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Misc. Erotica मैं हसीना गज़ब की
इसे मुँह में लेकर प्यार करो!

ऊँऽऽ नहीं ये गंदा है। मैंने लंड को अपने से दूर करने का नाटक किया, छी! इससे तो पेशाब भी किया जाता है। इसे मुँह में कैसे लूँ?”

तूने अभी तक जावेद के लंड को मुँह में नहीं लिया क्या?”

नहीं वो ऐसी गंदी हर्कतें नहीं करते हैं।

ये गंदा नहीं होता है.... एक बार तो लेकर देख! ठीक उसी तरह जैसे चोकोबार आईसक्रीम को मुँह में लेकर चाटती हो। असलियत में तो मैं उस लंड को मुँह में लेने के लिये इतनी बेकरार थी की अगर उसमें से तो पेशाब भी निकल रहा होता तो मैं उसे आब-ए-ज़मज़म समझ कर पी जाती पर फिर भी मैं जानबूझ कर झिझकते हुए अपनी जीभ निकाल कर उनके लंड के टोपे पर फिराने लगी। मेरे बाल खुले होने की वजह से उनको देखने में परेशानी हो रही थी। इसलिये उन्होंने मेरे बालों को पकड़ कर जूड़े के रूप में बाँध दिया। फिर मेरे चेहरे को पकड़ कर अपने लंड को मेरी ओर ठेलने लगे। मैंने उनकी हरकत के इख्तयार में अपना मुँह खोल दिया। उनका लंड आधा अंदर जा कर मेरे गले के दर में फंस गया।

बसऽऽ और नहीं जायेगा! मैंने कहना चाहा मगर मुँह से बस, ऊँऽऽऽ ऊँऽऽऽ जैसी आवाज निकली। इसलिये मैंने उनके लंड को अपने मुँह में लिये-लिये ही उन्हें इशारा किया। वो अपने लंड को अब आगे पीछे करने लगे। मैं उनके लंड को अपने मुँह से चोद रही थी और साथ-साथ उनके लंड पर अपनी जीभ भी फ़िरा रही थी।

पूरा ले! मज़ा नहीं आ रहा है! पूरा अंदर जाये बिना मज़ा नहीं आयेगा। उन्होंने अपने लंड को बाहर खींचा।

इतना बड़ा लंड पूरा कैसे जायेगा? मेरा मुँह मेरी चूत जैसा तो है नहीं कि कितना भी लंबा और मोटा हो सब अंदर ले लेगा! मैंने कहा।

उन्होंने मुझे उठाया और बिस्तर पर ले जाकर लिटा दिया। मैं पीठ के बल लेट गयी। अब उन्होंने मेरे जिस्म को कंधों से पकड़ कर बिस्तर से बाहर की तरफ़ खींचा। अब मेरा सिर बिस्तर से नीचे लटकने लगा था। हाँ ये ठीक है.... अब अपने सिर को बिस्तर से नीचे लटकाते हुए अपने मुँह को खोल! वो बोले। मैंने वैसा ही किया। इस पोज़िशन में मेरा मुँह और गले का छेद एक सीध में हो गये थे। ससुर जी अब मेरे मुँह में अपने लंड को डालते हुए मुझसे बोले,एक जोर की साँस खींच अंदर! मैंने वैसा ही किया। वो अपने लंड को अंदर ठेलते चले गये। उनका मोटा लंड सरसराता हुआ गले के अंदर घुसता चला गया। पहले तो उबकायी जैसी आयी। लेकिन उनका लंड फंसा होने के कारण कुछ नहीं हुआ। उनका लंड अब पूरा अंदर घुस चुका था। उनके लंड के नीचे लटकते दोनों गेंद अब मेरी नाक को दाब रहे थे। एक सेकेंड इस हालत में रख कर उन्होंने वापस अपने लंड को बाहर खींचा। उनके लंड ने जैसे ही गले को खाली किया, मैंने अपने फ़ेफ़ड़ों में जमी हवा खाली की और वापस साँस लेकर उनके अगले धक्के का इंतज़ार करने लगी। उन्होंने झुक कर मेरे दोनों मम्मों को अपनी मुठ्ठी में भर लिया और उन्हें मसलते हुए वापस अपने लंड को जड़ तक मेरे मुँह में ठेल दिया। फिर एक के बाद एक, धक्के मारने लगे। मैंने अपनी साँसें उनके धक्कों के साथ एडजस्ट कर ली थी। हर धक्के के साथ मेरे मम्मों को वो बुरी तरह मसलते जा रहे थे और साथ-साथ मेरे निप्पलों को भी उमेठ देते। जैसे ही वो मेरे निप्पलों को पकड़ कर खींचते, मेरा पूरा जिस्म कमान की तरह ऊपर की ओर उठ जाता। काफी देर तक यूँ ही मुँह में ठेलने के बाद उन्होंने अपना लंड बाहर निकाल लिया। और ज्यादा देर तक चूसने से हो सकता है मुँह में ही निकल जाता। उनका लंड मेरे थूक से गीला हो गया था और चमक रहा था। उनके उठते ही मैं भी उठ बैठी। उन्होंने मुझे बिस्तर से उतार कर वापस अपने आगोश में ले लिया। मैंने उनके सिर को अपने हाथों से थाम कर उनके होंठों पर अपने होंठ सख्ती से दाब दिये। मेरी जीभ उनके मुँह में घुस कर उनकी जीभ से खेलने लगी। साढ़े-चार इंच ऊँची ऐड़ी के सैंडल पहने होने के बावजूद मुझे अपनी ऐड़ियों को और ऊपर करना पड़ा जिससे मेरा कद उनके कद के कुछ हद तक बराबर हो जाये। मेरे सैंडलों के ऐड़ियाँ अब ज़मीन से ऊपर उठी हुई थी और मेरे पंजे मुड़े हुए थे। फिर मैंने अपने दोनों मम्मों को हाथों से उठा कर उनके सीने पर इस तरह रखा कि उनके निप्पलों को मेरे निप्पल छूने लगे। उनके निप्पल भी मेरी हरकत से एक दम कड़े हो गये थे। मेरे निप्पल तो पहले से ही उत्तेजना में तन चुके थे। मैंने अपने निप्पल से उनके निप्पल को सहलाना शुरू किया। उन्होंने मेरे नितंबों को सख्ती से पकड़ कर अपने लंड पर खींचा।
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RE: मैं हसीना गज़ब की - by rohitkapoor - 18-12-2021, 01:10 AM



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