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Adultery तरक्की का सफ़र
उसी समय तुम योगिता की चूत में अपना लंड पेलने जा रहे थे, दीदी देखो ना राज का लंड कितना मोटा और लंबा है..... उसने कहा।

तुम कहो तो तुझे भी राज से चुदवा दूँ.... मैंने उसकी चूत को और रगड़ते हुए पूछा। 
 
राज जैसा सुंदर मर्द मुझ जैसी साधारण दिखने वाली लड़की को भला क्यों चोदेग?” उसने कहा।
 
मैं कहुँगी तो तुम्हें चोदेगा.... मैंने जवाब दिया।
 
तो फिर कहो ना, उसे आज ही मुझे चोदने को कहो..... वो खुश होते हुए बोली।
 
इतनी जल्दी क्या है चुदवाने की, अभी तुम छोटी हो?”
 
छोटी कहाँ दीदी!!!!! थोड़े महीनों में मैं इक्कीस साल की हो जाऊँगी.... उसने जवाब दिया।
 
इक्कीस का होने तक इंतज़ार करो, मैंने उसे समझाया।
 
प्रॉमिस?” उसने मुझे बाँहों में भरते हुए कहा। प्रॉमिस! मेरी जान, राज का लंड तुम्हारी कुँवारी चूत को चोदे........ ये मेरा तुम्हारे जन्मदिन पर तोहफ़ा होगा....... मैंने उसे चूमते हुए कहा।
 
रजनी अभी तक आयी नहीं थी और ना ही रीना आयी थी,टीना! चलो रजनी और रीना को देखते हैं कि वो क्या कर रहे हैं..... कहकर हम दोनों वापस उनके कमरे में आ गये।
 
रजनी! अब तुम राज को बताओ क्या हुआ, प्रीती ने कहा।
 
रजनी ने कहना शुरू किया, राज!!! जब मैं रीना के कमरे में पहुँची तो देखा कि वो वैसे ही बैठी हुई है जैसे हम उसे छोड़ कर गये थे।
 
रीना हम लोग तेरा इंतज़ार कर रहे थे, तुम आयी क्यों नहीं??? तुम नहीं जानती कि तुमने क्या देखने से मिस कर दिया?” मैंने उससे कहा।
 
क्या मिस कर दिया?” उसने कहा।
 
यही कि किस तरह तुम्हारे पापा और राज हमारी मम्मियों को चोद रहे थे..... मैंने हँसते हुए कहा।
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RE: तरक्की का सफ़र - by rohitkapoor - 05-10-2020, 11:35 PM



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