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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
तब मैंने कहा, “आपको तो मज़ा आ गया लेकिन मेरा तो अभी बाकी है!” और ये कहते हुए मैं उनके ऊपर चढ़ गया और उनकी चूत में अपना लंड डाल दिया। वो सिसकते हुए बोली, बस कर... अब और नहीं... तुम जवान लड़कों को तो तसल्ली ही नहीं होती…!” तब मैंने अपने होंठ उनके होंठों पर रख दिए और जोर से उनके होंठों को चूसने लगा। अब वो आवाज़ नहीं कर पा रही थी और मैं जोर-जोर से झटके लेने लगा। तभी मैंने देखा कि सानिया कमरे के दरवाजे के पीछे से सब कुछ देख रही है और अपने चूंची को अपने हाथों से दबा रहे है। ये देख कर मैं और जोश में आ गया और आयशा आँटी को जोर-जोर से चोदने लग।

 
करीब पंद्रह मिनट के बाद मैं भी हल्का हो गया और हल्का होकर आयशा आँटी की बगल में ही लेट गया। वो अपने लिपस्टिक वाले होठों से मेरे होठों को चूमते हुए बोली,आज बहुत मज़ा आया... तेरा दिल जब भी चोदने को करे तो तू मेरे पास आ जाया कर!”
 
मैंने कहा, ठीक है!” फिर मैंने आँटी से कहा कि क्या लड़की को चोदने में और ज्यादा मज़ा आता है?” तो वो बोली कि तू चिंता मत कर... तेरा इशारा मैं समझ रही हूँ... तू ईद की रात में करीब बारह बजे के आस पास घर आना। उस समय तेरे अंकल भी घर पर नहीं रहेंगे क्योंकि वो दस बजे की ट्रेन से कुछ दिनों के लिये टूर पे जा रहे हैं और मैं तुम और सानिया तीनों एक साथ चुदाई करेंगे!”
 
ये सुनकर मैं चौंक गया और उनसे कहा कि क्या आप को खराब नहीं लगेगा जब मैं आपके सामने ही सानिया को चोदूँगा?”
 
आयेशा आँटी बोली, खराब क्यों लगेगा…? सैक्स के मामले में मैं बेहद ओपन हूँ... और आखिर मैं भी तो देखूँ कि मेरी बेटी की चूत चोदने में तुझे ज्यादा मज़ा आता है या मेरी चूत चोदने में!”
 
तब मैंने कहा, ठीक है आँटी... मैं बारह बजे आ जाऊँगा!”
 
ईद की रात को मैं जल्दी से बारह बजने का इंतज़ार करने लगा। मन में उत्तेजना थी कि आज सानिया को भी चोदूँगा। सानिया की चूत कैसी होगी, यही सोच कर उत्तेजित हो रहा था मैं। बड़ी मुश्किल से रात के बारह बजे। मैं किसी तरह से चुपचाप सानिया के घर गया। मैं घर के पीछे वाले दरवाज़े से गया था जिससे कोई देख ना सके। जब मैं घर में गया तो देखा कि ड्राइंग रूम में आयशा आँटी मैरून रंग का बहुत ही सैक्सी गाऊन और मैरून रंग के ही हाई पैंसिल हील के सैंडल पहन कर बैठी थी और एक हाथ में शराब का ग्लास पकड़े किसी से फोन पर बातें कर रहे थी। मुझे देख कर बोली, आ गये तुम!”
 
मैंने कहा, हाँ! बहुत मुश्किल से तो रात के १२ बजे हैं... मैं बहुत बेचैनी से रात के बारह बजने का इंतज़ार कर रहा था!”
 
मैंने पूछा, आँटी! सानिया कहाँ है?”
 
आयशा आँटी बोली, इतने बेचैन क्यों हो रहे हो, आज की रात तुम्हें जो कुछ भी करना है, सब कुछ कर लेना, आज सानिया को ऐसे चोदो कि उसे भी मज़ा आ जाये!”
 
मैंने कहा, हाँ आँटी! आप ही का शागिर्द हूँ.. आज सानिया को मैं ऐसे ही चोदूँगा!”
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RE: हिंदी की कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 18-12-2021, 02:32 AM



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