18-12-2021, 01:48 AM
मेरा लंड तो सोनिया की चिकनी नंगी मस्ताई हुई, चुदने के लिये तैयार चूत को देख कर ही मेरी अंडरवियर को फाड़ कर बाहर आने के लिये बेकरार था और उछल-कूद मचा रहा था। मैंने अपने दोनों हाथों से अपनी अंडरवियर उतार दी और अपना मुँह मेरे सामने लेटी हुई नशे की बोतल के खज़ाने के मुँह पर लगा दिया। सोनिया तो मस्त हो गयी और मेरा सिर पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने लगी। मैं भी चाहता था कि सोनिया थोड़ा पानी छोद दे ताकि उसकी ताज़ी कुँवारी चूत थोड़ी चिकनी हो जाये और तकलीफ कम हो। मैंने उसकी चूत का दाना चूसते हुए अपनी जीभ से उसकी चुदाई चालू कर दी और करीब पाँच मिनट बाद ही सोनिया ने मेरा सिर अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया और कस कर अपनी पूरी ताकत से मेरा मुँह अपनी चूत पर दबा लिया और जोश में काँपते हुए चूत्तड़ों के धक्के देती हुई मेरे मुँह में अपना रस देने लगी। मैंने भी मन से उसकी जवान चूत चूसी और चूत के लाल होंठों को अपने होंठों से चूसा।
फिर मैं घूटने के बल सोनिया के सामने बैठ गया और बूरी तरह अकड़ा हुआ अपना लंड उसके सामने कर दिया और सोनिया की गर्दन में हाथ डाल कर उसका मुँह अपने लंड के पास लाया और बोला, “मेरी प्यारी सोनिया दीदी, मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर अपनी चूत बजाने के लिये तो इनवाइट करो।”
सोनिया ने तपाक से अपना मुँह खोला और मेरा सुपाड़ा अपने होंठों के बीच ले लिया और जीभ फेरने लगी। मेरे लंड पर सोनिया के जीभ फेरने ने वो काम किया जो आग में घी करता है। मुझसे रहा नहीं गया और दोनों हाथों से सोनिया का सर पकड़ कर उसके मुँह में ही मैंने आठ-दस शॉट लगा दिये। लौड़े का तो मारे गुस्से के बूरा हाल था। एक तो उसे कल से चूत नहीं मिली थी और दूसरा उसके सामने ऐसी मलाईदार चूत थी और मैं चूतिया की तरह उसकी भूख मिटाने की बजाये चुम्मा चाटी कर रहा था।
अपना लंड सोनिया के मुँह से बाहर निकाल कर के मैं बिस्तर पर से उतरा और मीना चाची ने पहले से ही इम्पोर्टेड बड़ी ही खुशबू वाली चिकनाहट की क्रीम मेज पर रखी हुई थी। मैंने उसे उठा कर थोड़ी ज्यादा ले कर सोनिया की चूत पर और चूत के अंदर की दीवारों पर लगा दी और फिर अपने लंड पर लगाने लगा। सोनिया बोली, “ये तुम क्या कर रहे हो?”
मैंने उसे समझाया और बोला, “आज मैं आपकी चूत को भोंसड़ा बनाने जा रहा हूँ तो मुझे अपना लंड आपकी चूत में घूसेड़ना पड़ेगा और आपको तकलीफ ना हो इस लिये मैं आपकी चूत को और अपने लंड को चिकना कर रहा हूँ।”
मैंने बिस्तर पर चढ़ कर सोनिया की जाँघों को अपने हाथों से पूरा फैला दिया और एक हाथ से लंड पकड़ कर दूसरे हाथ से सोनिया की चूत के लिप्स खोल कर अपना गुस्साया हुआ लाल सुपड़ा उसकी गुलाबी चूत से सटा दिया और बहुत हल्के-हल्के घिसते हुए बोला, “देख लो सोनिया दीदी! अपने लंड की आपकी चूत से मुलाकात करा रहा हूँ।”
सोनिया को भी अपनी चूत पर लंड घिसाई बहुत अच्छी लग रही थी। वोह सिर्फ़ मस्ती में “ऊँमम ऊँमम” कर सकी। एक दो मिनट बाद मैंने देखा कि सोनिया पर मस्ती पूरी तरह से सवार हो चूकी है तो मैंने अपने लंड का एक हल्का सा शॉट दिया जिससे मेरा लंड सोनिया की चूत बहुत ज्यादा कसी होने के कारण से फिसल कर बाहर आ गया। इससे पहले कि सोनिया कुछ समझ पाती, मैंने एक हाथ से अपना लंड सोनिया के चूत के लिप्स खोल के उसके छेद पर रखा और अपने चूत्तड़ों से कस के धक्का दिया जिससे मेरा मोटा तगड़ा लंड दो इंच सोनिया की चूत में घुस गया। सोनिया की गाँड में तो जैसे भूचाल आ गया। वोह जोर से चीखी, “सुनील मार डाला! ये क्या डाला है मेरे अंदर। बहुत दर्द हो रहा है। सुनील प्लीज़ बाहर निकाल ले।”
फिर मैं घूटने के बल सोनिया के सामने बैठ गया और बूरी तरह अकड़ा हुआ अपना लंड उसके सामने कर दिया और सोनिया की गर्दन में हाथ डाल कर उसका मुँह अपने लंड के पास लाया और बोला, “मेरी प्यारी सोनिया दीदी, मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर अपनी चूत बजाने के लिये तो इनवाइट करो।”
सोनिया ने तपाक से अपना मुँह खोला और मेरा सुपाड़ा अपने होंठों के बीच ले लिया और जीभ फेरने लगी। मेरे लंड पर सोनिया के जीभ फेरने ने वो काम किया जो आग में घी करता है। मुझसे रहा नहीं गया और दोनों हाथों से सोनिया का सर पकड़ कर उसके मुँह में ही मैंने आठ-दस शॉट लगा दिये। लौड़े का तो मारे गुस्से के बूरा हाल था। एक तो उसे कल से चूत नहीं मिली थी और दूसरा उसके सामने ऐसी मलाईदार चूत थी और मैं चूतिया की तरह उसकी भूख मिटाने की बजाये चुम्मा चाटी कर रहा था।
अपना लंड सोनिया के मुँह से बाहर निकाल कर के मैं बिस्तर पर से उतरा और मीना चाची ने पहले से ही इम्पोर्टेड बड़ी ही खुशबू वाली चिकनाहट की क्रीम मेज पर रखी हुई थी। मैंने उसे उठा कर थोड़ी ज्यादा ले कर सोनिया की चूत पर और चूत के अंदर की दीवारों पर लगा दी और फिर अपने लंड पर लगाने लगा। सोनिया बोली, “ये तुम क्या कर रहे हो?”
मैंने उसे समझाया और बोला, “आज मैं आपकी चूत को भोंसड़ा बनाने जा रहा हूँ तो मुझे अपना लंड आपकी चूत में घूसेड़ना पड़ेगा और आपको तकलीफ ना हो इस लिये मैं आपकी चूत को और अपने लंड को चिकना कर रहा हूँ।”
मैंने बिस्तर पर चढ़ कर सोनिया की जाँघों को अपने हाथों से पूरा फैला दिया और एक हाथ से लंड पकड़ कर दूसरे हाथ से सोनिया की चूत के लिप्स खोल कर अपना गुस्साया हुआ लाल सुपड़ा उसकी गुलाबी चूत से सटा दिया और बहुत हल्के-हल्के घिसते हुए बोला, “देख लो सोनिया दीदी! अपने लंड की आपकी चूत से मुलाकात करा रहा हूँ।”
सोनिया को भी अपनी चूत पर लंड घिसाई बहुत अच्छी लग रही थी। वोह सिर्फ़ मस्ती में “ऊँमम ऊँमम” कर सकी। एक दो मिनट बाद मैंने देखा कि सोनिया पर मस्ती पूरी तरह से सवार हो चूकी है तो मैंने अपने लंड का एक हल्का सा शॉट दिया जिससे मेरा लंड सोनिया की चूत बहुत ज्यादा कसी होने के कारण से फिसल कर बाहर आ गया। इससे पहले कि सोनिया कुछ समझ पाती, मैंने एक हाथ से अपना लंड सोनिया के चूत के लिप्स खोल के उसके छेद पर रखा और अपने चूत्तड़ों से कस के धक्का दिया जिससे मेरा मोटा तगड़ा लंड दो इंच सोनिया की चूत में घुस गया। सोनिया की गाँड में तो जैसे भूचाल आ गया। वोह जोर से चीखी, “सुनील मार डाला! ये क्या डाला है मेरे अंदर। बहुत दर्द हो रहा है। सुनील प्लीज़ बाहर निकाल ले।”