27-10-2021, 07:22 PM
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मजे - लूट लो जितने मिले
दूसरा अध्याय
खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला
दूसरा अध्याय
खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला
भाग 1
अब तक आपने जन्नत - खड़ा लंड और 72 हूरे- खाला को चोदा भाग 1-3 में पढ़ा कि नूरी खाला को जबरदस्त चुदाई का मजा देने के बाद दूसरे दिन मेरा निकाह हलाला की बंदिश में बंधी मेरी आपा सारा से होना था और उसके साथ मुझे शौहर के मानिंद रात गुजारनी होगी. मतलब उसे चोदना होगा. नहीं पढ़ा जो जल्दी से पढ़ ले.
अब आगे:
इधर उस हलाला वाली आपा के बारे में बता दूँ. आपको याद होगा कि मेरी एक कजिन थी, जिसका नाम सारा था और उसकी उम्र लगभग उन्नीस साल की थी. उसकी शादी हमारे कजिन इमरान से हुई थी और उनका आपस में बहुत प्यार मोहब्बत था. फिर पता नहीं क्या हुआ कि इमरान ने ग़ुस्से में आकर मेरी कजिन सिस्टर को तलाक़ दे दिया और इसी कारण से वह शादी में भी नहीं आयी थी.
इस तलाक देने के बाद मेरे कजिन को बहुत पछतावा हुआ और इमरान ने दोबारा सारा से शादी करने की ख्वाहिश की, तो मौलवी साहेब बोले कि शरीयत के रूल से सारा को हलाला से गुजरना होगा और कम से कम एक रात के लिए किसी और की बीवी बनना पड़ेगा, तब ही तुम दोनों की शादी हो सकती है.
उसके बाद शाम के समय मेरा और सारा का निकाह हो गया. तो मेरे मामू जो सारा के ससुर भी थे, उन्होंने मुझे बाहर बुलाया और कहने लगे कि आमिर बात सिर्फ निकाह की नहीं थी, तुम्हें रात को अपनी कजिन सिस्टर के साथ मियां बीवी की तरह सोना भी पड़ेगा.
मुझे ये बात पहले ही खाला ने बता दी थी. मैं और भी खुश हो गया. लेकिन दिखावे के गुस्से से मैं बोला कि मामू ये नहीं हो सकता.
तो मामू ने मेरे अब्बा को फ़ोन किया और दिक्कत बताई, तो उन्होंने भी इजाजत दे दी.
मैंने इतने में देखा सारा की एक छोटी बहन ज़रीना भी थी. वो अठारह साल की थी और बला की खूबसूरत थी. एकदम पतली लम्बी ... गोरा रंग और कश्मीरी होने के कारण उसके लाल सुर्ख गाल थे. वो देखने में बिल्कुल ज़रीन खान हीरोइन जैसी लग रही थी. उसे देख कर यही लगता था कि यह तो सच में ज़रीन खान की जुड़वाँ बहन है. मैंने उसको देखा तो देखता रह गया. मेरा मन बेईमान हो गया.
मैंने खाला से पूछा- ज़रीना के लिए क्या सोचा है?
तो खाला बोलीं- अभी सोच रहे हैं ... सोचती थी कि तुमसे इसका निकाह करवा दूँगी.
इधर अब सारा भी मेरी बीवी थी, पर उसे तो हलाला के चलते तलाक देना होगा.
मैंने कहा- खाला, इसके बदले, आप मुझे जरीना दे दो. वह मुझे भा गयी है. ज़रीना से भी मेरा निकाह पढ़वा दो.
इस बात पर खाला बोलीं- चाहती तो मैं भी यही चाहती हूँ.
इसके बाद खाला ने मामू से बात की. ये बात फिर अब्बा हज़ूर और अम्मी के पास गयी और उन्होंने भी इजाजत दे दी. मेरा निकाह सारा के साथ साथ जरीना से भी पढ़वा दिया गया.
अब कुछ बाकी नहीं था, तो मैं एक रात का दूल्हा बन सारा के साथ रात गुजारने के लिए ऐसे मान गया जैसे मैं सारा की चुदाई बेमन से कर रहा हूँ.
हम घर आए. सर्दियों की रातें थी. रात को 8:30 बजे उन्होंने मुझे कमरे में भी भेज दिया, इससे पहले मैंने सारा को बचपन में ही देखा था, पर अब तो वो बहुत निखर गयी थी.
जहां मेरी कजिन सारा अपने एक रात के शौहर का इंतज़ार कर रही थी. सारा भी बला की खूबसूरत थी, उसके बड़े बड़े मम्मे, जिनकी साइज 38c थी. उसकी मोटी गांड की साइज 40 इंच थी. सपाट पेट और कमर 26 इंच की और जिस्म भरा हुआ था. वो लम्बी थी और मुख़्तसर ये कि वो खतरनाक हद तक खूबसूरत और सेक्सी थी.
उस वक्त वो लाल रंग के कश्मीरी दुल्हन के कपड़ों में थी. दुल्हन के लिबास के लिए लाल मेरा पसंदीदा कलर है. मैं उसके पास बैठ गया. मैंने करीब जाकर उसका घूंघट उठा दिया और सारा की ओर देखा. उसकी शक्ल सूरत बिल्कुल कटरीना कैफ की थी. मुझे तो अपने नसीब पर रश्क़ होने लगा.
एक ही दिन में दो नयी बीवियां ... एक कटरीना जैसी और दूसरी ज़रीन जैसी. दोनों कश्मीरी सेब जैसे लाल गालो वाली और हूरो जैसी खूबसूरत. मेरी तो जैसे लाटरी लग गयी मेरा लौड़ा सलामी देने लगा. साथ साथ मैंने उसका हाथ अपने हाथ में पकड़ रखा था और उसे सहला भी रहा था.
मैंने उससे कहा- सारा, मेरे दिल की तमन्ना आज पूरी होने जा रही है. मैं कभी सोच भी नहीं सकता था कि तुम्हारे साथ कुछ कर सकूँगा.
उसने बोला- आमिर, मेरे भी दिल में दबी दबी ख्वाहिश थी कि काश कभी हम आपस में चुदाई कर सकते. लेकिन ऐसा न हो सका और तुम पढ़ने इंग्लैंड चले गए और मेरी तीन महीने पहले शादी हो गयी.
फिर मैंने पूछा- उसने तुम्हारी जैसी खूबसूरत बला को तलाक़ कैसे दे दिया?
सारा बोली- मेरा उससे झगड़ा होता था.
मैं- किस बात को लेकर?
वह खुल बताने में शर्मा रही थी ... मैंने कहा- शर्माओ मत ... अब मैं तुम्हारा शौहर हूँ और कजिन भाई भी हूँ. शायद तुम्हारी आगे की जिंदगी में कुछ मदद कर सकूं.
वह शर्मा कर बोली- इमरान का लंड बहुत कमजोर था और खड़ा भी नहीं होता था. वह नामर्द था और मैं अब तक कुंवारी हूँ.
मैंने पूछा- अब दुबारा निकाह के बाद कैसे होगा ... तुम कैसे मान गईं?
वह बोली- अब वह इलाज कराने को मान गया है.
मैंने कहा- अगर ठीक नहीं हुआ तो तुम्हारा क्या होगा?
वह धीरे धीरे रोने लगी- वह मुझे मारता भी था. अब मैं उससे शादी नहीं करना चाहती, पर अम्मी के दबाव में हलाला के लिए राजी हो गयी हूँ. फिर उससे दुबारा निकाह भी कर सह लूंगी.
मैंने उसके आंसू पौंछे और बोसा लेकर बोला- मेरी जान, अब तुम मेरी जिम्मेवारी हो.
फिर मैंने आहिस्ता से उसका हाथ पकड़ कर अपने होंठों से लगा लिया, उसे मेरे स्पर्श से कंपकंपी सी आ गयी. फिर मैंने उसकी एक उंगली अपने मुँह में लेकर आहिस्ता आहिस्ता चूसी और कभी कभी बाईट भी कर देता था. वो गर्म हो रही थी.
उसने मुझे गले से लगा लिया और हम दोनों ने एक बहुत डीप किस की. फिर मैंने उसकी जुबान चूसनी शुरू कर दी. उसने मेरी भी ज़ुबान चूसी. इस दौरान मेरा बायाँ हाथ उसके बालों पे था, जिससे मैंने उसकी गर्दन को पीछे को खींची हुई थी. मेरा दायाँ हाथ उसके मम्मों को दबा रहा था. वो मादक सिसकारियां भर रही थी.
फिर मैंने उसकी क़मीज़ उतार दी, उसने रेड ब्रा पहनी हुई थी. उफ्फ्फ्फ ... क्या मम्मे थे उसके ... दूधिया रंगत के पिंक निप्पल एकदम से खड़े हुए थे. मैंने आहिस्ता आहिस्ता उसके सारे कपड़े उतार दिए और अपने भी निकाल दिए. वो मुझे दीवानों की तरह छाती पे किस कर रही थी और मेरे निप्पल से खेल रही थी. मैं भी उसके सारे जिस्म पे हाथ फेर रहा था और वो गरम से गरमतर हो रही थी.
फिर मैंने उसे उल्टा लेटने को कहा, वो लेट गयी और मैंने उसकी गर्दन से उसे चाटना शुरू किया. उसके दोनों बाज़ू हाथ और आर्मपिट ... उफ्फ्फ्फ़ ... क्या मदहोश कर देने वाली महक थी उसके जिस्म की. जब मैं उसके आर्मपिट और गर्दन पे ज़ुबान लगाता था, तो वो ऊपर को उछल पड़ती थी, जिससे मेरा लंड उसकी गांड पे टच हो रहा था.
उसने हाथ बड़ा कर मेरा लंड पकड़ा और बोली- उफ्फ्फ्फ़ हाय अल्लाह ... इतना बड़ा इतना मोटा ... और मजबूत ... मेरी तो ये आज फाड़ ही डालेगा ... ज़रीना तो बहुत किस्मत वाली है ... जिसे इतना मजबूत लंड मिला है.
मैंने कहा- मेरी रानी, आज ये तुम्हारा है ... आज रात इसके पूरे मजे कर लो.
हम दोनों जल्द ही चुदाई की पोजीशन में आ गए. इस वक्त मैं उसके ऊपर दोनों तरफ टांगें फैला कर चढ़ा हुआ था. इसी तरह चूमते चाटते मैं उसकी गांड पे आ गया और ज़ोर से उसकी नंगी गांड पे एक थप्पड़ मारा.
'उफ्फ़ ...' उसकी गांड ऐसे फड़फड़ाई कि क्या बताऊं. फिर मैंने उसकी गांड पे दांत से काटना शुरू कर दिए, जिससे वह मरने की हद तक पहुंच गयी. फिर मैंने अपना हाथ उसकी गांड की दरार में डाला और उसकी चूत और गांड को सहलाने लगा. साथ साथ उसकी टांगों को भी चूमने लगा. फिर मैंने उसे सीधा लेटने को कहा. जब मैंने उसका मुखड़ा देखा तो टमाटर की तरह लाल हो रहा था. मुझसे रहा ही न गया और मैं उसके गालों पे बहुत देर किस करता रहा, काटता भी रहा. फिर मैंने उसकी गर्दन पे किस किया और फिर उसके मम्मों को सहलाने लगा.
मैं अब भी उसके ऊपर उसी पोजीशन में था और जब मैंने नीचे मुँह कर के उसके मम्मे को अपने मुँह में लिए, तो साथ साथ मेरा लंड उसकी बग़ैर बालों की चूत, जो बिल्कुल गीली हुई पड़ी थी, उससे टच कर रहा था. मैंने नोट किया जब मेरा लंड उसकी चूत से टच करके ऊपर को उठता था तो उसकी चूत के रस से लंड की टोपी के साथ एक तार सी बन जाती. मैं पूरे जोश में था. मैंने बारी बारी उसके दोनों चूचे चूसे और उनको दबा दबा कर काटता भी रहा. फिर मैं उसके पेट पे किस करता रहा और उसकी चूत पे आ गया.
मैंने उसकी रानों पे किस किया और वहां जुबान से चाटने चूमने लगा. जब मैंने अपनी जुबान उसकी चूत के आसपास फेरी, तो मुझे उसकी गीली चूत का कुछ अजीब सा स्वाद लगा लेकिन मैं मज़े से पागल हो रहा था. मैंने दीवानगी के साथ उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया.
ऐसा करते देख कर सारा ने खुद ब खुद अपनी टांगें फैला दीं और मेरे बालों में हाथ फेरने लगी. मैं ज़ोर ज़ोर से उसकी चूत चाट रहा था. मैं उस वक्त तक नहीं रूका, जब तक कि उसकी चूत का पानी न निकल गया. मैं ये देख कर हैरान रह गया कि उसकी मनी (कामरस) भी बिल्कुल मेरी मनी की तरह गाढ़ी थी.
फिर जब मैंने अपना मुँह हटाया तो वो भूखी शेरनी की तरह उठी, उसने मुझे नीचे गिराया और मेरे ऊपर चढ़ गयी. मेरा लंड जो इस वक्त बिल्कुल खूंखार हो चुका था ... उसकी गीली चूत से टच हुआ.
लेकिन उसने एक नया काम किया. मैं सोच रहा था कि अभी मेरा लंड अपनी चूत में ले लेगी लेकिन उसने मेरे पेट पे लेट कर इस पोजीशन में कर लिया कि मेरा लंड बस उसकी चूत के मुँह को टच करता रहे. उसने अपनी ज़ुबान से मेरे होंठों पे और आस पास लगाई और मेरे मुँह में लगी अपनी मनी को चाटना शुरू कर दिया.
उफ्फ्फ ... क्या बताऊं ... यार उसने अपनी खुद की सारी मनी मेरे मुँह से साफ़ कर दी. इसके बाद उसने मेरे माथे से बोसे लेना शुरू किया. किस के साथ साथ वो हिल भी रही थी, जिससे लंड और चूत आपस में चुम्मी चुम्मी खेल रहे थे. मुझे और उसे इस खेल का भरपूर मज़ा आ रहा था. उसने मेरी आँखों, मेरे गाल, मेरी नाक को पहले किस किया, फिर चूसा. फिर उसने मेरे कानों को किस किया ... लिक किया ... बाईट किया और कान में ज़ुबान डाल दी.
उफ्फ़फ ... मेरा तो बुरा हाल हो गया था.
फिर उसने मुझे फ्रेंच किस की और अचानक किस खत्म करके उसने मेरे होंठों के ऊपर वाले हिस्से को, मतलब मूंछों वाली जगह को लिक किया और मेरे नाक में भी अपनी जुबान से किस करती रही. ये मेरे लिए नया तजुर्बा था.
फिर उसने मेरी गर्दन को किस किया और फिर मेरे सीने को दोनों हाथ से मसलती रही. वो मेरे सीने पे और कन्धों पर काटती रही. सारा इस वक़्त ज़ख़्मी शेरनी से कुछ कम नज़र नहीं आ रही थी. उसने मेरे निप्पलों की भी किस करना चालू कर दिया और बारी बारी से वो मेरे दोनों निप्पलों को दांतों से काटने में लग गई.
खैर ... वो किस करती हुई मेरे नीचे आ रही थी. जब वो नीचे हो रही थी, तो मेरे लंड पर उसकी चूत ऐसे फिसली कि मत पूछो ... मैं तो उस रगड़ से सातवें आसमान पे पहुंच चुका था. मुझे कुछ जल्दी नहीं थी ... मैं बस अपनी एक रात की शादी को एन्जॉय कर रहा था.
खैर उसने मेरे लंड की टिप पर ज़ुबान रख दी और लंड को हाथ में पकड़ा, जो उसकी चूत के पानी से बिल्कुल गीला हो चुका था. वो मेरे लंड को सहलाने लगी और मेरी गोटियों को अपनी ज़ुबान की नोक से बिल्कुल नीचे से ऊपर तक मेरे लंड के सुराख तक चाटती हुई ऊपर आई. फिर उसने मेरे लंड की टोपी को किस किया और मुझे टांगें खोलने को कहा.
मैंने टांगें खोलीं तो अगले ही लम्हे में मेरा पूरा जिस्म मज़े से कंपकंपा उठा. उसने मेरी गांड के सुराख़ के पास से शुरू चाटना करके मेरी गोटियों और मेरे लंड की टोपी तक जो जुबानी चांटा लगाया. तो मेरे मुँह से बेइख़्तियार सिसकारी निकल गई- उम्म्ह... अहह... हय... याह... सीईईईई आह ...
क्या बताऊं ... सारा पूरी खिलाड़िन थी.
फिर उसने मेरे लंड को अपने मुँह में ले कर चूसना शुरू कर दिया. मैंने उसे इशारा किया तो वो मेरे ऊपर 69 पोजीशन में आ गयी. ऊपर होने की वजह से उसकी चूत और गांड खुल कर मेरे सामने आ गयी थी. मैंने भी दीवानों की तरह उसकी चूत पे ज़ुबान चलानी शुरू कर दी. अब मैं अपनी ज़ुबान उसकी चूत में भी डाल रहा था और ज़ुबान से सारा को छेड़ रहा था. जैसे ही मेरी ज़ुबान उसकी चूत में जाती, वो बहुत ज़ोर से मेरे लंड का चुप्पा लगाती.
ऐसे ही करते करते हम दोनों का पानी निकल गया, जिसे हम दोनों ने पी लिया. सर्दी के बावजूद भी हमारे जिस्म तप रहे थे. इस सारे काम में हमें तक़रीबन एक घंटा लग गया था ... और इस एक घंटे में हम दोनों एक दूसरे से बहुत कम बोले.
वो मेरे बराबर में लेट गयी और बोली- आमिर ... मुझे ज़िंदगी में इतना मज़ा कभी नहीं आया ... जितना आज आया है. आज तुम मेरी सील भी तोड़ दो.
इसके बाद अगले भाग में अपनी आपा सारा की जबरदस्त सील तोड़ चुदाई का किस्सा सुनाने वाला हूँ.
कहानी जारी है.
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