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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
अमीना की कहानी
 लेखिका: अमीना काज़ी ©
                                  
मेरा नाम अमीना काज़ी है। मेरे शौहर शफ़ीक काज़ी ठेकेदारी का काम करते थे। उनका ठेकेदारी का काम बेहद लंबा चौड़ा था। उनका एक मैनेजर था जिसका नाम रशीद कुरैशी था। वो उनका दोस्त भी था और उनका सारा काम देखता था। वो हमारे घर सुबह के आठ बजे आ जाता था और नाश्ता करने के बाद मेरे शौहर के साथ साईट पर निकल जाता था। मैं उसे उसके नाम से ही रशीद कह कर बुलाती थी और वो भी मुझे सिर्फ अमीना कह कर बुलाता था। उस समय उसकी उम्र करीब तेईस साल की थी और वो दिखने में बहुत ही हैंडसम था। वो मुझसे कभी कभी मज़ाक भी कर लेता था। शादी के पाँच साल बाद मेरे शौहर की एक कार एक्सीडेंट में मौत हो गयी। अब उनका सारा काम मैं ही संभालती हूँ और रशीद मेरी मदद करता है।
 
मेरे शौहर बहुत ही सैक्सी थे और मैं भी। उनके गुज़र जाने के बाद करीब छः महीने तक मुझे सैक्स का बिल्कुल भी मज़ा नहीं मिला तो मैं उदास रहने लगी। एक दिन रशीद ने कहा, क्या बात है अमीना, आज कल तुम बहुत उदास रहती हो!”
 
मैंने कहा, बस ऐसे ही!”
 
वो बोला, मुझे अपनी उदासी की वजह नहीं बताओगी? शायद मैं तुम्हारी उदासी दूर करने में कुछ मदद कर सकूँ।
 
मैंने कहा,अगर तुम चाहो तो मेरी उदासी दूर कर सकते हो। आज पूरे दिन काफ़ी काम है। मैं शाम को तुम्हें अपनी उदासी की वजह जरूर बताऊँगी। मेरी उदासी की वजह जान लेने के बाद शायद तुम मेरी उदासी दूर कर सको। मेरी उदासी दूर करने में शायद तुम्हें काफ़ी ज्यादा वक्त लग जाये, हो सकता है पूरी रात ही गुज़र जाये... इसलिए आज तुम अपने घर बता देना कि कल तुम सुबह को आओगे। मैं शाम को तुम्हें सब कुछ बता दुँगी!”
 
वो बोला, ठीक है।
 
हम दोनों सारा दिन काम में लगे रहे। एक मिनट की भी फुर्सत नहीं मिली। घर वापस आते-आते रात के आठ बज गये। घर पहुँचने के बाद मैंने रशीद से कहा, मैं एक दम थक गयी हूँ। पहले मैं थोड़ा गरम पानी से नहा लूँ... उसके बाद बात करेंगे... तब तक तुम हम दोनों के लिये एक-एक पैग बना लो।
 
वो बोला, नहाना तो मैं भी चाहता हूँ। पहले तुम नहा लो उसके बाद मैं नहा लुँगा।
 
मैं नहाने चली गयी और रशीद पैग बनाने के बाद बैठ कर टी.वी देखने लगा। पंद्रह मिनट बाद मैं नहा कर बाथरूम से बाहर आयी तो मैंने केवल गाऊन पहन रखा था। गाऊन के बाहर से ही मेरे सारे जिस्म की झलक एक दम साफ़ नज़र आ रही थी। रशीद मुझे देखकर मुस्कुराया और बोला, आज तो तुम बहुत सुंदर दिख रही हो। मैं केवल मुस्कुरा कर रह गयी। उसके बाद रशीद नहाने चला गया। मैं सोफ़े पर बैठ कर टी.वी देखते हुए अपना पैग पीने लगी। थोड़ी देर बाद रशीद ने मुझे बाथरूम से ही पुकारा तो मैं बाथरूम के पास गयी और पूछा,क्या बात है?”
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RE: हिंदी की कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 18-12-2021, 02:09 AM



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