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Misc. Erotica मैं हसीना गज़ब की
कुछ देर बाद हम वहीं रेस्ट करके अपने कपड़े पहन कर बाहर गये। बाहर अपनी टेबल पर आकर देखा कि टेबल खाली थी। मैंने बैठते हुए इधर उधर नज़र दौड़ायी लेकिन साशा और ससुर जी कहीं नहीं दिखे। हैमिल्टन ने अपनी कुर्सी पर बैठ कर मुझे अपनी गोद में खींच लिया। मैंने उसकी गोद में बैठ कर उसके गले में अपनी बाँहों का हार डाल दिया और हम दोनों एक दूसरे को चूमने लगे। आस पास सारे जोड़े सैक्स में ही लीन दिखे। किसी को किसी की फ़िक्र नहीं थी। कुछ तो वहीं पूरे नंगे हो कर चुदाई में लगे हुए थे। वेस्टर्न कल्चर में तो ये एक मामुली सी बात थी। तभी वेटर डिनर और वाईन सर्व कर गया। हैमिल्टन की गोद में बैठे-बैठे हमने डिनर लिया। हम एक दूसरे को खिलाते रहे। हैमिल्टन का लंड वापस मेरे नितंबों के नीचे खड़ा हो रहा था। उसने मुझे उठाया और मेरी चूत पर लंड को सेट करके वापस अपनी गोद में बिठा लिया। इस बार हम दोनों ने किसी तरह की उछल कूद नहीं की। मैं उसके लंड को अपनी चूत में लेकर डिनर करने में व्यस्त हो गयी। वो भी डिनर ले रहा था। 

थोड़ी देर बाद ताहिर अज़ीज़ खान जी साशा को बाँहों में लिये इधर आते हुए दिखे। मैं झट से हैमिल्टन कि गोद से उतर कर अपनी सीट पर बैठ गयी और वाईन सिप करने लगी। आखिर हम इंडियंस कितने भी एडवांस्ड हो जायें, कुछ तो शरम बची ही रहती है। हैमिल्टन ने अपने लंड को अंदर करने की कोई कोशिश नहीं की।
 
साशा और ससुर जी आकर अपनी अपनी सीट पर बैठ गये। हम दोनों एक दूसरे से नजरें नहीं मिला पा रहे थे। हैमिल्टन और साशा चुहल बाजी करते रहे। हैमिल्टन ने खींच कर साशा को अपने लंड पर बिठा लिया। साशा ने भी एक झटके से अपनी टॉप उतार दी और हैमिल्टन के लंड की सवारी करने लगी।
 
लेकिन हम दोनों चुपचाप अपने अपने ख्यालों में खोये खाना खाते रहे और बीच-बीच में चोर निगाहों से अपने सामने चल रही ब्लू फ़िल्म का भी मज़ा लेते रहे। सामने उन दोनों की चुदाई देखते हुए अक्सर हम दोनों की निगाहें टकरा जाती तो मैं शरमा कर और ससुर जी मुस्कुरा कर अपनी निगाहें हटा लेते।
 
खाना खाकर हम दोनों ने उन दोनों से विदा ली। मैं अपने ससुर जी की बाँहों में अपनी बांहें डाल कर अपने रूम की तरफ़ बढ़ी। मुझे काफी सुरूर महसूस हो रहा था क्योंकि दोपहर से धीरे-धीरे करके कम से कम चार-पाँच कॉकटेल और तीन वाईन के ग्लास पी चुकी थी। ऊपर से महफिल का माहौल भी इतना उत्तेजक था।
 
मैं साशा के साथ किसी नये प्रॉजेक्ट के बारे में डिसकस करने पास के एक केबिन में गया था। तुमको बता नहीं पाया क्योंकि तुम कहीं मिली नहीं। पता नहीं भीड़ में तुम कहाँ हैमिल्टन के साथ डाँस कर रही थीं।
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RE: मैं हसीना गज़ब की - by rohitkapoor - 08-11-2020, 01:25 AM



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