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Adultery तरक्की का सफ़र
दीदी मुझे चुदाई में कोई इंटरस्ट नहीं है!!! उसके इस जवाब ने मुझे चौंका दिया। 

चुदाई में इंटरस्ट नहीं है???? तुझे पता है एक मर्द किसी औरत को क्या सुख दे सकता है?” मैंने कहा। 
 
मुझे मर्द जात से नफ़रत है, सब के सब मतलबी होते हैं, वो गुस्से में बोली। मैं मन ही मन डर गयी कि किसी ने इसके साथ रेप तो नहीं कर दिया।
 
तुझे किसी ने चोद तो नहीं दिया?” मैंने पूछा।
 
नहीं दीदी! मुझे किसी ने नहीं चोदा..... मैं अभी तक कुँवारी हूँ! उसने जवाब दिया।
 
तो फिर किसने तुम्हें मर्दों के बारे में ऐसा सब बताया है?”
 
मेरी इंगलिश टीचर ने!!! उसने जवाब दिया।
 
तुझे नहीं पता कि मर्द का शानदार लंड औरत को कितने मज़े दे सकता है?” मैंने कहा।
 
उससे ज्यादा मज़ा औरत के स्पर्श से मिलता है..... मुझे मालूम है”, उसने जवाब दिया।
 
तुम्हारी इंगलिश टीचर तुम्हें छूती है क्या? कहाँ?” मैंने पूछा।
 
उसने शर्माते हुए अपने मम्मों की तरफ देखा। मैंने उसके मम्मे ब्लाऊज़ के ऊपर से ही दबाना शुरू किये। उसने ब्रा नहीं पहन रखी थी। मेरे हाथ के स्पर्श से ही उसके निप्पल खड़े हो गये। जैसे ही मैंने उसके निप्पल को भींचा, उसके मुँह से सिसकरी निकल पड़ी, हाँ ऐसे ही!
 
क्या वो सिर्फ़ यही करती है या और कुछ भी?” मैंने फिर पूछा।
 
नहीं वो मेरी..... कहते हुए रीना रुक गयी।
 
चलो बोलो क्या वो तुम्हारी चूत भी छूती है?” मैंने उसे दोबारा पूछा।
 
हाँ दीदी!!! वो मेरी चूत भी छूती है!!! रीना थोड़ा से मुस्कुराते हुए बोली। मैंने उसके स्कर्ट में हाथ डाल कर उसकी चूत को रगड़ दिया।
 
क्या ऐसे?” मैंने पूछा।
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RE: तरक्की का सफ़र - by rohitkapoor - 05-10-2020, 11:36 PM



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