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Adultery तरक्की का सफ़र
नसीब वाली हैं ये कि आपने इनकी चूत फाड़ी, कहकर वो मुझसे चिपक कर खड़ी हो गयी।
 
दोस्तों!!! ये आयेशा है! मैंने उसका परिचय कराते हुए कहा।
 
इस परी को तो सबसे पहले मैं ही चोदूँगा, विजय अपने लंड को सहलाते हुए बोला। आयेशा सिर्फ़ मुस्करा के रह गयी।
 
आयेशा! मेरी बाँहों में आ जाओ, हमें समय नहीं गंवाना चाहिये, विजय अपनी बाँहें फैला कर बोला।
 
आयेशा अपना पर्स वहीं ज़मीन पर गिरा दौड़ के उसकी बाँहों में समा गयी।
 
आयेशा को विजय के पास जाते देख मैं रजनी और टीना के पास गया, अच्छा हुआ रजनी! तुम लोग आ गये।
 
हम आ तो गये पर तुम्हें नहीं मालूम जब अंकल यहाँ पहुँचे और टीना को यहाँ देखा तो हंगामा हो गया, रजनी बोली।
 
ऐसा क्या हुआ.... मुझे बताओ?”
 
अपने पापा को यहाँ देख टीना भी चौंक गयी, और जब अंकल जोर से इस पर चिल्लाये कि वो यहाँ क्या कर रही है तो एक बार मैं भी घबरा गयी, पर टीना ने शांती से उन्हें कहा कि वही... पापा जो आप कर रहे हैं, आप यहाँ चोदने आये हैं और हम चुदवाने।
 
आओ देखता हूँ कि तुमने सही जवाब दिया कि नहीं, मैंने टीना को अपनी बाँहों में भरते हुए कहा।
 
सामुहिक चुदाई का दौर शुरू हो चुका था। चारों तरफ गर्मी का माहोल था, जिसके मन में जो आये वो उसे चोद रहा था। सब पर शराब और चुदाई का नशा सवार था और चुदाई का शुमार पूरे जोर पर था। पार्टनर्स बदले जा रहे थे, पूरे घर में सिसकियों और गहरी सांसों के अलावा और कोई आवाज़ नहीं थी।
 
रात बारह बजे जब सब थक गये तो मैंने आयेशा को उसके घर छोड़ा और घर आकर प्रीती की बाँहों में सो गया।
 
दूसरे दिन मैं ऑफिस पहुँचा तो देखा आयेशा वक्त से पहले ही आ गयी थी। मेरे आते ही उसने सब रिपोट्‌र्स और एक एपलीकेशन मेरी टेबल पर रख दी।
 
ये एपलीकेशन किस चीज़ की है?” मैंने पूछा।
 
सर, आज मुझे आधे दिन कि छुट्टी चाहिये, जो काम पेंडिंग रह जायेगा वो मैं कल जल्दी आकर पूरा कर दूँगी, आयेशा ने कहा।
 
उसके चेहरे को देख कर मुझे लगा कि वो मुझसे कुछ छुपा रही है। आयेशा! सच-सच बताओ कि बात क्या है, तुम आधे दिन कि छुट्टी क्यों लेना चाहती हो?”
 
सर, विजय का फोन आया था और वो चाहता है कि मैं दोपहर में वहाँ आऊँ। वो सब मुझे साथ में चोदना चाहते हैं। सर, कोई बहाना बना दीजिये ना! वो हँसते हुए बोली।
 
लेकिन घर में दूसरी औरतें भी तो हैं.... उनका क्या?” मैंने पूछा।
 
सर! विजय ने बताया कि वो सब शॉपिंग पर जा रही हैं, और सर आप ही सोचिये कि जब चार खड़े लंड मेरे साथ होंगे, सर, सिर्फ़ इस खयाल से ही मेरी चूत से पानी टपक रहा है, सर, प्लीज़ मेरी छुट्टी मंज़ूर कर दीजिये, आयेशा गिड़गिड़ाते हुए बोली।
 
ठीक है! लेकिन एक शर्त पर कि तुम पेंडिंग काम कल पूरा कर दोगी, मैंने हँसते हुए कहा।
 
मेरा इतना कहने की देर थी कि आयेशा ने जोर से मेरे होंठों पर चुंबन लिया और केबिन के बाहर दौड़ कर चली गयी।
 
इसके पहले कि मैं आयेशा के चुंबन के असर से बाहर आता एम-डी का इंटरकॉम पर फोन आया,राज! आज आयेशा कहाँ है..... दिखी नहीं?”
 
सर! आज वो छुट्टी पर है, मैंने जवाब दिया।
 
एम-डी ने मुझे अपने केबिन में बुलाया और नसरीन को कॉफी लाने को कहा। कॉफी की घूँट भरते हुए एम-डी ने कहा, राज! लगता है आयेशा पर काम का बोझ कुछ ज्यादा ही है, इसलिये मैं नसरीन को अपनी पर्सनल सेक्रेटरी बनाना चाहता हूँ।
 
सर, आपका खयाल तो अच्छा है, लेकिन क्या आपको नहीं लगता कि उसे नियुक्त करने से पहले हमें उसकी काबिलियत को जान लेना चाहिये..... मैंने थोड़ा हँसते हुए कहा।
 
हाँ! तुम सही कह रहे हो! एम-डी ने जोर से हँसते हुए कहा।
 
एम-डी ने नसरीन को अपने केबिन में बुलकर कहा, नसरीन मैंने फैसला किया है कि मैं तुम्हें अपना पर्सनल सेक्रेटरी एपॉयंट कर दूँ.... लेकिन उसके पहले राज ने बताया कि हम तुम्हारी काबिलियत जाँच लें।
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RE: तरक्की का सफ़र - by rohitkapoor - 18-12-2021, 01:27 AM



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