08-11-2020, 01:28 AM
मैं धीरे-धीरे वेस्टर्न म्युज़िक पर थिरकने लगी। अंदरूनी कपड़े नहीं होने के कारण मेरे मम्मे उछल रहे थे और मेरा ध्यान डाँस पर कम और अपनी उस मिनी स्कर्ट पर था कि नाचते हुए मेरी चूत उनकी नजरों के सामने ना जाये।
“अपने उन दोनों मम्मों को जोर से हिलाओ। खूब शानदार हैं ये दोनों बूब्स तुम्हारे!” मैं उनकी पसंद का खयाल रखते हुए अपने मम्मों को हिलाने लगी।
“अब नाचते-नाचते अपने कपड़े उतार दो! अपने सैक्सी सैंडल छोड़कर बाकी सारे कपड़े उतार देना। स्ट्रिपटीज़ जानती हो?” उन्होंने मुझसे पूछा।
“हाँ!” मैं उनकी बातों से हैरान हो रही थी। उन पर कुछ तो शराब का और कुछ खुले आज़ाद माहौल का नशा चढ़ा हुआ था।
“चलो मेरे सामने स्ट्रिपटीज़ करो”, कहते हुए उन्होंने अपने गाऊन को खोल कर अलग कर दिया। गाऊन के नीचे वो बिल्कुल नंगे थे। मैं नाचना छोड़ कर मुँह फ़ाड़े उनके लंड को देख रही थी।
“अब्बू जान.. ये सब ठीक नहीं है!” मैंने उनसे कहा।
“क्या ठीक नहीं है?”
“यही जो आप कर रहे हैं या करना चाहते हैं।”
“क्यों.. इसमें क्या बुराई है। तुम ही तो निकाह के पहले से ही मुझ से चुदवाना चाहती थी!” उनके मुँह से इस तरह की गंदी बातें सुन कर मैं शरम से गड़ गयी।
“जी…जी वो.. उस समय की बात और थी! तब मैं आपकी सेक्रेटरी थी।”
“अपने उन दोनों मम्मों को जोर से हिलाओ। खूब शानदार हैं ये दोनों बूब्स तुम्हारे!” मैं उनकी पसंद का खयाल रखते हुए अपने मम्मों को हिलाने लगी।
“अब नाचते-नाचते अपने कपड़े उतार दो! अपने सैक्सी सैंडल छोड़कर बाकी सारे कपड़े उतार देना। स्ट्रिपटीज़ जानती हो?” उन्होंने मुझसे पूछा।
“हाँ!” मैं उनकी बातों से हैरान हो रही थी। उन पर कुछ तो शराब का और कुछ खुले आज़ाद माहौल का नशा चढ़ा हुआ था।
“चलो मेरे सामने स्ट्रिपटीज़ करो”, कहते हुए उन्होंने अपने गाऊन को खोल कर अलग कर दिया। गाऊन के नीचे वो बिल्कुल नंगे थे। मैं नाचना छोड़ कर मुँह फ़ाड़े उनके लंड को देख रही थी।
“अब्बू जान.. ये सब ठीक नहीं है!” मैंने उनसे कहा।
“क्या ठीक नहीं है?”
“यही जो आप कर रहे हैं या करना चाहते हैं।”
“क्यों.. इसमें क्या बुराई है। तुम ही तो निकाह के पहले से ही मुझ से चुदवाना चाहती थी!” उनके मुँह से इस तरह की गंदी बातें सुन कर मैं शरम से गड़ गयी।
“जी…जी वो.. उस समय की बात और थी! तब मैं आपकी सेक्रेटरी थी।”


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