18-12-2021, 02:20 AM
संजीदा ने तुरंत ही कहा, “आपा, मैं झबरू से नहीं चुदवाऊँगी। बस तुम ही चुदवा लो!”
मैंने पूछा, “क्यों, क्या हुआ?”
वो बोली, “मैं इसका लंड अपनी चूत के अंदर नहीं ले पाऊँगी। मेरी चूत का पहले से ही बहुत बुरा हाल है। मेरी चूत एक दम फट जायेगी।”
मैंने कहा, “मज़ा नहीं लेना है?”
वो बोली, “मज़ा तो मैं भी लेना चाहती हूँ। लेकिन मुझे झबरू के लंड को देख कर बहुत डर लग रहा है!”
मैंने कहा, “जब मैं चुदवा लुँगी तब तो तुम्हारा डर खतम हो जायेगा!”
वो बोली, “पहले तुम चुदवा लो। मैं बाद में सोचुँगी।”
मैंने झबरू से कहा, “पहले तुम मुझे चोद दो। संजीदा बाद में चुदवायेगी!”
झबरू भी लंड खड़ा होने के बाद जोश में आ चुका था। उसने मुझसे कहा, “आप सोच लो। मुझसे चुदवाने में अगर आपकी चूत फट गयी तो बाद में मुझे दोष मत देना।”
मैंने कहा, “मैं तुम्हें कुछ भी नहीं कहुँगी।” फिर मैंने रशीद से कहा, “रशीद मुझे एक ग्लास में व्हिस्की भर के दे दो... नशे में मैं इसका लंड मज़े से झेल लुँगी!”
रशीद ने जल्दी से एक ग्लास में तीन पैग जितनी व्हिस्की डाल कर मुझे दे दी और मैंने जल्दी-जल्दी गटकने लगी। मुझे गले और पेट में जलन तो हुई पर मैं जल्दी से नशे में मदहोश होना चाहती थी।
झबरू बोला, “आपकी मर्ज़ी है लेकिन पहले मुझे कोई क्रीम या तेल दे दो। मैं अपने लंड पर लगा लूँ। उसके बाद मैं आपकी चुदाई करूँगा।”
मुझ पर व्हिस्की का नशा छाने लगा था और मैं मस्ती में आ गयी थी। मैंने रशीद को इशारा किया तो उसने एक क्रीम झबरू को दे दी। झबरू ने ढेर सारी क्रीम अपने लंड पर लगा ली। उसके बाद मैंने भी आननफ़ानन अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिये और ऊँची हील के सैंडल के अलावा बिल्कुल मादरजात नंगी हो गयी।। जब मैं एक दम नंगी हो गयी तो उसने मेरे चूत्तड़ बेड के किनारे पर रख कर मुझे बेड पर लिटा दिया और खुद मेरी टाँगों के बीच ज़मीन पर खड़ा हो गया। उसके बाद उसने दो तकिये मेरे चूत्तड़ों के नीचे रख दिये। मेरी चूत अब उसके लंड की सीध में हो गयी।
उसने मुझे कहा, “एक बार फिर से सोच लो!”
मैंने कहा, “अब सोचना क्या है। अब तुम मेरी इस तरह से चुदाई करो कि मुझे ज्यादा तकलीफ़ ना हो।”
मैंने पूछा, “क्यों, क्या हुआ?”
वो बोली, “मैं इसका लंड अपनी चूत के अंदर नहीं ले पाऊँगी। मेरी चूत का पहले से ही बहुत बुरा हाल है। मेरी चूत एक दम फट जायेगी।”
मैंने कहा, “मज़ा नहीं लेना है?”
वो बोली, “मज़ा तो मैं भी लेना चाहती हूँ। लेकिन मुझे झबरू के लंड को देख कर बहुत डर लग रहा है!”
मैंने कहा, “जब मैं चुदवा लुँगी तब तो तुम्हारा डर खतम हो जायेगा!”
वो बोली, “पहले तुम चुदवा लो। मैं बाद में सोचुँगी।”
मैंने झबरू से कहा, “पहले तुम मुझे चोद दो। संजीदा बाद में चुदवायेगी!”
झबरू भी लंड खड़ा होने के बाद जोश में आ चुका था। उसने मुझसे कहा, “आप सोच लो। मुझसे चुदवाने में अगर आपकी चूत फट गयी तो बाद में मुझे दोष मत देना।”
मैंने कहा, “मैं तुम्हें कुछ भी नहीं कहुँगी।” फिर मैंने रशीद से कहा, “रशीद मुझे एक ग्लास में व्हिस्की भर के दे दो... नशे में मैं इसका लंड मज़े से झेल लुँगी!”
रशीद ने जल्दी से एक ग्लास में तीन पैग जितनी व्हिस्की डाल कर मुझे दे दी और मैंने जल्दी-जल्दी गटकने लगी। मुझे गले और पेट में जलन तो हुई पर मैं जल्दी से नशे में मदहोश होना चाहती थी।
झबरू बोला, “आपकी मर्ज़ी है लेकिन पहले मुझे कोई क्रीम या तेल दे दो। मैं अपने लंड पर लगा लूँ। उसके बाद मैं आपकी चुदाई करूँगा।”
मुझ पर व्हिस्की का नशा छाने लगा था और मैं मस्ती में आ गयी थी। मैंने रशीद को इशारा किया तो उसने एक क्रीम झबरू को दे दी। झबरू ने ढेर सारी क्रीम अपने लंड पर लगा ली। उसके बाद मैंने भी आननफ़ानन अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिये और ऊँची हील के सैंडल के अलावा बिल्कुल मादरजात नंगी हो गयी।। जब मैं एक दम नंगी हो गयी तो उसने मेरे चूत्तड़ बेड के किनारे पर रख कर मुझे बेड पर लिटा दिया और खुद मेरी टाँगों के बीच ज़मीन पर खड़ा हो गया। उसके बाद उसने दो तकिये मेरे चूत्तड़ों के नीचे रख दिये। मेरी चूत अब उसके लंड की सीध में हो गयी।
उसने मुझे कहा, “एक बार फिर से सोच लो!”
मैंने कहा, “अब सोचना क्या है। अब तुम मेरी इस तरह से चुदाई करो कि मुझे ज्यादा तकलीफ़ ना हो।”