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Misc. Erotica मैं हसीना गज़ब की
हैमिल्टन का दूसरा हाथ मेरी स्कर्ट के अंदर घुस कर मेरी टाँगों के जोड़ पर फिर रहा था। मैं अपनी बिना बालों वाली चिकनी चूत पर उसके हाथों का दबाव महसूस कर रही थी। मैंने अपनी टेबल की तरफ़ अपनी नजरें दौड़ायीं तो पाया कि साशा घुटनों के बल जमीन पर बैठ कर ताहिर अज़ीज़ खान जी का लंड अपने मुँह में भर कर चूस रही है। मैं भी अपने हाथ हैमिल्टन के लंड पर रख कर उसकी जींस के ऊपर से ही उसके लंड को सहलाने लगी। हैमिल्टन ने खुश हो कर अपनी जींस की ज़िप नीचे कर दी। मैंने अपना हाथ उसकी पैंट के अंदर डाल कर उसके लंड को पकड़ कर बाहर निकाला। मैं उसके लंड को अपने हाथों से सहलाने लगी। मेरी नजरें बराबर अपने ससुर जी पर टिकी हुई थी। 

लेट दैम इंजॉय एंड लेट अस डू सेम”, हैमिल्टन ने मेरी नजरों को भाँपते हुए कहा। कम-ऑन लेट्स गो टू सम केबिन फ़ोर क्विकी!
 
मैं उसका इरादा समझ नहीं पायी और उसकी ओर देखा तो उसने बात क्लियर की, देयर आर सम केबिन्स मेड फ़ोर कपल्स हू आर शाय टू फ़क इन पब्लिक। कम ऑन लेट्स गो देयर फ़ोर फ़क!
 
नो.... नो! आय वोंट डू दैट”, मैंने एतराज करते हुए कहा, मॉय फादर-इन-ला मे टेक इट अदरवाईज़!
 
हा! यू इंडियंस आर सो शाय! आय लव इंडियंस। लुक सैक्सी.... योर फ़ादर-इन-ला इज़ बिज़ी फ़किंग मॉय साशा! उसने हमारी टेबल की तरफ़ इशारा किया। मैंने देखा साशा ताहिर अज़ीज़ खान जी की गोद में सिर्फ सैंडल पहने बिकुल नंगी बैठी थी। उसका चेहरा सामने की ओर था और वो टेबल पर अपने दोनों हाथों का सहारा लेकर अपनी कमर को उनके लंड पर ऊपर नीचे कर रही थी। ससुर जी के दोनों हाथ साशा के मम्मों को मसलने में मसरूफ थे।
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RE: मैं हसीना गज़ब की - by rohitkapoor - 08-11-2020, 01:24 AM



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