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Adultery तरक्की का सफ़र
राज से मत डरो और सच सच बोलो?” प्रीती ने पूछा। 

हाँ! सही में वो दोनों बहुत अच्छी थीं।
 
ठीक है! मैं अब बताती हूँ कि ये सब किस लिये था, जैसे तुम दोनों ने अंजू और मंजू की कुँवारी चूत को चोदा था वैसे ही उनके पति तुम्हारी बीवियों को चोदें और उनकी कुँवारी गाँड भी मारें, प्रीती ने कहा।
 
कमरे में अचानक खामोशी छा गयी। कोई कुछ नहीं बोला।
 
ज़रा सोचो! अगर ये हो जाये तो तुम लोग एक दूसरे की बीवी को भी चोद सकोगे। उनकी गाँड भी मार सकोगे...... वो तुम्हारे लंड का पानी भी खुशी-खुशी पी जायेंगी, प्रीती ने कहा,और दूसरी बात! तुम्हें अंजू और मंजू को भी दोबारा चोदने का मौका मिलेगा और साथ ही दूसरी लड़कियों को भी जिन्हें हम जानते हैं।
 
मुझे मंजूर है, मैं देखना चाहुँगा जब वो सिमरन की गाँड में अपना लंड घुसायेंगे, राम ने हँसते हुए कहा।
 
मुझे भी मंजूर है, पर ये होगा कैसे?” श्याम ने पूछा।
 
ये सब मेरे पर छोड़ दो, तुम लोगो सिर्फ़ इतना करना कि जब अंजू और मंजू आयें तो ऐसे मिलना जैसे पहली बार मिल रहे हो... वो भी ऐसा ही करेंगी, प्रीती ने कहा।
 
ठीक है? तुम लोग तैयार रहना.... मैं बता दूँगी तुम्हें, प्रीती ने कहा।
 
शाम को मेरी बहनें अपने पति, जय और विजय, के साथ पहुँच गयीं।
 
सॉरी अंजू-मंजू! तुम लोगों को हॉल में ही सोना पड़ेगा..... कारण, हमारे यहाँ तीन ही बेडरूम हैं और वो पहले से ही बुक हैं, प्रीती ने कहा।
 
कोई प्रॉब्लम नहीं भाभी! हमें साथ में सोने की आदत है, अंजू हँसते हुए बोली।
 
थोड़ी देर बाद प्रीती, अंजू और मंजू को अपने बेडरूम में ले आयी और उन्हें सब बताया तो, अंजू ने हँसते हुए कहा, अच्छा ऑयडिया है भाभी! और जय-विजय को उन्हें चोदने में मज़ा आयेगा, मैं जानती हूँ।
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RE: तरक्की का सफ़र - by rohitkapoor - 08-11-2020, 01:47 AM



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