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Adultery तरक्की का सफ़र
टिकट तो हैं नहीं! फिर क्या करना चाहिये, अंजू?” 

ऊममम अब क्या करें भैया? चलो कहीं चल कर आईसक्रीम खाते हैं, मंजू ने कहा। 
 
थोड़ी देर में मेरे फोन की घंटी तीन बार बज कर बंद हो गयी। मैं समझ गया कि घर में दोनों चिड़ियाँ चुदवाने को तैयार हो रही हैं। मैंने सबसे कहा, चलो अब घर चल कर ही कुछ करते हैं?”
 
इतनी जल्दी क्या है जीजाजी?” राम ने कहा।
 
चलना है तो चलो या आईसक्रीम को साथ ले लो, मैंने कहा।
 
बेवकूफ़! भूल गये क्या?” अंजू उसके कान में फुसफुसायी और मंजू उसे जबरदस्ती उठाती हुई खड़ी हो गयी।
 
जब हम घर पहुँचे तो मैंने जय और विजय से कहा, तुम दोनों फ्लैट पर जाओ.... वहाँ तुम्हें तुम्हारी भाभी प्रीती मिलेगी, अगर वो वहाँ ना हो तो घंटी मत बज़ाना। उसके आने के बाद ही फ्लैट में जाना।
 
लेकिन ये सब क्या है भैया?? मैं कुछ समझा नहीं, विजय ने पूछा?
 
अभी समझाने का वक्त नहीं है, प्रीती तुम्हें सब समझा देगी, मैंने दोनों को ढकेलते हुए कहा।
 
आधे घंटे के बाद प्रीती का फोन आया कि हम लोग आ सकते हैं। प्रीती हमें दरवाजे पर मिली।
 
क्या हो रहा है?” मैं धीरे से फुसफुसाया।
 
चुदाई का पहला दौर खत्म हो चुका है और दूसरे की तैयारी हो रही है, प्रीती धीरे से बोली।
 
क्या सिमरन की गाँड फाड़ दी?” राम ने पूछा।
 
अभी तो नहीं.... लेकिन शायद दूसरे राऊँड के बाद!
 
भाभी अपने ये सब कैसे किया?” अंजू ने पूछा।
 
मैंने उन दोनों को कोक में एम-डी की स्पेशल दवाई मिला कर दी थी, प्रीती ने जवाब दिया।
 
ऐसे नहीं!!! हमें ज़रा डिटेल में बताइये, मंजू बोली
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RE: तरक्की का सफ़र - by rohitkapoor - 08-11-2020, 01:48 AM



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