18-12-2021, 02:11 AM
रशीद बोला, “क्या तुम सही कह रही हो कि वो फिर मुझसे खफ़ा नहीं रहेगी?”
मैंने कहा, “हाँ... मैं एक दम सच कह रही हूँ लेकिन जब तुम अपनी बीवी को यहाँ लाना तो उसे कुछ भी मत बताना!”
रशीद बोला, “ठीक है!”
दूसरे दिन मैं रशीद के साथ एक साईट पर गयी। वो साईट मेरे घर से करीब करीब अस्सी किलोमीटर दूर थी। उस साईट पर करीब चालीस मज़दूर काम करते थे। उस साईट का मैनेजर उन सब को पैसे दे रहा था। सारे मज़दूर लाईन में खड़े थे। मैं मैनेजर की बगल में एक कुर्सी पर बैठ गयी। सभी ने निक्कर और बनियान पहन रखा था। मैं निक्कर के ऊपर से ही उन सबके लंड का अंदाज़ लगाने लगी।
जब मैनेजर करीब बीस-पच्चीस मज़दूरों को पैसे दे चुका तो मेरी नज़र एक मज़दूर के लंड पर पड़ी। मैंने निक्कर के बाहर से ही अंदाज़ लगा लिया कि उसका लंड कमज़कम आठ-दस इंच लंबा और खूब मोटा होगा। उसकी उम्र करीब बाईस-तेईस साल की रही होगी और जिस्म एक दम गठीला था। मैंने उस मज़दूर से पूछा, “क्या नाम है तुम्हारा!”
वो बोला, “मेरा नाम मोनू है!”
मैंने पूछा, “तुम्हारे कितने बच्चे हैं?”
वो शर्माते हुए बोला, “मालकिन, अभी तक मेरी शादी नहीं हुई है!”
मैंने कहा, “मुझे अपने घर के लिये एक आदमी की ज़रूरत है। मेरे घर पर काम करोगे?”
वो बोला, “आप कहेंगी तो जरूर करूँगा!”
मैंने रशीद से कहा, “इसे घर का काम करने के लिये रख लो!”
रशीद समझ गया और बोला, “ठीक है!”
रशीद ने उस मज़दूर से कहा, “मोनू तुम घर जा कर बता दो और अपना सामान ले आओ। आज से तुम मैडम के घर पर काम करोगे।”
वो बोला, “जी साहब!”
वो अपने घर चला गया। करीब एक घंटे के बाद वो वापस आ गया। उसके बाद हम सब कार से घर वापस चल पड़े। रात के आठ बजे हम सब घर पहुँचे। मैंने मोनू को घर का सारा काम समझा दिया और उसे ड्राईंग रूम में सोने के लिये कह दिया। घर में केवल एक ही बाथरूम था इसलिए मैंने मोनू से कहा, “घर में केवल एक ही बाथरूम है। तुम इसी बाथरूम से काम चला लेना।”
मैंने कहा, “हाँ... मैं एक दम सच कह रही हूँ लेकिन जब तुम अपनी बीवी को यहाँ लाना तो उसे कुछ भी मत बताना!”
रशीद बोला, “ठीक है!”
दूसरे दिन मैं रशीद के साथ एक साईट पर गयी। वो साईट मेरे घर से करीब करीब अस्सी किलोमीटर दूर थी। उस साईट पर करीब चालीस मज़दूर काम करते थे। उस साईट का मैनेजर उन सब को पैसे दे रहा था। सारे मज़दूर लाईन में खड़े थे। मैं मैनेजर की बगल में एक कुर्सी पर बैठ गयी। सभी ने निक्कर और बनियान पहन रखा था। मैं निक्कर के ऊपर से ही उन सबके लंड का अंदाज़ लगाने लगी।
जब मैनेजर करीब बीस-पच्चीस मज़दूरों को पैसे दे चुका तो मेरी नज़र एक मज़दूर के लंड पर पड़ी। मैंने निक्कर के बाहर से ही अंदाज़ लगा लिया कि उसका लंड कमज़कम आठ-दस इंच लंबा और खूब मोटा होगा। उसकी उम्र करीब बाईस-तेईस साल की रही होगी और जिस्म एक दम गठीला था। मैंने उस मज़दूर से पूछा, “क्या नाम है तुम्हारा!”
वो बोला, “मेरा नाम मोनू है!”
मैंने पूछा, “तुम्हारे कितने बच्चे हैं?”
वो शर्माते हुए बोला, “मालकिन, अभी तक मेरी शादी नहीं हुई है!”
मैंने कहा, “मुझे अपने घर के लिये एक आदमी की ज़रूरत है। मेरे घर पर काम करोगे?”
वो बोला, “आप कहेंगी तो जरूर करूँगा!”
मैंने रशीद से कहा, “इसे घर का काम करने के लिये रख लो!”
रशीद समझ गया और बोला, “ठीक है!”
रशीद ने उस मज़दूर से कहा, “मोनू तुम घर जा कर बता दो और अपना सामान ले आओ। आज से तुम मैडम के घर पर काम करोगे।”
वो बोला, “जी साहब!”
वो अपने घर चला गया। करीब एक घंटे के बाद वो वापस आ गया। उसके बाद हम सब कार से घर वापस चल पड़े। रात के आठ बजे हम सब घर पहुँचे। मैंने मोनू को घर का सारा काम समझा दिया और उसे ड्राईंग रूम में सोने के लिये कह दिया। घर में केवल एक ही बाथरूम था इसलिए मैंने मोनू से कहा, “घर में केवल एक ही बाथरूम है। तुम इसी बाथरूम से काम चला लेना।”