06-10-2020, 12:03 AM
उन्होंने कुछ देर तक मुझे निहारा और फिर कहा, “जाओ शहनाज़… और एक-एक कर के सारे कपड़े मुझे पहन कर दिखाओ।” ये कहते हुए उन्होंने अपना ड्रिंक बनाया। मैं उठ कर अपने बेडरूम में चली गयी। बेडरूम में आकर बॉक्स खोल कर सारे कपड़ों को बिस्तर के ऊपर बिछा दिया। मैंने सबसे पहले एक ट्राऊज़र और शर्ट छाँटा। उसके साथ उसके साथ के हाई हील के सैंडल पहन कर कैट-वॉक करते हुए किसी मॉडल की तरह उनके सामने सोफ़े तक पहुँची और अपने हाथ कमर पर रख कर दो सेकेंड रुकी और फिर झुक कर उन्हें बो किया और धीरे से पीछे मुड़ कर उन्हें अपने पिछवाड़े का भी पूरा जायज़ा करने दिया और फिर मुड़कर पूछा, "ठीक है?"
उन्होंने मुस्कुरा कर कहा, “सैक्सी.. म्म्म्म…!”
मैं वापस अपने कमरे में आ गयी फिर दूसरे कपड़े पहन कर उनके सामने पहुँची..... फिर तीसरे.....। बनाने वाले ने बड़े ही खूबसूरत डिज़ाईन में सारे कपड़े सिले थे। जो रेडीमेड थे उन्हें भी काफी नाप तोल करके सेलेक्ट किया होगा क्योंकि कपड़े ऐसे लग रहे थे मानो मेरे लिये ही बने हों। जिस्म से ऐसे चिपक गये थे मानो मेरे जिस्म पर दूसरी चमड़ी चढ़ गयी हो।
ट्राऊज़र्स के बाद लाँग स्कर्ट्स और ब्लाऊज़ों की बारी आयी। ताहिर अज़ीज़ खान जी मेरे शो को दिल से इंजॉय कर रहे थे। हर कपड़े पर कुछ ना कुछ कमेंट पास करते जा रहे थे।
लाँग स्कर्ट्स के बाद माइक्रो स्कर्ट्स की बारी आयी। मैंने एक पहना तो मुझे काफी शरम आयी। स्कर्ट्स की लम्बाइ पैंटी के दो अंगुल नीचे तक थी। टॉप भी मेरी गोलाइयों के ठीक नीचे ही खत्म हो रही थी। टॉप्स के गले भी काफी डीप थे। मेरे आधे बूब्स सामने नज़र आ रहे थे। मैंने ब्रा और पैंटी के ऊपर ही उन्हें पहना और एक बार अपने जिस्म को सामने लगे फुल लेंथ आइने में देख कर शरमाती हुई उनके सामने पहुँची।
“नो नो.... तुम्हें पूरे ड्रेस-कोड को निभाना पड़ेगा”, उन्होंने अपने ग्लास से सिप करते हुए कहा, “नो अंदरगार्मेंट्स! ”
“मैं वहाँ उसी तरह पहन लुँगी.... यहाँ मुझे शरम आ रही है”, मैंने शरमाते हुए कहा।
उन्होंने मुस्कुरा कर कहा, “सैक्सी.. म्म्म्म…!”
मैं वापस अपने कमरे में आ गयी फिर दूसरे कपड़े पहन कर उनके सामने पहुँची..... फिर तीसरे.....। बनाने वाले ने बड़े ही खूबसूरत डिज़ाईन में सारे कपड़े सिले थे। जो रेडीमेड थे उन्हें भी काफी नाप तोल करके सेलेक्ट किया होगा क्योंकि कपड़े ऐसे लग रहे थे मानो मेरे लिये ही बने हों। जिस्म से ऐसे चिपक गये थे मानो मेरे जिस्म पर दूसरी चमड़ी चढ़ गयी हो।
ट्राऊज़र्स के बाद लाँग स्कर्ट्स और ब्लाऊज़ों की बारी आयी। ताहिर अज़ीज़ खान जी मेरे शो को दिल से इंजॉय कर रहे थे। हर कपड़े पर कुछ ना कुछ कमेंट पास करते जा रहे थे।
लाँग स्कर्ट्स के बाद माइक्रो स्कर्ट्स की बारी आयी। मैंने एक पहना तो मुझे काफी शरम आयी। स्कर्ट्स की लम्बाइ पैंटी के दो अंगुल नीचे तक थी। टॉप भी मेरी गोलाइयों के ठीक नीचे ही खत्म हो रही थी। टॉप्स के गले भी काफी डीप थे। मेरे आधे बूब्स सामने नज़र आ रहे थे। मैंने ब्रा और पैंटी के ऊपर ही उन्हें पहना और एक बार अपने जिस्म को सामने लगे फुल लेंथ आइने में देख कर शरमाती हुई उनके सामने पहुँची।
“नो नो.... तुम्हें पूरे ड्रेस-कोड को निभाना पड़ेगा”, उन्होंने अपने ग्लास से सिप करते हुए कहा, “नो अंदरगार्मेंट्स! ”
“मैं वहाँ उसी तरह पहन लुँगी.... यहाँ मुझे शरम आ रही है”, मैंने शरमाते हुए कहा।