18-12-2021, 02:17 AM
संजीदा इतनी ज्यादा जोश में आ चुकी थी कि वो रोने लगी। लेकिन उसने मोनू से कुछ भी नहीं कहा। पाँच मिनट में ही संजीदा फिर से झड़ गयी तो उसने मोनू का सिर जोर से पकड़ लिया और बोली, “अब तो मैं फिर से झड़ गयी हूँ। अब तो देर ना करो। जल्दी से चोद दो मुझे!”
मोनू ने कहा, “मेरा लंड बहुत लंबा और मोटा है। आप इसे अपनी चूत के अंदर ले पाओगी? बहुत दर्द होगा!”
संजीदा बोली, “मैं कुछ नहीं जानती। बस तुम अब देर मत करो। डाल दो अपना पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में और खूब जोर-जोर से चोदो मुझे!”
मोनू बोला, “ठीक है। मैं लेट जाता हूँ। आप खुद ही मेरा लंड अपनी चूत के अंदर ज्यादा से ज्यादा घुसाने की कोशिश करो!”
मोनू संजीदा के ऊपर से हट कर लेट गया तो संजीदा तुरंत ही मोनू के ऊपर चढ़ गयी। संजीदा जोश में एक दम पागल हो रही थी। उसने मोनू के लंड का सुपाड़ा अपनी चूत के बीच रखा और जोर से दबा दिया। मोनू के लंड का सुपाड़ा संजीदा की चूत को चीरता हुआ अंदर घुस गया। उसे इस कदर तेज दर्द हुआ कि वो तड़पते हुए तुरंत ही मोनू के ऊपर से हट गयी और लेट गयी। संजीदा को बिल्कुल भी नहीं मालूम था कि इतना दर्द होगा।
आखिर मोनू का लंड भी था तो बेहद मोटा। संजीदा दर्द के मारे तड़प रही थी। मोनू संजीदा के होंठों को चूमने लगा। थोड़ी देर बाद संजीदा आसुदा हुई तो मोनू ने कहा, “मेरे ऊपर आ जाओ और मेरा लंड अपनी चूत में और ज्यादा घुसाने की कोशिश करो!”
संजीदा बोली, “मैं तुम्हारा लंड अपनी चूत में नहीं घुसा पाऊँगी। मुझे बेइंतेहा दर्द हो रहा है। अब तुम ही अपना लंड मेरी चूत में घुसाओ।”
मोनू बोला, “बहुत दर्द होगा!”
संजीदा बोली, “तुम तो मर्द हो। तुम ही अपना लंड मेरी चूत में जबरदस्ती घुसा सकते हो।”
मोनू बोला, “ठीक है!”
मोनू संजीदा की टाँगों के बीच आ गया। उसने संजीदा की टाँगों को घुटनों से मोड़ कर उसके कंधों के पास सटा कर दबा दिया। संजीदा एक दम दोहरी हो गयी और उसकी चूत उपर की तरफ उठ गयी। मोनू ने अपने लंड का सुपाड़ा उसकी चूत के बीच रखा। मोनू ने जोर लगाते हुए अपना लंड संजीदा की चूत के अंदर दबाना शुरू किया। जैसे ही मोनू का लंड संजीदा की चूत में दो इंच घुसा तो संजीदा जोर-जोर से चींखने लगी। लेकिन मोनू रुका नहीं और उसने थोड़ा जोर और लगा दिया। संजीदा दर्द के मारे तड़पने लगी। उसकी आँखों में आँसू आ गये। उसका सारा जिस्म पसीने से नहा गया। उसकी टाँगें थरथर काँपने लगी। मोनू का लंड संजीदा की चूत में तीन इंच तक घुस चुका था। मैं संजीदा के पास बैठ गयी और मैंने उसकी चूचियों को सहलाना शुरू कर दिया।
मोनू ने कहा, “मेरा लंड बहुत लंबा और मोटा है। आप इसे अपनी चूत के अंदर ले पाओगी? बहुत दर्द होगा!”
संजीदा बोली, “मैं कुछ नहीं जानती। बस तुम अब देर मत करो। डाल दो अपना पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में और खूब जोर-जोर से चोदो मुझे!”
मोनू बोला, “ठीक है। मैं लेट जाता हूँ। आप खुद ही मेरा लंड अपनी चूत के अंदर ज्यादा से ज्यादा घुसाने की कोशिश करो!”
मोनू संजीदा के ऊपर से हट कर लेट गया तो संजीदा तुरंत ही मोनू के ऊपर चढ़ गयी। संजीदा जोश में एक दम पागल हो रही थी। उसने मोनू के लंड का सुपाड़ा अपनी चूत के बीच रखा और जोर से दबा दिया। मोनू के लंड का सुपाड़ा संजीदा की चूत को चीरता हुआ अंदर घुस गया। उसे इस कदर तेज दर्द हुआ कि वो तड़पते हुए तुरंत ही मोनू के ऊपर से हट गयी और लेट गयी। संजीदा को बिल्कुल भी नहीं मालूम था कि इतना दर्द होगा।
आखिर मोनू का लंड भी था तो बेहद मोटा। संजीदा दर्द के मारे तड़प रही थी। मोनू संजीदा के होंठों को चूमने लगा। थोड़ी देर बाद संजीदा आसुदा हुई तो मोनू ने कहा, “मेरे ऊपर आ जाओ और मेरा लंड अपनी चूत में और ज्यादा घुसाने की कोशिश करो!”
संजीदा बोली, “मैं तुम्हारा लंड अपनी चूत में नहीं घुसा पाऊँगी। मुझे बेइंतेहा दर्द हो रहा है। अब तुम ही अपना लंड मेरी चूत में घुसाओ।”
मोनू बोला, “बहुत दर्द होगा!”
संजीदा बोली, “तुम तो मर्द हो। तुम ही अपना लंड मेरी चूत में जबरदस्ती घुसा सकते हो।”
मोनू बोला, “ठीक है!”
मोनू संजीदा की टाँगों के बीच आ गया। उसने संजीदा की टाँगों को घुटनों से मोड़ कर उसके कंधों के पास सटा कर दबा दिया। संजीदा एक दम दोहरी हो गयी और उसकी चूत उपर की तरफ उठ गयी। मोनू ने अपने लंड का सुपाड़ा उसकी चूत के बीच रखा। मोनू ने जोर लगाते हुए अपना लंड संजीदा की चूत के अंदर दबाना शुरू किया। जैसे ही मोनू का लंड संजीदा की चूत में दो इंच घुसा तो संजीदा जोर-जोर से चींखने लगी। लेकिन मोनू रुका नहीं और उसने थोड़ा जोर और लगा दिया। संजीदा दर्द के मारे तड़पने लगी। उसकी आँखों में आँसू आ गये। उसका सारा जिस्म पसीने से नहा गया। उसकी टाँगें थरथर काँपने लगी। मोनू का लंड संजीदा की चूत में तीन इंच तक घुस चुका था। मैं संजीदा के पास बैठ गयी और मैंने उसकी चूचियों को सहलाना शुरू कर दिया।