08-11-2020, 01:21 AM
ये देख कर साशा भी ताहिर अज़ीज़ खान जी के पास सरक गयी और उनसे लिपट कर उन्हें चूमने लगी। मैंने उनकी ओर देखा तो साशा ने अपने अंगूठे को हिला कर मुझे आगे बढ़ने का इशारा किया। हैमिल्टन के हाथों ने मेरे चूतड़ों को कस कर जकड़ रखा था। उसने मेरे नितंबों को कस कर अपने लंड पर दाब रखा था। उसके खड़े लंड का एहसास मुझे मिल रहा था।
“डज़ ही फ़क यू रेग्यूलरली?” हैमिल्टन ने मुझ से पूछा।
“शशऽऽ! ही इज़ नॉट ओनली मॉय एंपलायर.... ही इज़ मॉय फ़ादर इन-ला ठू… सो यू सी देयर इज़ अ डिस्टैंस टू बी मैनटेंड बिटवीन अस।”
“ओह फ़क ऑफ!” वो बोला, “इट्स शियर बुलशिट!”
“बिलीव मी.. इन इंडिया इनसेस्ट रिलेशनशिप आर इल-लिगल... दे आर बैंड बाय द सोसायटी!”
“इट इज़ नॉट इंडिया बेबी... यू आर इन पैरिस..... कैपिटल ऑफ फ्राँस। हेयर एवरी थिंग इज़ लिगल”, उसने मेरे एक मम्मे को मसलते हुए कहा, “हैव यू नेवर बीन टू एनी न्यूड बीचेज़ ऑफ़ फ्राँस। देयर यू विल फाईंड द होल फैमिली एंजॉयिंग फुल न्यूडिटी। गो ऑन.... इंजॉय बेबी… फ़क हिज़ ब्रेंस ऑऊट!” मैं खिलखिला कर वहाँ से हट गयी। कुछ देर बाद हम वापस कपड़े बदल कर सैमिनार में पहुँच गये। फिर शुरू हुई कुछ घंटों की बकबक। मैं अपने ससुर जी से सट कर बैठी थी। उनके जिस्म से उठ रही कोलोन की खुशबू मुझे मदहोश कर दे रही थी और शराब का हल्का-फुल्का सुरूर भी बरकरार था। पहले तो उन्होंने कुछ नोटिस नहीं किया लेकिन बाद में जब उनको मेरे दिल का हाल पता चला तो वो मेरे नितंबों और मेरी जाँघों को सहलाने लगे। मैंने पहले एक दो बार उनको रोकने की नाकाम कोशिश की लेकिन उनके नहीं मानने पर मैंने कोशिश छोड़ दी।
“डज़ ही फ़क यू रेग्यूलरली?” हैमिल्टन ने मुझ से पूछा।
“शशऽऽ! ही इज़ नॉट ओनली मॉय एंपलायर.... ही इज़ मॉय फ़ादर इन-ला ठू… सो यू सी देयर इज़ अ डिस्टैंस टू बी मैनटेंड बिटवीन अस।”
“ओह फ़क ऑफ!” वो बोला, “इट्स शियर बुलशिट!”
“बिलीव मी.. इन इंडिया इनसेस्ट रिलेशनशिप आर इल-लिगल... दे आर बैंड बाय द सोसायटी!”
“इट इज़ नॉट इंडिया बेबी... यू आर इन पैरिस..... कैपिटल ऑफ फ्राँस। हेयर एवरी थिंग इज़ लिगल”, उसने मेरे एक मम्मे को मसलते हुए कहा, “हैव यू नेवर बीन टू एनी न्यूड बीचेज़ ऑफ़ फ्राँस। देयर यू विल फाईंड द होल फैमिली एंजॉयिंग फुल न्यूडिटी। गो ऑन.... इंजॉय बेबी… फ़क हिज़ ब्रेंस ऑऊट!” मैं खिलखिला कर वहाँ से हट गयी। कुछ देर बाद हम वापस कपड़े बदल कर सैमिनार में पहुँच गये। फिर शुरू हुई कुछ घंटों की बकबक। मैं अपने ससुर जी से सट कर बैठी थी। उनके जिस्म से उठ रही कोलोन की खुशबू मुझे मदहोश कर दे रही थी और शराब का हल्का-फुल्का सुरूर भी बरकरार था। पहले तो उन्होंने कुछ नोटिस नहीं किया लेकिन बाद में जब उनको मेरे दिल का हाल पता चला तो वो मेरे नितंबों और मेरी जाँघों को सहलाने लगे। मैंने पहले एक दो बार उनको रोकने की नाकाम कोशिश की लेकिन उनके नहीं मानने पर मैंने कोशिश छोड़ दी।