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Misc. Erotica मैं हसीना गज़ब की
कुछ ही देर में मुझ पर नशा हावी होने लगा और मैं मूड में गयी और पूरे जोश के साथ मैं म्युज़िक पर थिरकने लगी। ताहिर अज़ीज़ खान जी ने एक झटके में अपने जिस्म पर पहने गाऊन को अलग किया। वो अंदर कुछ भी नहीं पहने हुए थे। वो पूरी तरह नंगे हो गये थे। अपने गाऊन को वहीं छोड़ कर वो वापस जाकर बेड पर बैठ गये। अब मैंने भी झिझक छोड़ कर खुद को समय के हवाले कर दिया और कमरे के बीच में थिरकने लगी। 

मेरी ओर झुक कर अपनी छातियों को हिलाओ”, ताहिर अज़ीज़ खान जी ने कहा। मैंने वैसा ही किया। उन्होंने अब मुझे टॉप उतारने के लिये इशारा किया। उनके सामने नंगी होने का ये पहला मौका था। मैं झिझकते हुए अपने हाथों से अपनी टॉप को पकड़ कर ऊँचा करने लगी। जैसे-जैसे टॉप ऊँचा होता जा रहा था, मेरे बेशकीमती खजाने के दोनों रत्न बाहर निकलते जा रहे थे। मैंने अपनी टॉप को निकाल कर अपने हाथों से पकड़ कर एक बार सिर के ऊपर हवा में घुमाया और फिर उसे ताहिर अज़ीज़ खान जी की तरफ़ फ़ेंक दिया। टॉप सीधा जा कर उनकी गोद में गिरा। ताहिर अज़ीज़ खान जी उसे उठा कर कुछ देर तक सूँघते और चूमते रहे। मैं टॉपलेस हालत में थिरक रही थी और बीच-बीच में बोतल से व्हिस्की सिप कर रही थी। थोड़ी-थोड़ी देर में अपने बूब्स को एक झटका देती तो दोनों बूब्स उछल उठते। मैं डाँस करते-करते ताहिर अज़ीज़ खान जी के पास पहुँची और उनके होंठों के सामने अपने दोनों बूब्स को थिरकाने लगी। मैंने अपने एक मम्मे को अपने हाथों से थाम कर ऊँचा किया। फिर निप्पल को अपनी अँगुलियों से खींच कर उनके होंठों के पास ले गयी। जैसे ही ताहिर अज़ीज़ खान जी ने अपने होंठ खोल कर मेरे बूब्स पर झपटा मारा तो मैं किसी मछली की तरह उनकी पकड़ से निकल गयी। इतने दिनों की आस आज पूरी हो रही थी। ताहिर अज़ीज़ खान जी को तरसाने में खूब मज़ा रहा था।
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RE: मैं हसीना गज़ब की - by rohitkapoor - 08-11-2020, 01:31 AM



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