08-11-2020, 01:54 AM
तो मीना चाची ने शर्माते हुए मेरे होंठों का किस लिया और बड़े प्यार से लंड हाथ में लेकर बोली, “सुनील मुझे लग रहा है कि मेरी असली शादी तो आज हुई है और सुहाग रात मनी है… और जैसे कोई लड़की पहली बार अपने मर्द से चुदवाकर मस्त हो कर शर्माती है… बिल्कुल मुझे वैसा ही लग रहा है। सुनील मेरे सरताज… मेरी चूत के मालिक! तू जो बोलेगा मैं सब करूँगी पर तू मुझे आज कसम दे कि तू हर रोज़ मुझे चोदेगा। चाचा आ जायेगा तब भी मैं मौका निकाल कर तुझसे अपनी चूत ठंडी करवाऊँगी।”
मैं तो अपने जीवन की पहली चुदाई कर के मस्त पड़ा हुआ था। मैंने भी कहा, “मीना मेरा मुठ मारने का हमेशा ही एक सीन मेरे दिमाग में घूमता था, जिस को मैं सोच-सोच कर तुम्हारी याद में अपना लंड मुठियाता था।”
मीना चाची बड़े प्यार से बोली, “अब क्या जरूरत है सपने देखने की… तू बोल तो सही… मैं तेरे लिये अब कुछ भी करूँगी।”
मैंने कहा, “मीना मैं हमेशा ही यह सोचता था कि तुम्हारी शादी मुझ से हुई है और अपनी सुहाग रात वाले दिन तुम शर्माती हुई दुल्हन की तरह सज-धज के मेरे लिये पलंग पर बैठी हो और फिर मैं तुम्हें जी भर के चोदता हूँ।”
मीना चाची ने मेरे होंठों का एक लम्बा सा किस लिया और करीब पाँच मिनट तक मेरे होंठ चूसने के बाद बोली, “मेरे राजा! बस अब तुझे मेरी चूत और नहीं मिलेगी और ना ही तू मुठ मारेगा।”
मेरे उपर तो जैसे पहाड़ गिर पड़ा। मैंने कहा, “मीना ये तुम क्या कह रही हो?”
मीना चाची बड़े ही मादक अँदाज़ में बोली, “मादरचोद! आज तेरी और मेरी, रात को सुहाग-रात मनेगी और मैं चाहती हूँ कि तू अब दिन भर मुझे नंगा देखे और अपना मूसल जैसा लौड़ा मसले ताकि जब रात को मेरे साथ सुहाग-रात मनाये तो मुझे कड़-कड़ाते हुए चोदे जिस से मेरी चूत का एक-एक पोर खुल जाये।”
मैंने भी कहा, “मीना पर मैं रात तक कैसे दोबारा इंतज़ार करूँगा… इतनी नशीली शराब पीने का!”
मीना चाची ने मेरी छाती को चूमते हुए कहा, “बहनचोद तू मेरे बारे में सोच कि मैं कैसे रहुँगी रात तक तेरा मस्त मादरचोद लंड लिये बिना। मेरी चूत खुली हुई तो क्या हुआ पर मैं भी अपनी ज़िंदगी में वो सुख भोगना चाहती हूँ जिस की कभी मैंने कल्पना करी थी।”
मैं तो अपने जीवन की पहली चुदाई कर के मस्त पड़ा हुआ था। मैंने भी कहा, “मीना मेरा मुठ मारने का हमेशा ही एक सीन मेरे दिमाग में घूमता था, जिस को मैं सोच-सोच कर तुम्हारी याद में अपना लंड मुठियाता था।”
मीना चाची बड़े प्यार से बोली, “अब क्या जरूरत है सपने देखने की… तू बोल तो सही… मैं तेरे लिये अब कुछ भी करूँगी।”
मैंने कहा, “मीना मैं हमेशा ही यह सोचता था कि तुम्हारी शादी मुझ से हुई है और अपनी सुहाग रात वाले दिन तुम शर्माती हुई दुल्हन की तरह सज-धज के मेरे लिये पलंग पर बैठी हो और फिर मैं तुम्हें जी भर के चोदता हूँ।”
मीना चाची ने मेरे होंठों का एक लम्बा सा किस लिया और करीब पाँच मिनट तक मेरे होंठ चूसने के बाद बोली, “मेरे राजा! बस अब तुझे मेरी चूत और नहीं मिलेगी और ना ही तू मुठ मारेगा।”
मेरे उपर तो जैसे पहाड़ गिर पड़ा। मैंने कहा, “मीना ये तुम क्या कह रही हो?”
मीना चाची बड़े ही मादक अँदाज़ में बोली, “मादरचोद! आज तेरी और मेरी, रात को सुहाग-रात मनेगी और मैं चाहती हूँ कि तू अब दिन भर मुझे नंगा देखे और अपना मूसल जैसा लौड़ा मसले ताकि जब रात को मेरे साथ सुहाग-रात मनाये तो मुझे कड़-कड़ाते हुए चोदे जिस से मेरी चूत का एक-एक पोर खुल जाये।”
मैंने भी कहा, “मीना पर मैं रात तक कैसे दोबारा इंतज़ार करूँगा… इतनी नशीली शराब पीने का!”
मीना चाची ने मेरी छाती को चूमते हुए कहा, “बहनचोद तू मेरे बारे में सोच कि मैं कैसे रहुँगी रात तक तेरा मस्त मादरचोद लंड लिये बिना। मेरी चूत खुली हुई तो क्या हुआ पर मैं भी अपनी ज़िंदगी में वो सुख भोगना चाहती हूँ जिस की कभी मैंने कल्पना करी थी।”