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Adultery तरक्की का सफ़र
अनिता चुदवाने में ही माहिर नहीं थी, बल्कि लंड चूसने में भी उसका जवाब नहीं था। वो अपने मुँह को पूरा खोल कर लौड़े के जड़ तक ले जाती और जोरो से चूसते हुए अपने मुँह को ऊपर उठाती। बहुत ही दिलकश नज़ारा था। दोनों माँ बेटी का सिर हमारे लौड़े पर हिल रहा था। 

मेरा लंड फिर एक बार झड़ने के लिये तैयार था, अनिता जोर जोर से चूसो........ मेरा छूटने वाला है। मेरी आवाज़ सुन कर अनिता और जोरों से चूसने लगी। मेराआआआ छूट रहाआआआ है!!!!! मैं चिल्लाया। 
 
अनिता मेरे लंड का सारा पानी पी गयी और एक बूँद भी उसने बाहर नहीं गिरने दी। अभी भी वो मेरा लंड चपड़-चपड़ कर के चूस रही थी। उधर एम-डी ने भी अपना पानी मीना के मुँह में छोड़ दिया।
 
राज! जरा आयेशा को ड्रिंक्स लाने के लिये बोलना, एम-डी ने कहा।
 
थोड़ी देर में आयेशा चार ग्लास, बर्फ और व्हिस्की की बोतल लेकर आयी। एम-डी ने उसे अपनी गोद में खींच लिया और उसके मम्मे दबाते हुए कहा, राज! ये तो बहुत चुदासी लग रही है...... लगता है तुम इसे आजकल चोदते नहीं हो?
 
नहीं सर! इसे अपनी चुदाई का हिस्सा बराबर मिलता रहता है, लेकिन ये चुदाई को दवाई समझती है कि खाना खाने के बाद दिन में तीन बार लेनी चाहिये, मैंने हँसते हुए जवाब दिया।
 
लगता है इसकी चूत की प्यास मुझे ही बुझानी पड़ेगी! एम-डी ने उसकी सलवार नीचे खिसका कर उसकी चूत में अँगुली डालते हुए कहा।
 
सर! ये तो बहुत अच्छी बात है, आप मुझे अभी चोदेंगे या बाद में?” आयेशा खुश होते हुए बोली।
 
अभी मुझे कुछ काम है, तुम ऐसा करो... शाम को पाँच बजे आ जाओ, एम-डी ने कहा।
 
आयेशा के जाने के बाद मैंने और एम-डी ने बाकी का इंटरव्यू अनिता और मीना की गाँड मार कर पूरा किया। अपने कपड़े पहनते हुए अनिता बोली,अब मैं समझी कि क्यों महेश इंटरव्यू मिस नहीं करना चाहता था।
 
समय गुज़रने लगा, मेरी चुदाई भी हमेशा कि तरह चल रही थी, ऑफिस में लड़कियाँ थी और घर पर रजनी शाम को आ जाती थी। कभी-कभी शबनम और समीना भी घर आ जाती थीं।
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RE: तरक्की का सफ़र - by rohitkapoor - 11-10-2020, 01:29 AM



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