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Adultery तरक्की का सफ़र
नहीं अंकल! कोई लड़की तैयार ही नहीं हुई।
 
ममम... मेरा बच्चा! कोई बात नहीं आज तुम्हारा कुँवारापन जरूर लुटेगा, ये मेरा वादा है, रवि ने कहा।
 
वो ठीक है अंकल! पर क्या मम्मी मानेगी इस बात को?” आर्यन ने पूछा।
 
तुम उसकी चिंता मत करो! मैं सब संभाल लूँगा! रवि ने जवाब दिया।
 
रात को खाने की टेबल पर रवि ने सब से पूछा,लड़कियों! क्या तुम ये बर्दाश्त कर सकती हो कि हमारे बीच कोई कुँवारा बैठा हो?”
 
नहीं!!!! सबने जवाब दिया।
 
तुम किसकी बात कर रहे हो?” रूही ने पूछा।
 
किसकी क्या? मैं तुम्हारे बेटे आर्यन की बात कर रहा हूँ, रवि ने कहा।
 
तो तुम सब में से कौन इसका कुँवारापन भंग करना चाहेगा?” रवि ने पूछा।
 
मैं!! मैं!!! नहीं मैं!!!! चारों तरफ से आवाज़ आ रही थी।
 
सब शाँत हो जाओ! रूही ने अपना हाथ उठाया, अगर आर्यन का कुँवारापन ही भंग करना है तो मैं तय करूँगी कि वो किसके साथ रात गुज़ारे…. आर्यन! तुम अपने कमरे में जाओ और इंतज़ार करो।
 
आर्यन के जाने बाद सबने मिलकर पूछा, वो नसीबदार कौन है?”
 
प्रीती! क्या तुम आर्यन का कुँवारापन लेना चाहोगी?”
 
आपने मुझे ही क्यों चुना?” प्रीती ने पूछा।
 
वैसे तो तजुर्बे के हिसाब से मैं ही जाती, लेकिन मैं उसकी माँ हूँ, और तजुर्बे के हिसाब से मेरे बाद तुम ही आती हो! रूही ने जवाब दिया।
 
ठीक है! अगर ये बात है तो मुझे मंजूर है, प्रीती ने कहा।
 
आँटी मैं बीच में कुछ कहूँ?” अंजू बोली।
 
कुछ कहने की जरूरत नहीं है, मैं जानती हूँ तुम्हारी चूत क्या माँग रही है, रूही हँसते हुए बोली, आज रात रवि तुम्हें और तुम्हारी बहन को चोदेगा, जाओ और मज़े लो।
 
थैंक यू आँटी, मगर आपको कैसे पता चला कि हम रवि से चुदवाना चाहते हैं?” मंजू बोली।
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RE: तरक्की का सफ़र - by rohitkapoor - 18-12-2021, 01:32 AM



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