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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
देखो रितेश! ऐसे शर्माओगे तो कैसे सीखोगे... चलो हाथ हटाओ अपने...! ये कहते हुए उन्होंने खुद ही मेरे हाथ मेरे लंड से दूर हटा दिये। मुझे बहुत अजीब लग रहा था और मैं नज़रें झुका कर खड़ा था।

 
वाओ! रितेश तुम्हारा लंड तो बेहद गोरा और खूबसूरत है! देखो इसी को लंड कहते हैं! रशीदा मैडम मेरे लंड को अपने नरम हाथ में पकड़ कर सहलाते हुए रोमांचित होकर बोली। उनके सहलाने से मेरे लंड में स्वतः ही सख्ती आने लगी।  मेरे लंड को सहलाना ज़ारी रखते हुए रशीदा मैडम फिर बोली, ये रिप्रोडक्शन सिस्टम का एक अहम हिस्सेदार है... देखो ये सख्त हो रहा है... इसका मतलब तुम्हारा लंड अब इस काबिल हो चुका है कि वो रिप्रोडक्शन सिस्टम का हिस्सा बन सके... पहले ये बताओ कि तुम सैक्स के बारे में क्या जानते हो... बच्चे कैसे होते हैं?”
[Image: IMG-0594.jpg] 
वो मैडम... बस इतना ही कि जब लड़का और लड़की साथ में नंगे सोते हैं और किस करते हैं तो लड़की प्रेगनेन्ट हो जाती है! मैंने बताया जो भी मैं हिंदी फिल्मों की वजह से जानता था।
 
मेरी बात सुनकर रशीदा मैडम हंसने लगी और फिर बोली, रितेश तुम भी कितने नादान हो... साथ में सिर्फ नंगे सोने से कुछ नहीं होता... ये लंड जब औरत की चूत के अंदर जाकर उसे चोदता है और थोड़ी देर चुदाई करने के बाद औरत की चूत में ये अपना क्रीम जैसा पानी गिरा देता है... उससे बच्चा पैदा होता है!
 
मैडम इसमें से तो पेशाब निकलता है...!
 
क्या तुम्हारे लंड से कभी क्रीम जैसा गाढ़ा सफेद पानी नहीं निकला?” रशीदा मैडम ने कातिलाना अंदाज़ में मुस्कुराते हुए पूछा।
 
नहीं मैडम...! मैंने कहा।
 
रियली! कोई बात नहीं...  मैं हूँ ना ये सब सिखाने के लिये...  खैर अब मैं तुम्हें चूत के बारे में बताती हूँ... देखो इधर! वो मुस्कुराते हुए बोली और फिर उन्होंने अपनी कमीज़ को ऊपर उठाकर अपनी सलवार की तरफ़ इशारा करते हुए आगे कहा, इसके अंदर मेरी चूत है...!
 
रशिदा मैडम ने अपनी सलवार का नाड़ा खोल दिया और एक ही झटके में सलवार अपनी कमर से अलग कर दी । मैडम की सलवार के नीचे लाल रंग की छोटी सी सिल्क की पैंटी थी। फिर वो बोली, रितेश इधर आओ और अपना हाथ इस पैंटी के अंदर डाल कर चूत को ऊपर से फील करो!
 
मैंने हाथ अंदर डाला तो गीला-गीला और बेहद गरम महसूस हुआ। मैंने तुरंत हाथ बाहर निकाल लिया और बोला, मैडम इसके अंदर इतनी गर्मी है और गीला है... क्या आपने पेशाब कर दिया?”
 
रशीदा मैडम मेरी मासूम बातों पर हंसते हुए प्यार से बोली, ओह नो! ये पेशाब नहीं... मेरी चूत का रस है। जब चूत चुदने के लिये मचलती है तो उसमें से ये खुशबूदार रस निकलता है... इसका ज़ायका भी मस्त होता है... वैसे ही जैसे लंड से निकलने वाली क्रीम का! 
 
फिर वो मेरा हाथ पकड़ कर अपनी नाक के पास ले गयीं और अदा से सूँघते हुए अपने मुँह में ले कर मेरी उंगलियाँ चूसने लगी। फिर रशीदा मैडम ने अपनी पैंटी को भी उतार दिया अब वो कमर से नीचे बिल्कुल नंगी थी। रशिदा मैडम बोली,  देखो रितेश! ये मेरी चूत है! इसके ऊपर काले रंग के बाल होते हैं जिन्हें झाँटें कहते हैं...  लेकिन मैं उन्हें साफ़ कर देती हूँ क्योंकि मुझे साफ-सुथरी चिकनी चूत पसंद है! ये देखो...  यहाँ गहरायी है ना!
 [Image: 8147-010.jpg]
येस मैडम! मैं तो मंत्रमुग्ध था क्योंकि पहले कभी मैंने चूत नहीं देखी थी।
 
अपनी चूत को उंगलियों से फैलाते हुए रशीदा मैडम बोली, देखो बिल्कुल नहर की तरह है...  दोनों तरफ बाँध है और बीच में गहरायी... तो इसी को चूत कहते हैं! तुम्हारा लंड इसी चूत में जाकर चोदेगा तो उसे चुदाई कहेंगे!
 
मैंने थोड़ा कन्फ्यूज़्ड होते हुए पूछा, लेकिन मैडम लंड इस चूत में कैसे घुसेगा?”
 
रशीदा मैडम बोली, चूत के अंदर घुसने और चुदाई करने के लिये लंड का सख्त होना ज़रूरी है... जब बहुत सारा खून लंड की नसों में भर कर दौड़ने लगता है तो लंड फूल कर सख्त हो जाता है!
 
लेकिन मैडम... लंड की नसों में खून कैसे दौड़ेगा?” मैंने ज्ञासापूर्वक पूछा।
 
रशीदा मैडम मेरे लंड को अपनी मुलायम मुठ्ठी में सहलाते हुए बोली, जब चुदाई की मस्ती चढ़ती है तो खुद-ब-खुद लंड में खून दौड़ने लगता है... अब देखो मैं तुम्हारा लंड सहला रही हूँ तो ये धीरे-धीरे सख्त हो रहा है... और अगर मैं इसे अपने मुँह में ले कर चूसूँ तो तुम्हें और ज्यादा मस्ती चढ़ेगी और ये लंड बिल्कुल पत्थर की तरह सख्त हो जायेगा... चलो अब जल्दी से सारे कपड़े उतारो... मैं सब कुछ प्रैक्टिकल करके दिखाती हूँ!
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RE: हिंदी की कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 18-12-2021, 02:03 AM



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