके लंड को देखती रही। अचानक मेरे दिल में खयाल आया कि जॉन को कॉलेज भी जाना है। मैं सोच में पड़ गयी कि उसे कैसे जगाऊँ। वो जागने के बाद पता नहीं क्या सोचेगा। बहुत देर तक मैं खड़ी-खड़ी सोचती रही और उसके लंड को देखती रही। मैंने दिल ही दिल सोचा, काश जॉन ही मुझे चोद देता तो मुझे जवानी का मज़ा तो मिल जाता।

 
मैं जॉन के नज़दीक गयी और कहा, जॉन, साढ़े नौ बज रहे हैं। उठना नहीं है क्या?” वो हड़बड़ा कर उठा तो उसने खुद को एक दम नंगा पाया। वो कभी मुझे और कभी अपने लंड की तरफ़ देखने लगा।
 
मैंने कहा, तुम ऐसे ही सोते हो क्या। तुम्हें शर्म नहीं आती?”
 
वो बोला,गहरी नींद में सोने की वजह से अक्सर मेरी लुंगी खुल कर इधर उधर हो जाती है। आज आपने भी मेरा लंड देख ही लिया। अब क्या होगा।
 
मैंने कहा, होगा क्या?”
 
उसने अपने लंड कि तरफ़ इशारा करते हुए कहा, भाभी! ये मुझे बेहद परेशान करता है। अक्सर सुबह को ये खड़ा हो जाता है!” इतना कह कर उसने अपनी लुंगी उठानी चाही तो मैंने तुरन्त ही उसकी लुंगी उठा ली और कहा,तुम ऐसे ही बहुत अच्छे लग रहे हो!”
 
वो बोला,क्या मैं ही अच्छा लग रहा हूँ। क्या मेरा लंड अच्छा नहीं है?”
 
मैंने कहा, वो तो बेहद अच्छा है!”
 
वो बोला, पसन्द आया आपको?”
 
मैंने कहा, हाँ!”  
 
वो बोला, फिर ठीक है। चाहो तो हाथ लगा कर देख लो!”
 
मैंने कहा, कॉलेज नहीं जाना है क्या?”
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RE: हिंदी की कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 18-12-2021, 02:39 AM



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