05-10-2020, 11:48 PM
“दिखा कि रस्तोगी के वीर्य को अभी तक मुँह में संभाल कर रखा है या नहीं।” स्वामी ने कहा। मैंने अपना मुँह खोल कर अंदर भरा हुआ वीर्य उन दोनों को दिखाया।
“ले… अब अपने मुँह से सारा वीर्य निकाल कर इस ग्लास में भर”, रस्तोगी ने कहा और मुझे एक खाली ग्लास पकड़ा दिया। अपने मुँह का सारा वीर्य उस ग्लास में डाल दिया। “चल अब अपने शौहर का वीर्य भी इस ग्लास में ले”। जावेद सोफ़े पर एक तरफ बैठा हुआ था। मुझे खड़ा कर के रस्तोगी ने जावेद की तरफ़ ढकेला। मेरी टाँगों में जोर नहीं बचा था और मैं नशे में चूर हो रही थी इसलिये मैं भरभरा कर जावेद के ऊपर गिर गयी। मैंने उसके लंड को चूस कर उसे फारिग कराया और उसका वीर्य अपने मुँह में इकट्ठा करके ग्लास में उढ़ेल दिया। स्वामी व्हिस्की की बोतल ले आया और उस ग्लास को भर दिया। फिर मेरा सिर पकड़ कर मुझे वो वीर्य और व्हिस्की का कॉकटेल पीने पर मजबूर किया। मेरी चूत से दोनों का वीर्य बहता हुआ फर्श पर टपक रहा था।
मैं अब उठ कर हाई-हील सैंडलों में दौड़ती और लड़खड़ाती हुई बाथरूम में गयी। नशे में मेरा सिर जोर से घूम रहा था। मेरी टाँगों से होते हुए दोनों का वीर्य नीचे की ओर बह रहा था। बाथरूम में जाकर जैसे ही अपना चेहरा आईने में देखा तो मुझे रोना आ गया। मेरा पूरा जिस्म, मेरे रेशमी बाल, सब कुछ वीर्य से सने हुए थे। मेरे मम्मों पर अनगिनत दाँतों के दाग थे। मैं अपने जिस्म से उनके वीर्य को साफ़ करने लगी लेकिन तभी दोनों बाथरूम में पहुँच गये और मुझे अपनी गोद में उठा लिया।
“प्लीज़ मुझे छोड़ दो! मुझे अपना जिस्म साफ़ करने दो! मुझे घिन्न आ रही है अपने जिस्म से”, मैं उनके आगे गिड़गिड़ायी।
“अरे मेरी जान! तुम तो और भी खूबसूरत लग रही हो इस हालत में… और अभी तो पूरी रात पड़ी है। कब तक अपने जिस्म को पोंछ-पोंछ कर आओगी हमारे पास।” रस्तोगी हँसने लगा। दोनों मुझे गोद में उठा कर बेडरूम में ले आये और उसी हालत में मुझे बेड पर पटक दिया। स्वामी बिस्तर पर नंगा लेट गया और मुझे अपनी ओर खींचा।
“ले… अब अपने मुँह से सारा वीर्य निकाल कर इस ग्लास में भर”, रस्तोगी ने कहा और मुझे एक खाली ग्लास पकड़ा दिया। अपने मुँह का सारा वीर्य उस ग्लास में डाल दिया। “चल अब अपने शौहर का वीर्य भी इस ग्लास में ले”। जावेद सोफ़े पर एक तरफ बैठा हुआ था। मुझे खड़ा कर के रस्तोगी ने जावेद की तरफ़ ढकेला। मेरी टाँगों में जोर नहीं बचा था और मैं नशे में चूर हो रही थी इसलिये मैं भरभरा कर जावेद के ऊपर गिर गयी। मैंने उसके लंड को चूस कर उसे फारिग कराया और उसका वीर्य अपने मुँह में इकट्ठा करके ग्लास में उढ़ेल दिया। स्वामी व्हिस्की की बोतल ले आया और उस ग्लास को भर दिया। फिर मेरा सिर पकड़ कर मुझे वो वीर्य और व्हिस्की का कॉकटेल पीने पर मजबूर किया। मेरी चूत से दोनों का वीर्य बहता हुआ फर्श पर टपक रहा था।
मैं अब उठ कर हाई-हील सैंडलों में दौड़ती और लड़खड़ाती हुई बाथरूम में गयी। नशे में मेरा सिर जोर से घूम रहा था। मेरी टाँगों से होते हुए दोनों का वीर्य नीचे की ओर बह रहा था। बाथरूम में जाकर जैसे ही अपना चेहरा आईने में देखा तो मुझे रोना आ गया। मेरा पूरा जिस्म, मेरे रेशमी बाल, सब कुछ वीर्य से सने हुए थे। मेरे मम्मों पर अनगिनत दाँतों के दाग थे। मैं अपने जिस्म से उनके वीर्य को साफ़ करने लगी लेकिन तभी दोनों बाथरूम में पहुँच गये और मुझे अपनी गोद में उठा लिया।
“प्लीज़ मुझे छोड़ दो! मुझे अपना जिस्म साफ़ करने दो! मुझे घिन्न आ रही है अपने जिस्म से”, मैं उनके आगे गिड़गिड़ायी।
“अरे मेरी जान! तुम तो और भी खूबसूरत लग रही हो इस हालत में… और अभी तो पूरी रात पड़ी है। कब तक अपने जिस्म को पोंछ-पोंछ कर आओगी हमारे पास।” रस्तोगी हँसने लगा। दोनों मुझे गोद में उठा कर बेडरूम में ले आये और उसी हालत में मुझे बेड पर पटक दिया। स्वामी बिस्तर पर नंगा लेट गया और मुझे अपनी ओर खींचा।