08-11-2020, 01:43 AM
“सबसे पहली बात, मेरे भाई अपनी बीवियों के साथ हमारे पास रहने आ रहे हैं”, प्रीती ने कहा।
“तो वो दोनों चुदकड़ हमसे मिलने आ रहे हैं....” मैंने हँसते हुए कहा।
“क्या तुम अब भी नाराज़ हो कि मेरे भाइयों ने तुम्हारी कुँवारी बहनों की चूत फाड़ी थी?”
“नहीं! बिल्कुल भी नहीं, उनकी जगह कोई भी होता तो वही करता, उन्हें कुँवारी चूत चोदने का मौका मिला और उन्होंने चोदा”, मैंने कहा, “अच्छा अब दूसरी बात बताओ?”
“बात ये है कि तुम्हारी बहनें अंजू और मंजू भी अपने पति, जय और विजय के साथ उसी समय हमारे पास आ रही हैं”, प्रीती ने मुस्कुराते हुए कहा।
“क्या इन सब को साथ में इकट्ठा करना ठीक रहेगा? जबकि जो कुछ मेरी बहनों और तुम्हारे भाइयों के बीच हुआ?” मैंने कहा, “और क्या तुम टीना का जन्मदिन भूल गयी। इतनी भीड़ में कैसे उसे चोदूँगा?”
“नहीं! मैं नहीं भूली हूँ!” प्रीती ने मेरे लंड को चूमते हुए कहा, “विश्वास रखो मेरे राजा! टीना की कुँवारी, सील बंद चूत का उदघाटन तुम ही करोगे।”
प्रीती कुछ सोच में पड़ी हुई थी। उसके होंठों को चूमते हुए मैंने पूछा, “क्या सोच रही हो?”
“कुछ अच्छा और कुछ शरारती”, प्रीती ने हँसते हुए कहा।
“मैं भी तो सुनूँ।”
“देखो राज! मैं एक हिसाब बराबर करने की सोच रही थी, जैसे मेरे भाइयों ने तुम्हारी बहनों को चोदा है उसी तरह तुम्हारी बहनों के पति जय और विजय को भी मेरे भाइयों की बीवी सिमरन और साक्षी को चोदने का मौका मिलना चाहिये”, प्रीती ने जवाब दिया।
“लेकिन इससे मेरी बहनों का कुँवारापन तो वापस नहीं आ जायेगा”, मैंने कहा।
“हाँ.... उनका कुँवारापन तो मैं वापस नहीं ला सकती लेकिन कुछ भी नहीं से कुछ तो अच्छा है”, प्रीती ने जवाब दिया।
“लेकिन तुम ये सब करोगी कैसे?”
“तो वो दोनों चुदकड़ हमसे मिलने आ रहे हैं....” मैंने हँसते हुए कहा।
“क्या तुम अब भी नाराज़ हो कि मेरे भाइयों ने तुम्हारी कुँवारी बहनों की चूत फाड़ी थी?”
“नहीं! बिल्कुल भी नहीं, उनकी जगह कोई भी होता तो वही करता, उन्हें कुँवारी चूत चोदने का मौका मिला और उन्होंने चोदा”, मैंने कहा, “अच्छा अब दूसरी बात बताओ?”
“बात ये है कि तुम्हारी बहनें अंजू और मंजू भी अपने पति, जय और विजय के साथ उसी समय हमारे पास आ रही हैं”, प्रीती ने मुस्कुराते हुए कहा।
“क्या इन सब को साथ में इकट्ठा करना ठीक रहेगा? जबकि जो कुछ मेरी बहनों और तुम्हारे भाइयों के बीच हुआ?” मैंने कहा, “और क्या तुम टीना का जन्मदिन भूल गयी। इतनी भीड़ में कैसे उसे चोदूँगा?”
“नहीं! मैं नहीं भूली हूँ!” प्रीती ने मेरे लंड को चूमते हुए कहा, “विश्वास रखो मेरे राजा! टीना की कुँवारी, सील बंद चूत का उदघाटन तुम ही करोगे।”
प्रीती कुछ सोच में पड़ी हुई थी। उसके होंठों को चूमते हुए मैंने पूछा, “क्या सोच रही हो?”
“कुछ अच्छा और कुछ शरारती”, प्रीती ने हँसते हुए कहा।
“मैं भी तो सुनूँ।”
“देखो राज! मैं एक हिसाब बराबर करने की सोच रही थी, जैसे मेरे भाइयों ने तुम्हारी बहनों को चोदा है उसी तरह तुम्हारी बहनों के पति जय और विजय को भी मेरे भाइयों की बीवी सिमरन और साक्षी को चोदने का मौका मिलना चाहिये”, प्रीती ने जवाब दिया।
“लेकिन इससे मेरी बहनों का कुँवारापन तो वापस नहीं आ जायेगा”, मैंने कहा।
“हाँ.... उनका कुँवारापन तो मैं वापस नहीं ला सकती लेकिन कुछ भी नहीं से कुछ तो अच्छा है”, प्रीती ने जवाब दिया।
“लेकिन तुम ये सब करोगी कैसे?”