18-12-2021, 01:16 AM
हम दोनों वापस एक दूसरे से लिपट गये और उस दिन सारी रात एक दूसरे से खेलते हुए गुजर गयी। उन्होंने उस दिन मुझे रात में कईं बार अलग-अलग तरीके से चोदा।
सुबह उठने की इच्छा नहीं हो रही थी। पूरा जिस्म टूट रहा था। आज हैमिल्टन और साशा भी हमारे साथ मिल गये। हैमिल्टन मौका खोज रहा था मेरे साथ चुदाई का। लेकिन अब मैं ताहिर अज़ीज़ खान जी के ही रंगों में रंग चुकी थी। मेरा रोमरोम अब इस नये साथ को तरस रहा था। उस दिन भी वैसी ही चुहल बाजी चलती रही। मैंने स्विमिंग पूल पर अपनी सबसे छोटी बिकिनी पहनी थी। मेरा आशिक तो उसे देखते ही अपने होश खो बैठा। हैमिल्टन के होंठ फ़ड़क उठे थे। हैमिल्टन ने पूल के अंदर ही मेरे जिस्म को मसला। शाम को हम डाँस फ़्लोर पर गये तो मैं नशे में झूम सी रही थी। उस दिन शाम को भी हैमिल्टन के उकसाने पर मैंने काफी ड्रिंक कर रखी थी। डाँस फ़्लोर पर कुछ देर हैमिल्टन के साथ रहने के बाद ताहिर अज़ीज़ खान जी ने मुझे अपने पास खींच लिया। साशा भी उनके जिस्म से चिपकी हुई थी। हम दोनों को अपनी दोनों बाजुओं में कैद करके ताहिर अज़ीज़ खान जी थिरक रहे थे। हैमिल्टन टेबल पर बैठा हम तीनों को देखते हुए मुस्कुराता हुआ अपनी कॉकटेल सिप कर रहा था। हम दोनों ने ताहिर अज़ीज़ खान जी की हालत सैंडविच जैसी कर दी थी। मैं उनके सामने सटी हुई थी तो साशा उनकी पीठ से चिपकी हुई थी। हम दोनों ने उनके जिस्म से शर्ट नोच कर फ़ेंक दी थी। ऊन्होंने भी हम दोनों को टॉपलेस कर दिया था। हम अपने मम्मों और अपने सख्त निप्पलों को उनके जिस्म पर रगड़ रही थीं। कुछ देर बाद हैमिल्टन भी स्टेज पर आ गया। उसके साथ कोई और लड़की थी। ये देख कर साशा हम से अलग होकर हैमिल्टन के पास चली गयी। जैसे ही हम दोनों अकेले हुए, ताहिर अज़ीज़ खान जी ने अपने तपते होंठ मेरे होंठों पर रख कर एक गहरा चुंब्बन लिया। “आज तो तुम स्विमिंग पूल पर गजब ढा रही थीं।”
“अच्छा? मिस्टर ताहिर अज़ीज़ खान - एक स्टड ऐसा कह रहा है! जिसपर यहाँ कईं लड़कियों की आँखें गड़ी हुई हैं। जनाब ..जवानी में तो आपका घर से निकलना मुश्किल रहता होगा?”
“शैतान मेरी खिंचायी कर रही है!” ताहिर अज़ीज़ खान जी मुझे अपनी बाँहों में लिये-लिये स्टेज के साईड में चले गये। “चलो यहाँ बहुत भीड़ है। स्विमिंग पूल पर चलते हैं.... अभी पूल खाली होगा।”
“लेकिन पहले बिकिनी की ब्रा तो ले लूँ।”
“उसकी क्या जरूरत?” वो बोले। मैंने उनकी तरफ़ देखा तो वो बोले, “आज मूनलाईट में न्यूड स्विमिंग करेंगे। बस तुम और मैं।”
सुबह उठने की इच्छा नहीं हो रही थी। पूरा जिस्म टूट रहा था। आज हैमिल्टन और साशा भी हमारे साथ मिल गये। हैमिल्टन मौका खोज रहा था मेरे साथ चुदाई का। लेकिन अब मैं ताहिर अज़ीज़ खान जी के ही रंगों में रंग चुकी थी। मेरा रोमरोम अब इस नये साथ को तरस रहा था। उस दिन भी वैसी ही चुहल बाजी चलती रही। मैंने स्विमिंग पूल पर अपनी सबसे छोटी बिकिनी पहनी थी। मेरा आशिक तो उसे देखते ही अपने होश खो बैठा। हैमिल्टन के होंठ फ़ड़क उठे थे। हैमिल्टन ने पूल के अंदर ही मेरे जिस्म को मसला। शाम को हम डाँस फ़्लोर पर गये तो मैं नशे में झूम सी रही थी। उस दिन शाम को भी हैमिल्टन के उकसाने पर मैंने काफी ड्रिंक कर रखी थी। डाँस फ़्लोर पर कुछ देर हैमिल्टन के साथ रहने के बाद ताहिर अज़ीज़ खान जी ने मुझे अपने पास खींच लिया। साशा भी उनके जिस्म से चिपकी हुई थी। हम दोनों को अपनी दोनों बाजुओं में कैद करके ताहिर अज़ीज़ खान जी थिरक रहे थे। हैमिल्टन टेबल पर बैठा हम तीनों को देखते हुए मुस्कुराता हुआ अपनी कॉकटेल सिप कर रहा था। हम दोनों ने ताहिर अज़ीज़ खान जी की हालत सैंडविच जैसी कर दी थी। मैं उनके सामने सटी हुई थी तो साशा उनकी पीठ से चिपकी हुई थी। हम दोनों ने उनके जिस्म से शर्ट नोच कर फ़ेंक दी थी। ऊन्होंने भी हम दोनों को टॉपलेस कर दिया था। हम अपने मम्मों और अपने सख्त निप्पलों को उनके जिस्म पर रगड़ रही थीं। कुछ देर बाद हैमिल्टन भी स्टेज पर आ गया। उसके साथ कोई और लड़की थी। ये देख कर साशा हम से अलग होकर हैमिल्टन के पास चली गयी। जैसे ही हम दोनों अकेले हुए, ताहिर अज़ीज़ खान जी ने अपने तपते होंठ मेरे होंठों पर रख कर एक गहरा चुंब्बन लिया। “आज तो तुम स्विमिंग पूल पर गजब ढा रही थीं।”
“अच्छा? मिस्टर ताहिर अज़ीज़ खान - एक स्टड ऐसा कह रहा है! जिसपर यहाँ कईं लड़कियों की आँखें गड़ी हुई हैं। जनाब ..जवानी में तो आपका घर से निकलना मुश्किल रहता होगा?”
“शैतान मेरी खिंचायी कर रही है!” ताहिर अज़ीज़ खान जी मुझे अपनी बाँहों में लिये-लिये स्टेज के साईड में चले गये। “चलो यहाँ बहुत भीड़ है। स्विमिंग पूल पर चलते हैं.... अभी पूल खाली होगा।”
“लेकिन पहले बिकिनी की ब्रा तो ले लूँ।”
“उसकी क्या जरूरत?” वो बोले। मैंने उनकी तरफ़ देखा तो वो बोले, “आज मूनलाईट में न्यूड स्विमिंग करेंगे। बस तुम और मैं।”