18-12-2021, 02:13 AM
उसने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल लिया तो मैं डॉगी स्टाईल में हो गयी। मोनू मेरे पीछे आ गया और उसने अपना पूरा का पूरा लंड एक झटके से मेरी चूत में डाल दिया। मुझे थोड़ा दर्द महसूस हुआ तो मेरे मुँह से हल्की सी चींख निकल गयी। पूरा लंड मेरी चूत में घुसा देने के बाद मोनू ने मेरी कमर को पकड़ लिया और मुझे बहुत ही तेजी के साथ चोदने लगा। थोड़ी देर तक तो मैं दर्द से तड़पती रही लेकिन फिर बाद में मैं भी अपने चूत्तड़ आगे पीछे करते हुई मोनू का साथ देने लगी। मुझे साथ देते हुए देख कर मोनू ने अपनी रफ़्तार काफ़ी तेज कर दी।
दस मिनट की चुदाई के बाद ही मैं फिर से झड़ गयी। मेरे झड़ जाने के बाद मोनू ने मुझे बहुत ही बुरी तरह से चोदना शुरू कर दिया। वो इतनी जोर जोर के धक्के लगा रहा था कि मैं हर धक्के के साथ आगे की तरफ़ खिसक जा रही थी। मोनू ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल लिया और मुझसे ज़मीन पर चलने को कहा। मैं ज़मीन पर आ गयी तो उसने मेरा सिर दीवार से सटा कर मुझे कुत्तिया की तरह बना दिया। उसके बाद उसने बहुत ही बुरी तरह से मेरी चुदाई शुरू कर दी। मेरा सिर दीवर से सटा हुआ था। मैं अब आगे नहीं खिसक पा रही थी इसलिए अब उसका हर धक्का मुझ पर भारी पड़ रहा था।
मैं भी पूरे जोश में आ चुकी थी और अपने चूत्तड़ आगे-पीछे करते हुए उससे चुदवा रही थी। वो भी पूरी ताकत के साथ जोर-जोर के धक्के लगाते हुए मेरी चुदाई कर रहा था। कमरे में ‘धप-धप’ और ‘चप-चप’ की आवाज़ हो रही थी। मैं जोश में आ कर जोर -जोर की सिसकारियाँ भर रही थी। सारा कमरा मेरी जोश भरी सिसकरियों से गूँज रहा था। मैं ‘और तेज... और तेज...’ करती हुई एक दम मस्त हो कर मोनू से चुदवा रही थी। आज मुझे मोनू से चुदवाने में जो मज़ा आ रहा था वो मज़ा मुझे शादी के बाद कुछ दिनों तक ही अपने शौहर से चुदवाने में मिला था। आज मैं अपनी ज़िंदगी में दूसरी बार सुहागरात का मज़ा ले रही थी क्योंकि मेरी चूत मोनू के लंड के लिये किसी कुँवारी चूत से कम नहीं थी।
मोनू ने मुझे इस बार करीब पैंतालीस मिनट तक बहुत ही बुरी तरह से चोदा। इस बार की चुदाई के दौरान मैं तीन बार झड़ चुकी थी। सारी मनि मेरी चूत में निकाल देने के बाद जब मोनू ने अपना लंड बाहर निकाला तो मैं अपने आप को रोक ना सकी और मैंने उसका लंड चाटना शुरू कर दिया। वो मुझसे अपना लंड चटवा कर बहुत खुश हो रहा था। मैंने मोनू से पूरी मस्ती के साथ सारी रात खूब चुदवाया। सुबह हम दोनों नहाने के लिये एक साथ बाथरूम में गये। मोनू ने बाथरूम में भी बुरी तरह से मेरी चुदाई की। उसके बाद सारा दिन उसने मुझे कईं तरह के स्टाईल में खूब चोदा।
दस मिनट की चुदाई के बाद ही मैं फिर से झड़ गयी। मेरे झड़ जाने के बाद मोनू ने मुझे बहुत ही बुरी तरह से चोदना शुरू कर दिया। वो इतनी जोर जोर के धक्के लगा रहा था कि मैं हर धक्के के साथ आगे की तरफ़ खिसक जा रही थी। मोनू ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल लिया और मुझसे ज़मीन पर चलने को कहा। मैं ज़मीन पर आ गयी तो उसने मेरा सिर दीवार से सटा कर मुझे कुत्तिया की तरह बना दिया। उसके बाद उसने बहुत ही बुरी तरह से मेरी चुदाई शुरू कर दी। मेरा सिर दीवर से सटा हुआ था। मैं अब आगे नहीं खिसक पा रही थी इसलिए अब उसका हर धक्का मुझ पर भारी पड़ रहा था।
मैं भी पूरे जोश में आ चुकी थी और अपने चूत्तड़ आगे-पीछे करते हुए उससे चुदवा रही थी। वो भी पूरी ताकत के साथ जोर-जोर के धक्के लगाते हुए मेरी चुदाई कर रहा था। कमरे में ‘धप-धप’ और ‘चप-चप’ की आवाज़ हो रही थी। मैं जोश में आ कर जोर -जोर की सिसकारियाँ भर रही थी। सारा कमरा मेरी जोश भरी सिसकरियों से गूँज रहा था। मैं ‘और तेज... और तेज...’ करती हुई एक दम मस्त हो कर मोनू से चुदवा रही थी। आज मुझे मोनू से चुदवाने में जो मज़ा आ रहा था वो मज़ा मुझे शादी के बाद कुछ दिनों तक ही अपने शौहर से चुदवाने में मिला था। आज मैं अपनी ज़िंदगी में दूसरी बार सुहागरात का मज़ा ले रही थी क्योंकि मेरी चूत मोनू के लंड के लिये किसी कुँवारी चूत से कम नहीं थी।
मोनू ने मुझे इस बार करीब पैंतालीस मिनट तक बहुत ही बुरी तरह से चोदा। इस बार की चुदाई के दौरान मैं तीन बार झड़ चुकी थी। सारी मनि मेरी चूत में निकाल देने के बाद जब मोनू ने अपना लंड बाहर निकाला तो मैं अपने आप को रोक ना सकी और मैंने उसका लंड चाटना शुरू कर दिया। वो मुझसे अपना लंड चटवा कर बहुत खुश हो रहा था। मैंने मोनू से पूरी मस्ती के साथ सारी रात खूब चुदवाया। सुबह हम दोनों नहाने के लिये एक साथ बाथरूम में गये। मोनू ने बाथरूम में भी बुरी तरह से मेरी चुदाई की। उसके बाद सारा दिन उसने मुझे कईं तरह के स्टाईल में खूब चोदा।