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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
नाइटी का कपड़ा इतना मोटा नहीं था, जिसके कारण उसकी छाती पर उठ रही नोकों से मालूम पड़ रहा था कि उसने अंदर ब्रा नहीं पहनी, और जब वोह चौंकड़ी मार कर मेरे सामने पलंग पर बैठी तो मेरा तो बुरा हाल हो गया। उसकी चिकनी जाँघें और पैंटी में कसे हुए उसके चूत्तड़ और चूत की मछलियों को देख कर मेरा लंड तन गया। मैंने बड़ी मुश्किल से अपने ऊपर चद्दर डाल कर खुद को शरमिन्दा होने से बचाया। कोक पीते समय सोनिया ने बताया कि अबकी बार उसे ट्रिप में बहुत मज़ा आया और उसने अपनी सहेलियों के साथ खूब मस्ती करी। थोड़ी देर में वोह बोली, सुनील मुझे बहुत जोर से नींद आ रही है, मैं तो अपने कमरे में सोने जा रही हूँ!”

 
मैंने करीब आधा घंटा वेट करा और अपने कमरे में बिस्तर पर लेट कर अपने लंड को मीना चाची के हाई हील के सैंडल से सहलाता रहा। उसके बाद मैं उठा और सोनिया के कमरे कि तरफ गया। सोनिया ए.सी. चला के आराम से दरवाज़ा बंद करके सो रही थी। मैंने चुप-चाप दरवाज़ा खोला और कमरे में घुस गया। सोनिया बड़े आराम से बिस्तर पे पीठ के बल सो रही थी और उसकी नाइटी जो पहले से ही छोटी थी, और उठ कर उसकी नाभी तक चढ़ गयी थी, जिससे कमर के नीचे का सब कुछ दिख रहा था। उसकी पैंटी में छुपी हुई चूत के उभार साफ-साफ दिखाई दे रहे थे। मेरा तो मादरचोद लंड साला हरामी ये देख कर ही खड़ा हो गया।
 
मैंने सोनिया के पास जा कर उसके कँधे पकड़ कर थोड़ा जोर से हिलाया और बोला, दीदी देखो आपकी सहेली का फोन आया है!”
 
सोनिया को कुछ फरक नहीं पड़ा। वोह तो बस बे-खबर हो कर सोती रही। मैंने फिर भी अपने को पक्का करने के लिये फिर से उसे जोर से आवाज़ दी और हिलाया पर उसको नींद की गोली के कारण कोई असर नहीं हुआ। मैंने सबसे पहले अपने कपड़े उतारे और पूरा नंगा हो कर सोनिया की नाइटी के आगे के बटन खोलने लगा और एक-एक करके सारे बटन खोल दिये। दोस्तों, उस समय मेरे हाथ काँप रहे थे क्योंकि आज मैं इतनी हिम्मत करके सोनिया का गोरा दूधिया बदन देखने जा रहा था जिसकी पैंटी और ब्रा सूंघ-सूंघ कर खूब मुठ मारा करता था। सोनिया एक दम दूध की तरह गोरी थी और आज से पहले मैं बहुत तड़पा था उसका नंगा बदन देखने के लिये।
 
नाइटी के सारे बटन खुलते ही उसके मस्त खिलौने नंगे हो गये और मैंने देखा कि सोनिया के निप्पल भूरे नहीं बल्कि पिंक से थे। सोनिया अब सिर्फ मेरे समने एक पैंटी में लेट कर बे-खबर सो रही थी। मैंने झुक के अपने होंठ खोल के सोनिया के गुलाबी निप्पल अपने होंठों में दबा लिये और उसकी जवान, अभी तक अनछूई मस्त बत्तीस साईज़ की चूँची अपने हाथ में भर ली। मीना चाची की बड़ी-बड़ी गदरायी हुई चूचियों को दबाने के बाद जब मैंने सोनिया की चूचियाँ दबाईं, तब मालूम पड़ा कि साली लौंडिया कि चूँची क्या चीज़ होती है। ऐसा लग रहा था जैसे किसी सख्त अनार को पकड़ लिया हो। दूसरा हाथ मैंने सोनिया की पैंटी में डाल दिया और उसकी बूर को अपने हाथों से फील करने लगा। सोनिया की चूत पर मेरा हाथ टच होते ही मैं तो ऐसा गनगनाया कि मैंने सोनिया के मस्त कच्चे अनार छोड़ कर दोनों हाथों से उसकी पैंटी उतारने लगा।
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RE: हिंदी की कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 18-12-2021, 01:41 AM



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