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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
झबरू ने कहा,शाबाश! देखा तीन बार चुदवाने के बाद आप थोड़ा ठीक से चलने लगी हो!”

 
वो बोली, साले हरामी! वो तो मैं ही जानती हूँ कि मैं कैसे चल रही हूँ!”
 
झबरू बोला,अभी मैं फिर से आपकी चुदाई करूँगा!”
 
एक घंटे के बाद झबरू ने फिर से संजीदा की बहुत ही बुरी तरह से चुदाई की। झबरू से चुदवाने के बाद मैं भी बिना सहारे के नहीं चल पा रही थी। मैंने कहा, मैं भी तो ठीक से नहीं चल पा रही हूँ।
 
वो बोला, पहले मुझे इनकी चाल ठीक कर लेने दो। उसके बाद मैं आपकी भी बहुत बुरी तरह से चुदाई कर दुँगा उसके बाद आप भी ठीक से चलने लगोगी!”
 
उस दिन के बाद से तो संजीदा और रशीद प्रैक्टीकली मेरे घर पर ही रहने लगे। सारा काम रशीद ही संभालने लगा क्योंकि मैं साईट पर भी अब हफ्ते में दो-तीन दिन ही जाती थी। संजीदा भी मेरी तरह ही चुदक्कड़ निकली और हम दोनों मिलकर नशे में मस्त होकर दिन-रात मोनू और झबरू से चुदवाती रहती। रात को रशीद अकेला दूसरे बेडरूम में सोता रहता जबकि संजीदा मेरे साथ मेरे बेडरूम में मोनू और झबरू के साथ ऐश करती।
 
॥॥। समाप्त ॥॥।
 
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RE: हिंदी की कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 18-12-2021, 02:23 AM



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