05-10-2020, 11:21 PM
मैंने मीना को एक जरूरी काम दिया और अपने काम में जुट गया। काम खत्म करके मैं एम-डी के केबिन में पहुँचा और उसे रिपोर्ट दी।
“तुमने अच्छा काम किया है राज! आओ सुस्ता लो और एक कप कॉफी मेरे साथ पी लो।” एम-डी ने मुझे बैठने को कहा।
“सर! आपने कभी मिली और योगिता को वो स्पेशल दवा पिलायी है?” एम-डी ने ना में गर्दन हिला दी।
“सर! पिला के देखिये...... सही में काफी मज़ा आयेगा!” मैंने कहा।
“मुझे शक है कि वो दवाई के बारे में जानती हैं.... इसलिये शायद पीने से इनकार कर दें”, एम-डी ने कहा।
“फिर हमें कोई दूसरा तरीका निकालना होगा...” मैंने सोचते हुए कहा, “सर आपके पास वो उत्तेजना वाली दवाई तो होगी ना?”
“हाँ! वो तो मेरे पास काफी स्टोक में है, क्यों क्या करना चाहते हो?” एम-डी ने पूछा।
“सर! आप अपने घर पर शनिवार को एक पार्टी रखें जिसमें मैं और प्रीती भी शामिल हो जायेंगे। मैं प्रीती को प्याज के पकोड़े बनाने को बोल दूँगा और वो इसमें वो दवाई मिला देगी”, मैंने कहा।
“प्याज के पकोड़े? हाँ ये चलेगा! उन्हें पकोड़े पसंद भी बहुत हैं, लेकिन राज तुम्हें मेरी मदद करनी पड़ेगी। तुम्हें मालूम है कि दोनों कितनी चुदकाड़ हैं, और इस दवाई के बाद मैं तो उन्हें एक साथ नहीं संभल पाऊँगा, दोनों एक दम भूखी शेरनी बन जायेंगी”, एम-डी ने कहा।
“सर! आप चिंता ना करें! मैं उन्हें संभाल लूँगा”, मैंने एम-डी को आशवासन दिया।
शनिवार की शाम को हम एम-डी के घर पहुँचे। प्रीती ने सब को ड्रिंक्स सौंपी और नाश्ते के साथ प्याज के पकोड़े भी स्नैक में टेबल पर रख दिये।
“प्याज के पकोड़े....! ये तो मुझे और योगिता को बहुत पसंद हैं”, इतना कह कर मिली ने प्लेट योगिता की तरफ कर दी। हम सब अपनी ड्रिंक पी रहे थे। योगिता और मिली ड्रिंक्स के साथ मजे से पकोड़े खा रही थी। थोड़ी देर में दवाई और ड्रिंक्स ने अपना असर एक साथ दिखाना शुरू किया और उनके माथे पर पसीने की बूँदें छलकने लगी।
“तुमने अच्छा काम किया है राज! आओ सुस्ता लो और एक कप कॉफी मेरे साथ पी लो।” एम-डी ने मुझे बैठने को कहा।
“सर! आपने कभी मिली और योगिता को वो स्पेशल दवा पिलायी है?” एम-डी ने ना में गर्दन हिला दी।
“सर! पिला के देखिये...... सही में काफी मज़ा आयेगा!” मैंने कहा।
“मुझे शक है कि वो दवाई के बारे में जानती हैं.... इसलिये शायद पीने से इनकार कर दें”, एम-डी ने कहा।
“फिर हमें कोई दूसरा तरीका निकालना होगा...” मैंने सोचते हुए कहा, “सर आपके पास वो उत्तेजना वाली दवाई तो होगी ना?”
“हाँ! वो तो मेरे पास काफी स्टोक में है, क्यों क्या करना चाहते हो?” एम-डी ने पूछा।
“सर! आप अपने घर पर शनिवार को एक पार्टी रखें जिसमें मैं और प्रीती भी शामिल हो जायेंगे। मैं प्रीती को प्याज के पकोड़े बनाने को बोल दूँगा और वो इसमें वो दवाई मिला देगी”, मैंने कहा।
“प्याज के पकोड़े? हाँ ये चलेगा! उन्हें पकोड़े पसंद भी बहुत हैं, लेकिन राज तुम्हें मेरी मदद करनी पड़ेगी। तुम्हें मालूम है कि दोनों कितनी चुदकाड़ हैं, और इस दवाई के बाद मैं तो उन्हें एक साथ नहीं संभल पाऊँगा, दोनों एक दम भूखी शेरनी बन जायेंगी”, एम-डी ने कहा।
“सर! आप चिंता ना करें! मैं उन्हें संभाल लूँगा”, मैंने एम-डी को आशवासन दिया।
शनिवार की शाम को हम एम-डी के घर पहुँचे। प्रीती ने सब को ड्रिंक्स सौंपी और नाश्ते के साथ प्याज के पकोड़े भी स्नैक में टेबल पर रख दिये।
“प्याज के पकोड़े....! ये तो मुझे और योगिता को बहुत पसंद हैं”, इतना कह कर मिली ने प्लेट योगिता की तरफ कर दी। हम सब अपनी ड्रिंक पी रहे थे। योगिता और मिली ड्रिंक्स के साथ मजे से पकोड़े खा रही थी। थोड़ी देर में दवाई और ड्रिंक्स ने अपना असर एक साथ दिखाना शुरू किया और उनके माथे पर पसीने की बूँदें छलकने लगी।