07-10-2020, 12:55 AM
मीना चाची ने एक तकिया अपने चूतड़ों के नीचे लगाया और एक अपने सर के नीचे और पीठ के बल लेट गयीं। बड़े प्यार से बोली, “चल आज तू अपनी मीना चाची की सवारी कर ले, चढ़ जा अपनी मीना पर, और तू भी सीख ले औरत पर चढ़ना किस को कहते हैं। बहुत तरसा है ना तू मेरी चूत के लिए, चल आज के बाद नहीं तरसेगा, चल आजा बना ले अपनी चाची से संबंध, बना दे अपनी चाची को रंडी।”
मुझे मीना चाची ने अपनी टाँगें फैला कर टाँगों के बीच में कर लिया और तकिया लगा होने के कारण मीना चाची की चूत एकदम फूल कर उठी हुई थी। मीना चाची बोली, “देख सुनील मैं अपने हाथ से अपनी चूत के लिप्स खोलुँगी, तू बस अपने हाथ से अपना लंड पकड़ कर मेरा जो गुलाबी छेद दिखेगा, उस पर अपने लंड का सुपाड़ा रगड़, और जब तक मैं ना कहूँ लंड मेरे अंदर मत उतारना।”
मीना चाची ने एक सिगरेट जलाई और दूसरे हाथ से अपनी उंगली से अपनी चूत के लिप्स खोल कर दिखाने लगी, और बोली, “आजा बेटा! चल रगड़ अपना लंड।”
मैंने भी अपनी मस्ती में डूबे हुए लंड को मीना चाची की फैली हुई चूत पर रगड़ना चालू कर दिया। पहली बार मुझे मीना चाची की चूत की गरमी महसूस हुई। मीना चाची सितकारी लेते हुए बोली, “देख ले बहनचोद! जैसे तूने मुझे बाहों में लेकर किस करा था उसी तरह मैं तेरे लंड को अपने चूत के लिप्स के बीच में लेकर किस कर रही हूँ… मज़ा आ रहा है कि नहीं?”
मेरी ज़िंदगी में तो पहली बार मेरा लंड किसी चूत से टच हुआ था। मेरे दोनों कान लाल हो गये थे, मैंने कहा, “मीना मेरे बदन में यह कैसी आग लग रही है?”
मीना चाची बोली, “बस मेरी जान थोड़ा सा और… फिर तू मेरी आग बुझा और मैं तेरी आग बुझाऊँगी।”
एक मिनट और लंड घिसने से मेरा बदन मारे मस्ती के कांपने लगा। मीना चाची समझ गयी कि मैं अब कंट्रोल के बाहर हूँ। उन्होंने बड़े प्यार से अपना हाथ आगे बढ़ा कर अपनी चूत के छेद पर टिका दिया और बोलीं, “देख सुनील! तेरा लंड बहुत मोटा लम्बा और तगड़ा है, मेरी चूत में इसकी जगह धीरे-धीरे ही बनेगी… इसलिये तू धीरे-धीरे अपना लंड मेरी चूत में उतार और अपने चूतड़ के धक्के दे और लंड आगे पीछे कर… चल अब चालू हो जा… तू भी सीख ले चुदाई क्या होती है… चोद ले अपनी चाची को जी भर के… पर मादरचोद अगर तू अपने चाचा की तरह जल्दी झड़ा तो इसी वाइब्रेटर से तेरी गाँड मारूँगी वो भी बिना क्रीम के!”
मुझे मीना चाची ने अपनी टाँगें फैला कर टाँगों के बीच में कर लिया और तकिया लगा होने के कारण मीना चाची की चूत एकदम फूल कर उठी हुई थी। मीना चाची बोली, “देख सुनील मैं अपने हाथ से अपनी चूत के लिप्स खोलुँगी, तू बस अपने हाथ से अपना लंड पकड़ कर मेरा जो गुलाबी छेद दिखेगा, उस पर अपने लंड का सुपाड़ा रगड़, और जब तक मैं ना कहूँ लंड मेरे अंदर मत उतारना।”
मीना चाची ने एक सिगरेट जलाई और दूसरे हाथ से अपनी उंगली से अपनी चूत के लिप्स खोल कर दिखाने लगी, और बोली, “आजा बेटा! चल रगड़ अपना लंड।”
मैंने भी अपनी मस्ती में डूबे हुए लंड को मीना चाची की फैली हुई चूत पर रगड़ना चालू कर दिया। पहली बार मुझे मीना चाची की चूत की गरमी महसूस हुई। मीना चाची सितकारी लेते हुए बोली, “देख ले बहनचोद! जैसे तूने मुझे बाहों में लेकर किस करा था उसी तरह मैं तेरे लंड को अपने चूत के लिप्स के बीच में लेकर किस कर रही हूँ… मज़ा आ रहा है कि नहीं?”
मेरी ज़िंदगी में तो पहली बार मेरा लंड किसी चूत से टच हुआ था। मेरे दोनों कान लाल हो गये थे, मैंने कहा, “मीना मेरे बदन में यह कैसी आग लग रही है?”
मीना चाची बोली, “बस मेरी जान थोड़ा सा और… फिर तू मेरी आग बुझा और मैं तेरी आग बुझाऊँगी।”
एक मिनट और लंड घिसने से मेरा बदन मारे मस्ती के कांपने लगा। मीना चाची समझ गयी कि मैं अब कंट्रोल के बाहर हूँ। उन्होंने बड़े प्यार से अपना हाथ आगे बढ़ा कर अपनी चूत के छेद पर टिका दिया और बोलीं, “देख सुनील! तेरा लंड बहुत मोटा लम्बा और तगड़ा है, मेरी चूत में इसकी जगह धीरे-धीरे ही बनेगी… इसलिये तू धीरे-धीरे अपना लंड मेरी चूत में उतार और अपने चूतड़ के धक्के दे और लंड आगे पीछे कर… चल अब चालू हो जा… तू भी सीख ले चुदाई क्या होती है… चोद ले अपनी चाची को जी भर के… पर मादरचोद अगर तू अपने चाचा की तरह जल्दी झड़ा तो इसी वाइब्रेटर से तेरी गाँड मारूँगी वो भी बिना क्रीम के!”