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Adultery तरक्की का सफ़र
तो ठीक है अपने कपड़े उतारो और सोफ़े पर लेट जाओ।

 
क्या सर मुझे चोदेंगे?” ज़ुबैदा ने मेरी तरफ देखते हुए पूछा।
 
अनिता ने उसके कंधों पर हाथ रख कर कहा,ज़ुबैदा मैंने तुमसे कहा था ना कि तुम्हें तन मन से काम करना होगा, तो तुम्हारा तन मैनेजमेंट के लिये बहुत स्पेशल है, इतना कह कर अनिता भी अपने कपड़े उतारने लगी।
 
ज़ुबैदा अपने कपड़े उतार कर नंगी हो गयी थी। वो अपने सैंडल उतारने लगी तो अनिता ने उसे रोक दिया। अनिता उसकी झाँटों को पकड़ कर बोली, ज़ुबैदा! कल ऑफिस आओ तो ये झाँटें तुम्हारी चूत पर नहीं होनी चाहिये, तुम्हारी चूत एक दम चिकनी और सपाट होनी चाहिये मेरी चूत की तरह.... और हमेशा हाई-हील के सैंडल पहने रखना..... जैसे आज पहने हुए हो।
 
हाँ मैडम! ज़ुबैदा ने जवाब दिया।
 
ठीक है अब बिस्तर पर लेट जाओ! अनिता ने उसे कहा, और एम-डी की तरफ पलटते हुए बोली, सर! अब ये अपने फायनल इंटरव्यू के लिये तैयार है।
 
राज! तुम इसकी चूत चोदो..... मैं बाद में इसकी गाँड फाड़ुँगा, एम-डी ने कहा।
 
जब ज़ुबैदा सोफ़े पर लेट गयी तो मैं भी अपने कपड़े उतार कर नंगा हो गया। मेरे खड़े लंड को देख कर ज़ुबैदा बोली, मैडम! इनका लंड कितना बड़ा है!
 
मैंने उसकी टाँगें उठा कर मेरे कंधों पर रख लीं और एक ही झटके में पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया, आऊऊऊऊ सर!!!! धीरे.... लगता है, वो सिसकी। मैं धीरे-धीरे उसे चोदने लगा।
 
थोड़े धक्कों में उसे मज़ा आने लगा और वो सिसकारी भरने लगी, ओहहहहहह आआआआहहहहहह।
 
क्यों अच्छा लग रहा है ना?” अनिता ने पूछा।
 
हाँ मैडम!!! बहुत अच्छा लग रहा है, ऐसा लग रहा है कि मैं जन्नत में पहुँच गयी हूँ, वो सिसकते हुए बोली।
 
उसकी बात सुनकर मैं पूरी ताकत से उसे चोदने लगा। मैंने रफ़्तार भी बढ़ा दी।
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RE: तरक्की का सफ़र - by rohitkapoor - 11-10-2020, 01:52 AM



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