18-12-2021, 01:29 AM
“हाँ! मेरी फातिमा से बात हो गयी है, उसका कहना है कि उनका बंगला काफी बड़ा है और उसे या उसकी अम्मी को कोई परेशानी नहीं होगी”, रजनी ने जवाब दिया।
“रजनी, एक बात बताओ! फातिमा इतनी सुंदर है पर बात करते वक्त इतने ठंडे लहज़े में क्यों बात करती है?” मैंने पूछा।
“ऐसा कुछ नहीं है, बस जब थोड़ा चिंतित होती है तो उसका व्यवहार ऐसा हो जाता है।”
“तब तो ठीक है, नहीं तो मैं तो सोच रहा था कि मुझे बर्फ की सिल्ली के समान चूत में ही अपना लंड पेलना पड़ेगा”, मैंने कहा।
“बर्फ की सिल्ली... मेरी जूती! जब तुम्हारा लंड उसकी चूत में घुसेगा तो तुम्हें लगेगा कि तुम्हारा लंड किसी जलती हुई भट्टी में घुस गया है”, रजनी थोड़ा जोर देती हुई बोली।
उसके बाद मैंने दो बार टीना की जम कर चुदाई की और फिर खाना खाकर वो दोनों चली गयीं।
दूसरे दिन मैंने अनिता को अपने प्रोग्राम के बारे में बताया कि मैं आयेशा और वो नयी लड़की ज़ुबैदा को साथ ले जाना चाहता हूँ, तो उसने कहा, “सर! आप फ़िक्र ना करें, आप जायें और इंजॉय करें, मैं पीछे सब संभल लूँगी।”
हम शनिवार की दोपहर को फातिमा के घर पहुँचे। वो तीन मंज़िला बंगला था। फातिमा ने हमारा परिचय उसकी अम्मी, मिसेज रूही, से कराया। मिसेज रूही सही में बहुत ही सुंदर थीं। उनकी उम्र ४५ के आस पास थी पर वो देखने में फातिमा की बड़ी बहन से ज्यादा नहीं लगती थी। अगर मुझसे कोई उन माँ-बेटी में से एक को चुनने को कहता तो मैं माँ को ही चुनता, उसकी सुंदरता देखने काबिल थी।
“आप सब का हमारे घर में वेलकम है”, रूही हमारा स्वागत करते हुए बोली, “और ये.....” उसने अपने पीछे खड़ी हुई दो लड़कियों कि ओर इशारा किया, “ये आबिदा और सलमा हैं, जो आप लोगों का हर तरह से खयाल रखेंगी।” आबिदा और सलमा को देखकर कोई कह नहीं सकता था कि वो नौकरानियाँ हैं बल्कि वो दोनों किसी मॉडल से कम नहीं लग रही थीं। उनका पहनावा और शृंगार, फतिमा और मिसेज रुही से कम नहीं था।
हम सबने दोपहर का खाना खाकर आराम किया। शाम को फातिमा के अंकल कहो या रूही के प्रेमी, मिस्टर रवि आ गये। रवि देखने में अच्छे थे, लंबा कद, चौड़े बाज़ू और सुंदर चेहरा। कोई भी औरत उनकी तरफ आकर्षित हो सकती थी।
सब हॉल में इकट्ठे हो जाओ! “ड्रिंक्स पंद्रह मिनट में सर्व की जायेंगी”, रूही आदेश देती हुई बोली, “रवि! बार की कमान तुम संभालो।”
थोड़ी ही देर में सब ड्रिंक्स और माहोल का आनंद ले रहे थे।
“रजनी, एक बात बताओ! फातिमा इतनी सुंदर है पर बात करते वक्त इतने ठंडे लहज़े में क्यों बात करती है?” मैंने पूछा।
“ऐसा कुछ नहीं है, बस जब थोड़ा चिंतित होती है तो उसका व्यवहार ऐसा हो जाता है।”
“तब तो ठीक है, नहीं तो मैं तो सोच रहा था कि मुझे बर्फ की सिल्ली के समान चूत में ही अपना लंड पेलना पड़ेगा”, मैंने कहा।
“बर्फ की सिल्ली... मेरी जूती! जब तुम्हारा लंड उसकी चूत में घुसेगा तो तुम्हें लगेगा कि तुम्हारा लंड किसी जलती हुई भट्टी में घुस गया है”, रजनी थोड़ा जोर देती हुई बोली।
उसके बाद मैंने दो बार टीना की जम कर चुदाई की और फिर खाना खाकर वो दोनों चली गयीं।
दूसरे दिन मैंने अनिता को अपने प्रोग्राम के बारे में बताया कि मैं आयेशा और वो नयी लड़की ज़ुबैदा को साथ ले जाना चाहता हूँ, तो उसने कहा, “सर! आप फ़िक्र ना करें, आप जायें और इंजॉय करें, मैं पीछे सब संभल लूँगी।”
हम शनिवार की दोपहर को फातिमा के घर पहुँचे। वो तीन मंज़िला बंगला था। फातिमा ने हमारा परिचय उसकी अम्मी, मिसेज रूही, से कराया। मिसेज रूही सही में बहुत ही सुंदर थीं। उनकी उम्र ४५ के आस पास थी पर वो देखने में फातिमा की बड़ी बहन से ज्यादा नहीं लगती थी। अगर मुझसे कोई उन माँ-बेटी में से एक को चुनने को कहता तो मैं माँ को ही चुनता, उसकी सुंदरता देखने काबिल थी।
“आप सब का हमारे घर में वेलकम है”, रूही हमारा स्वागत करते हुए बोली, “और ये.....” उसने अपने पीछे खड़ी हुई दो लड़कियों कि ओर इशारा किया, “ये आबिदा और सलमा हैं, जो आप लोगों का हर तरह से खयाल रखेंगी।” आबिदा और सलमा को देखकर कोई कह नहीं सकता था कि वो नौकरानियाँ हैं बल्कि वो दोनों किसी मॉडल से कम नहीं लग रही थीं। उनका पहनावा और शृंगार, फतिमा और मिसेज रुही से कम नहीं था।
हम सबने दोपहर का खाना खाकर आराम किया। शाम को फातिमा के अंकल कहो या रूही के प्रेमी, मिस्टर रवि आ गये। रवि देखने में अच्छे थे, लंबा कद, चौड़े बाज़ू और सुंदर चेहरा। कोई भी औरत उनकी तरफ आकर्षित हो सकती थी।
सब हॉल में इकट्ठे हो जाओ! “ड्रिंक्स पंद्रह मिनट में सर्व की जायेंगी”, रूही आदेश देती हुई बोली, “रवि! बार की कमान तुम संभालो।”
थोड़ी ही देर में सब ड्रिंक्स और माहोल का आनंद ले रहे थे।