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Adultery तरक्की का सफ़र
उसकी नीली आँखें नशे में बोझल थीं। ज़ुबैदा मेरे पैरों के बीच आ गयी और मेरा लंड जोर से चूसने लगी। 

सर! मैं ड्रिंक्स मंगा लूँ?” अनिता ने एम-डी से पूछा। एम-डी ने गर्दन हिला कर हाँ कर दी। 
 
आयेशा! चार ग्लास और व्हिस्की लाना, अनिता ने इंटरकॉम पर कहा।
 
अभी लायी मैडम! आयेशा ने जवाब दिया।
 
ओहहहहह ज़ुबैदा..... जोर-जोर से चूसो..... मेरा छूटने वाला है.... मैंने कहा।
 
जब ज़ुबैदा मेरे लंड से छूटे पानी को पी रही थी उसी समय आयेशा व्हिस्की लिये केबिन में आयी। मैंने देखा कि वो एक दम नंगी थी। आयेशा ने कुछ कहना चाहा तो अनिता ने उसे चुप रहने का इशारा करके केबिन से जाने के लिये कहा।
 
आयेशा व्हिस्की और ग्लास रख कर केबिन से चली गयी।
 
ज़ुबैदा! तुमने देखा आयेशा ने क्या पहन रखा था?” अनिता ने पूछा।
 
मैडम!! वो तो बिल्कुल नंगी थी, उसने हाई-हील सैंडलों के अलावा कहाँ कुछ पहन रखा था, ज़ुबैदा ने जवाब दिया।
 
अच्छा है.... तुमने देख लिया। ये यहाँ का नियम है..... कोई भी हायर मैनेजमेंट से तुम्हें बुलाये तो तुम्हें इसी तरह आना है।
 
ज़ुबैदा कुछ देर तक सोचती रही फिर हँसते हुए बोली, हाँ मैडम, मैं समझ गयी। आप कहें तो मैं ओ~फिस में हर वक्त ऐसे ही बिल्कुल नंगी सिर्फ हाई-हील के संडल पहने रहने को तैयार हूँ!
 
वेरी-गूड! ऑय लाइक योर स्पिरिट!अनिता हंसते हुए बोली।
 
हम चारों जब दो-दो पैग व्हिस्की पी चुके तो अनिता ने कहा,ज़ुबैदा! अब तुम एम-डी के ऊपर लेट कर उनका लंड अपनी चूत में ले लो, और पीछे से राज सर तेरी गाँड मारेंगे।
 
पर मैडम! राज सर का इतना बड़ा लंड मेरी छोटी गाँड में कैसे जायेगा?” ज़ुबैदा बोली।
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RE: तरक्की का सफ़र - by rohitkapoor - 11-10-2020, 01:56 AM



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