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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
रात के आठ बजे मैं मोनू के साथ डीनर के लिये एक होटल में गयी। होटल से लौट कर आने के बाद मोनू ने सारी रात मुझे बहुत ही अच्छी तरह से चोदा। उसने मुझे पूरी तरह से मस्त कर दिया था। तीसरे दिन सुबह के आठ बजे काल-बेल बजी तो मैंने मोनू से कहा, जा कर देखो। शायद रशीद आया है!”

 
मोनू ने एक टॉवल लपेट लिया और जा कर दरवाजा खोला तो रशीद ही था। मोनू रशीद के साथ मेरे पास आया। रशीद ने मोनू के सामने ही मुझसे पूछा,कैसी रही चुदाई!” तो मोनू समझ गया था कि रशीद को सब कुछ मालूम है।
 
मैंने कहा, इतनी अच्छी कि मैं बता नहीं सकती!”
 
रशीद बोला, मोनू का लंड पसंद आया?”
 
तो मैंने कहा,हाँ, बेहद पसंद आया!”
 
रशीद बोला, कितनी दफ़ा चोदा मोनू ने?”
 
मैंने कहा, मैंने तो बस पूरी मस्ती के साथ मोनू से खूब चुदवाया। मैं नहीं बता सकती कि इसने कितनी दफ़ा मेरी चुदाई की। तुम मोनू से पूछ लो, शायद ये बता सके!”
 
रशीद ने मोनू से पूछा तो उसने कहा, बारह बार!”
 
रशीद ने कहा, शाबाश मोनू, बस तुम इसी तरह अमीना की चुदाई करते रहो। अभी तो तुम्हें मेरी बीवी की चुदाई भी करनी है!” उसके बाद रशीद ने मुझसे पूछा, मैं अपनी बीवी को कब ले आऊँ?”
 
मैंने कहा, मुझे कल तक खूब जम कर चुदवा लेने दो। कल शाम को तुम अपनी बीवी को ले आना!”
 
रशीद ने मुझसे कहा, मैं भी तुम्हारी चुदाई देखना चाहता हूँ। एक बार तुम मोनू से मेरे सामने चुदवा लो!”
 
मैंने मोनू को अपने करीब बुलाया। जब वो मेरे करीब आया तो मैंने उसका टॉवल एक झटके से खींच लिया। मोनू का आठ इंच का खूब मोटा लंड फनफनाता हुआ बाहर आ गया। रशीद उसके लंड को देखता ही रह गया। वो बोला, मेरी बीवी तो अभी कुँवारी है। इसका इतना मोटा लंड उसकी चूत में कैसे घुसेगा!”
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RE: हिंदी की कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 18-12-2021, 02:14 AM



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