18-12-2021, 01:15 AM
“मैं तो तुम्हारा ससुर हूँ...... क्या ये मुनासिब है?”
“ऊऊऽऽहहऽऽऽ राऽऽज!! ताऽऽऽहिर मेरी जाऽऽऽन मेराऽऽ इंतहान मत लोऽऽऽ। ऊँम्म डाल दो इसे..... अपने बेटे की बीवी की चूत फाड़ दो अपने लंड से..... कब से प्यासी हूँ तुम्हारे इस लंड के लिये.... ओओहहह कितने दिनों से ये आग जल रही थी। मैं तो शुरू से तुम्हारी बनना चाहती थी। ओऽऽऽहहऽऽऽ तुम कितने पत्थर दिल होऽऽऽऽ! कितना तरसया मुझे.... आज भी तरसा रहे हो!” मैंने उनके लंड को अपने हाथों से पकड़ कर अपनी चूत की ओर ठेला मगर उन्होंने मेरी कोशिश को नाकाम कर दिया। मेरी चूत का मुँह लंड के एहसास से लाल हो कर खुल गया था जिससे उनके लंड को किसी तरह की परेशानी ना हो। मेरी चूत से काम-रस झाग बनके निकल कर मेरे चूतड़ों के कटाव के बीच से बहता हुआ बिस्तर की ओर जा रहा था। मेरी चूत का मुँह पानी से उफ़न रहा था। “अंदर कर दूँ???”
“हाँ ऊऊहह हाँऽऽऽ”
“मेरे लंड पर किसी तरह का कोई कंडोम नहीं है। मेरा वीर्य अपनी कोख में लेने की इच्छा है क्या?”
“हाँऽऽ ऊऊहह माँ... हाँऽऽ मेरी चूत को भर दो अपने वीर्य सेऽऽऽ! डाल दो अपना बीज मेरी कोख में!” मैं तड़प रही थी। पूरा जिस्म पसीने से तरबतर हो रहा था। मेरी आँखें उत्तेजना से उलट गयी थीं और मेरे होंठ खुल गये थे। मैं अपने सूखे होंठों पर अपनी जीभ चला कर गीला कर रही थी।
“फिर तुम्हारी कोख में मेरा बच्चा आ जायेगा!!”
“हाँऽऽ हाँऽऽऽ मुझे बना दो प्रेगनेंट। अब बस करोऽऽऽ। मैं तुम्हारे हाथ जोड़ती हूँ.... और मत सताओ! मत तड़पाओ मुझे!” मैंने अपनी दोनों टाँगें बिस्तर पर जितना हो सकता था फैला लीं, “देखो तुम्हारे बेटे की दुल्हन तुम्हारे सामने अपनी चूत खोल कर लेटी तुमसे गिड़गिड़ा रही है कि उसकी चूत को फाड़ डालो। रगड़ दो उसके नाज़ुक जिस्म को। मसल डालो मेरे इन मम्मों को.... जिन पर मुझे नाज़ है! ये सब आपके छूने.... आपकी मोहब्बत के लिये तड़प रहे हैं।” मैं बहकने लगी थी। अब वो मेरी मिन्नतों पर पसीज गये और अपनी अँगुलियों से मेरी क्लिटोरिस को मसलते हुए अपने लंड को अंदर करने लगे। मैं अपने हाथों से उनकी छातियों को मसल रही थी और उनके लंड को अपने चूत की दीवारों को रगड़ते हुए अंदर दाखिल होते महसूस कर रही थी।