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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
मैंने धीरे से पलँग पर बैठ कर मीना चाची को अपनी और खिसकाया और बड़े धीरे से उनका घूँघट ऊपर उठा दिया। मीना चाची ने आज कुछ ज्यादा ही सैक्सी मेक-अप करा हुआ था। उन्होंने अपने होंठों पर लाल चमकने वाली लिपस्टिक लगायी हुई थी और पूरे मुखड़े पर बहुत ही सुंदर तरीके से मेक-अप करा हुआ था। ब्लाऊज़ उन्होंने बहुत ही लो कट पहना था और अगर ब्लाऊज़ को ब्रा बोला जाये तो ज्यादा मुनासिब होगा और अंदर उन्होंने ब्रा शायद बहुत ही छोटी साइज़ की पहनी हुई थी क्योंकि उसमें से मीना चाची कि मस्तानी जवानी छलक-छलक के बाहर आने को मचल रही थी। उन्होंने अपने घने-घने बालों को खुला रखा था जो किसी झरने की तरह उनकी कमर तक लहरा रहे थे। मीना चाची ने अपने हाथों और पैरों के नाखुनों पर लाल नेल पॉलिश लगा रखी थी। साथ ही उन्होंने मुझे और भी उत्तेजित करने के लिये काले रंग की बहुत ही ऊँची (लगभग पाँच इंच) पेन्सिल हील की सैण्डल पहनी हुई थी। उनके गोरे-गोरे पैरों को उन सैण्डलों में देख कर मेरा लंड मेरी पैंट के अंदर साँप की तरह फुँफकारने लगा। 

मैंने बड़े ही प्यार से मीना चाची का चेहरा अपने हाथों में ले कर उनके गुलाबी होंठों पर अपने होंठ रख दिये और तबियत से उनके होंठ और जीभ चूसने लगा और फिर मीना चाची की कमर में हाथ डाल कर उनकी नंगी पीठ पर फेरने लगा। मीना चाची ने भी मुझे अपनी बाहों में ले लिया और अपनी चूचियों का दबाव देते हुए मेरे होंठ और जीभ चूसने लगी। मुझे होश नहीं हम कब तक एक दूसरे को यूँ ही चूसते रहे। जब हम अलग हुए तो मैंने कहा, मीना डार्लिंग तुम तो वाकय में बहुत खूबसुरत हो। मैं तुमको अपनी वाईफ बना कर धन्य हो गया। तुम्हारा बदन लगता है जैसे भगवान ने तुम्हें खुद अपने हाथों से बनाया है। तुम्हें देख लेने के बाद कैसे कोई इंसान कैसे अपने ऊपर काबू रख सकता है!”
 
मीना चाची बोली, मॉय डार्लिंग! मैं बहुत खुश किस्मत हूँ कि तुम मेरे हसबैंड हो और आशा करती हूँ कि तुम मेरी बूर को चूत और चूत को भोंसड़ा बना दोगे!”
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RE: हिंदी की कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 08-11-2020, 01:56 AM



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