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Adultery तरक्की का सफ़र
भाग- १२

प्रीती के वापस आने के बाद हम लोग खाना खाकर बिस्तर पर लेटे थे, और बताओ प्रीती शादी कैसी गयी?”

राज! ये कोई भी वक्त है सवाल करने का, तुम्हें पता है तुम्हारे लंड के बिना मेरी चूत की क्या हालत हो रही है, प्रीती अपनी चूत को खुजाते हुए बोली। 

मैंने उसे अपनी बाँहों में भरते हुए कहा, मैं जानता हूँ मेरी जान! मैं उसकी चूत को रगड़ने लगा। 

अच्छा अब चिढ़ाना बंद करो और मेरी कस कर चुदाई करो, प्रीती अपने कपड़े उतारते हुए बोली। 

मैंने जमकर उसकी चुदाई की और प्रीती इसी बीच चार बार झड़ी। सच कहता हूँ, प्रीती जैसी चूत किसी की भी नहीं थी। जब हम थक कर लेट गये तो मैंने दो सिगरेट जलाते हुआ पूछा, अब बताओ सब कैसा रहा?” और एक सिगरेट प्रीती को दे दी। 

हाँ..... सब अच्छा रहा, मेरी दोनों भाभियाँ सिमरन और साक्षी बहुत ही सुंदर हैं। सिमरन, राम की बीवी, थोड़ी पतली है और उसकी चूचियाँ भी छोटी नारंगी जैसी हैं और वहीं साक्षी, श्याम कि बीवी, भरी-भरी है और चूचियाँ तो मानो दो खरबूजे लटक रहे हों, प्रीती ने कहा।  

तुम ये सब मुझे बताकर उकसाने की कोशिश क्यों कर रही हो?” मैंने कहा।

क्यों ना उकसाऊँ? कोई एक बार की चुदाई से तो तुम मुझे छोड़ने वाले नहीं हो, प्रीती ने हँसते हुए कहा, अच्छा अब तुम बताओ पीछे से कैसा रहा...? क्या रजनी बराबर आती रही है?” 

हाँ! रजनी बराबर आती थी और शबनम, समीना और नीता भी अक्सर आ जाया करती थीं। फिर मैंने उसे अनिता और ज़ुबैदा के इंटरव्यू के बारे में बताया। 

लगता है तुम्हें अनिता के रूप में एक हीरा हाथ लग गया है?” प्रीती ने कहा।

हाँ! मैं भी ऐसा ही सोच रहा हूँ, मैंने कहा। 

एक दिन प्रीती बोली, राज! आज कुछ अच्छी खबरें हैं।
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RE: तरक्की का सफ़र - by rohitkapoor - 08-11-2020, 01:40 AM



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