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Adultery तरक्की का सफ़र
टीना, प्रीती और मैं खड़े हो गये पर रीना हिली नहीं..... क्या तुम्हें नहीं चलना है?” टीना ने पूछा। रीना ने जवाब दिया कि तुम चलो दीदी, मैं आपके पीछे पीछे आ रही हूँ।

हम ने स्टडी की खिड़की में से झाँक कर देखा तो दोनों औरतें सिर्फ सैंडल पहने, बिल्कुल नंगी होकर तुम लोगों से चुदाई में मस्त थीं। तुम दोनों का लंड दोनों की चूत के अंदर बाहर होता साफ दिख रहा था। ये नज़ारा देख टीना शर्मा गयी और उसके चेहरे पे लाली आ गयी। थोड़ी देर में उसके शरीर में गर्मी भर गयी और उसकी साँसें फूलने लगीं। 
 
इतने में प्रीती ने पीछे से उसकी छाती पर हाथ रख कर उसके मम्मे भींचने शुरू कर दिये। रीना अभी तक आयी नहीं थी, मैं प्रीती को वहाँ अकेले छोड़ कर रीना को बुलाने चली गयी,प्रीती तुम चालू रखो।
 
प्रीती ने बात को चालू रखते हुए कहा: टीना की साँसें फूल रही थीं...... मैं उसकी स्कर्ट के अंदर हाथ डाल कर उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी कुँवारी चूत को सहलाने लगी।
 
ओह दीदी..... अच्छा लग रहा है, उसकी सिसकरी निकल पड़ी।
 
अच्छा लगता है ना और करूँ?”  मैंने उसके कान में फुसफुसाते हुए कहा।
 
हाँ दीदी!!!!! बहुत अच्छा लग रहा है..... और करो। वो सिसकी, मैं उसकी पैंटी में हाथ डाल कर उसकी चूत को रगड़ने लगी।
 
ओह दीदी !!!!!! वो जोर से चींखी।  
 
ज़रा धीरे वरना कोई सुन लेगा..... कहकर मैं अपनी अँगुली से उसे चोदने लगी और तब तक चोदती रही जब तक वो दो बार झड़ नहीं गयी।
 
चुदाई अच्छी लग रही है ना?” मैंने पूछा।
 
हाँ दीदी! बहुत अच्छी लग रही है”, उसने शर्माते हुए कहा। मैंने उसकी चूत को रगड़ना चालू रखा।
 
चुदवाने को दिल करता है? मैंने पूछा।
 
हाँ दीदी!!!! मुझे चुदवाने को बहुत दिल करता है। टीना ने शर्माते हुए कहा।
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RE: तरक्की का सफ़र - by rohitkapoor - 05-10-2020, 11:29 PM



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