18-12-2021, 02:20 AM
मेरे मन में ख्याल आया कि मुझे किसी दूसरे मर्द का इंतज़ाम कर लेना चाहिए। तभी हम दोनों चुदाई का खूब मज़ा ले पायेंगी। तीसरे दिन मैं रशीद के साथ दूसरी साईट पर गयी। वो साईट एक आदिवासी इलाके में थी। संजीदा और मोनू घर पर ही थे। मैंने उस साईट पर भी एक आदमी देखा। वो आदिवासी था और उसका रंग एक दम साँवला था लेकिन था बहुत ही हट्टा कट्टा। उसका लंड मुझे मोनू के लंड से भी मोटा और लंबा लगा। मैंने रशीद से उसे भी घर पर काम करने के लिये रखने को कहा। रशीद ने उससे बात की तो वो राज़ी हो गया। उसका नाम झबरू था। वो हमारे साथ घर आ गया।
जब उसे मालूम हुआ कि उसे मेरी और संजीदा की चुदाई करनी है तो उसने इनकार कर दिया। मैंने उस से वजह पूछी तो उसने कहा, “मेरा लंड बहुत ही लंबा और मोटा है। मैं एक घंटे के पहले नहीं झड़ पाता। मैं पहले भी दो लड़कियों को चोद चुका हूँ। एक बार की चुदाई में ही उनकी चूत बुरी तरह से फट गयी थी और उन्हें असपताल में भर्ती होना पड़ा। उसके बाद मैंने कसम खायी कि अब मैं किसी की चुदाई नहीं करूँगा!”
मैंने कहा, “ठीक है, तुम मोनू का लंड देख लो। हम दोनों ने बड़े आराम से इसके लंड से खूब चुदवाया है।”
मैंने मोनू से कहा, “तुम झबरू को अपना लंड दिखा दो!”
मोनू ने झबरू को अपना लंड दिखाया तो झबरू ने कहा, “इसका लंड तो मेरे लंड से बहुत पतला और छोटा है।”
मैंने झबरू से कहा, “जरा मैं भी तो देखूँ कि तुम्हारा लंड कैसा है?”
वो बोला, “हाँ, मैं अपना लंड जरूर दिखा सकता हूँ लेकिन मैं आप दोनों को चुदूँगा नहीं!”
झबरू ने अपना निक्कर उतार दिया। उसका लंड देख कर मैं घबरा गयी। उसका लंड वाकय में माशा अल्लाह काफ़ी लंबा और मोटा था। मैंने कहा, “अभी तुम्हारा लंड ढीला है। पहले इसे खड़ा करो। उसके बाद ही तुम्हारे लंड के सही साईज़ का पता चलेगा।”
उसने कहा, “इसे आप दोनों को ही खड़ा करना पड़ेगा!”
झबरू के लंड को देख कर संजीदा बहुत जोश में थी और वो उसके लंड को लालच भरी निगाहों से देख रही थी। मैंने संजीदा को इशारा किया तो उसने झबरू का लंड सहलाना शुरू कर दिया। थोड़ी ही देर में झबरू का लंड खड़ा होने लगा। उसका लंड खड़ा होने के बाद किसी मूसल की तरह नज़र आ रहा था। झबरू का लंड करीब नौ इंच लंबा और तीन इंच चौड़ा था।
मैंने थोड़ा सोचते हुए कहा, “हम दोनों तुम्हारे लंड से चुदवाने के लिये तैयार हैं!”
जब उसे मालूम हुआ कि उसे मेरी और संजीदा की चुदाई करनी है तो उसने इनकार कर दिया। मैंने उस से वजह पूछी तो उसने कहा, “मेरा लंड बहुत ही लंबा और मोटा है। मैं एक घंटे के पहले नहीं झड़ पाता। मैं पहले भी दो लड़कियों को चोद चुका हूँ। एक बार की चुदाई में ही उनकी चूत बुरी तरह से फट गयी थी और उन्हें असपताल में भर्ती होना पड़ा। उसके बाद मैंने कसम खायी कि अब मैं किसी की चुदाई नहीं करूँगा!”
मैंने कहा, “ठीक है, तुम मोनू का लंड देख लो। हम दोनों ने बड़े आराम से इसके लंड से खूब चुदवाया है।”
मैंने मोनू से कहा, “तुम झबरू को अपना लंड दिखा दो!”
मोनू ने झबरू को अपना लंड दिखाया तो झबरू ने कहा, “इसका लंड तो मेरे लंड से बहुत पतला और छोटा है।”
मैंने झबरू से कहा, “जरा मैं भी तो देखूँ कि तुम्हारा लंड कैसा है?”
वो बोला, “हाँ, मैं अपना लंड जरूर दिखा सकता हूँ लेकिन मैं आप दोनों को चुदूँगा नहीं!”
झबरू ने अपना निक्कर उतार दिया। उसका लंड देख कर मैं घबरा गयी। उसका लंड वाकय में माशा अल्लाह काफ़ी लंबा और मोटा था। मैंने कहा, “अभी तुम्हारा लंड ढीला है। पहले इसे खड़ा करो। उसके बाद ही तुम्हारे लंड के सही साईज़ का पता चलेगा।”
उसने कहा, “इसे आप दोनों को ही खड़ा करना पड़ेगा!”
झबरू के लंड को देख कर संजीदा बहुत जोश में थी और वो उसके लंड को लालच भरी निगाहों से देख रही थी। मैंने संजीदा को इशारा किया तो उसने झबरू का लंड सहलाना शुरू कर दिया। थोड़ी ही देर में झबरू का लंड खड़ा होने लगा। उसका लंड खड़ा होने के बाद किसी मूसल की तरह नज़र आ रहा था। झबरू का लंड करीब नौ इंच लंबा और तीन इंच चौड़ा था।
मैंने थोड़ा सोचते हुए कहा, “हम दोनों तुम्हारे लंड से चुदवाने के लिये तैयार हैं!”