07-09-2020, 08:52 PM
“तुम्हें कैसे पता चला?” प्रीती ने पूछा।
“वही तो बताने आयी हूँ, राज का ही इंतज़ार कर रही थी”, रजनी बोली।
“अब तो राज आ गया है..... चलो शुरू हो जाओ।”
“कुछ दिनों से मैं देख रही थी कि मम्मी कुछ खोयी-खोयी सी रहती थी। अब ना तो वो पहले के जैसे हँसती थी और ना ही उनका काम में मन लगता था। पहले वो कभी-कभी ही, पार्टी वगैरह में ड्रिंक करती थीं पर अब कुछ दिनों से रोज़ ड्रिंक करने लगी थीं।”
“मेरे बहुत जोर देने पे वो बोलीं, रजनी मेरी बातें सुनकर हो सके तो मुझे माफ़ कर देना..... रजनी! मैं बचपन से ही बहुत सैक्सी थी, मुझे सैक्स हमेशा चाहिये होता था, तुम्हारे पिताजी के मरने के बाद मैं अकेली पड़ गयी और मेरी सैक्स की भूख शाँत नहीं होती थी। एक दिन मेरी एक सहेली ने मुझे रबड़ का नकली लंड खरीद कर लाके दिया।”
“मम्मी! आपके पास क्या नकली लंड है? मुझे दिखाओ ना! मैं बीच में बोली।”
“अभी नहीं बाद में, मम्मी बोली पर मैंने जोर दिया तो मम्मी बेडरूम से नकली लंड ले आयी.... प्रीती! पूरा दस इंच का काला और मोटा लंड है, अच्छा है पर राज के असली लंड जैसा नहीं।”
“आगे क्या हुआ, वो बता”, प्रीती सिगरेट का धुँआ छोड़ती हुई रजनी से बोली।
“मम्मी ने बताया कि एक दिन शाम को वो अपने नकली लंड से मज़े ले रही थी कि मेरी आँटी मिली ने उन्हें देख लिया और बोली, ‘योगिता नकली लंड से कुछ नहीं होगा, मेरे पास आओ मैं तुम्हें असली मज़ा दूँगी।’ उसकी बातें सुन कर मम्मी आगे बढ़ी तो उसने उन्हें बाँहों में भर कर चूमना शुरू कर दिया। मम्मी को भी मज़ा आने लगा और थोड़ी ही देर में दोनों एक दूसरे की चूत चाट रही थीं, जब उनका पानी छूट गया तो मम्मी ने मिली आँटी से पूछा, ‘मिली! तुम्हें भी चुदाई का बड़ा शौक है ना?’ ‘हाँ! योगिता बहुत है लेकिन रजनीश मुझे कभी-कभी ही चोदता है।’ उस दिन के बाद से वो दोनों रोज़ एक दूसरे को नकली लंड से चोद कर मज़ा लेतीं और एक दूसरे की चूत को खूब चाटतीं।”
“एक दिन मम्मी बिस्तर पर आँखें बंद किये लेटी थी। उनकी टाँगें हवा में उठी हुई थी और मिली आँटी के चोदने का इंतज़ार कर रही थी। ‘मिली! अब जल्दी भी करो मेरी चूत में आग लगी हुई है.... मुझसे बर्दाश्त नहीं होता।’ मम्मी की बात सुन कर मिली आँटी ने नकली लंड उनकी चूत में घुसा दिया, लेकिन जैसे ही लंड घुसा कि मम्मी समझ गयी कि नकली नहीं असली लंड है। मम्मी ने आँखें खोली तो देखा कि रजनीश अंकल अपना लंड घुसाये उन्हें चोद रहे थे। मम्मी ने बिस्तर से उठना चाहा तो अंकल ने उन्हें कस कर बाँहों में पकड़ कर चोदते हुए कहा, ‘योगिता! जब ये असली लंड है तो तुम्हें नकली लंड से चुदवाने की क्या जरूरत है?’ मम्मी ने भी कई दिनों से असली लंड का मज़ा नहीं लिया था। मम्मी भी उनका साथ देने लगी और मस्ती में चुदवाने लगी। बाद में मम्मी को पता लगा कि ये दोनों की मिली भगत थी। मम्मी ने बुरा नहीं माना। उस दिन से रजनीश अंकल मम्मी को अकसर चोदने लगे।”
“वही तो बताने आयी हूँ, राज का ही इंतज़ार कर रही थी”, रजनी बोली।
“अब तो राज आ गया है..... चलो शुरू हो जाओ।”
“कुछ दिनों से मैं देख रही थी कि मम्मी कुछ खोयी-खोयी सी रहती थी। अब ना तो वो पहले के जैसे हँसती थी और ना ही उनका काम में मन लगता था। पहले वो कभी-कभी ही, पार्टी वगैरह में ड्रिंक करती थीं पर अब कुछ दिनों से रोज़ ड्रिंक करने लगी थीं।”
“मेरे बहुत जोर देने पे वो बोलीं, रजनी मेरी बातें सुनकर हो सके तो मुझे माफ़ कर देना..... रजनी! मैं बचपन से ही बहुत सैक्सी थी, मुझे सैक्स हमेशा चाहिये होता था, तुम्हारे पिताजी के मरने के बाद मैं अकेली पड़ गयी और मेरी सैक्स की भूख शाँत नहीं होती थी। एक दिन मेरी एक सहेली ने मुझे रबड़ का नकली लंड खरीद कर लाके दिया।”
“मम्मी! आपके पास क्या नकली लंड है? मुझे दिखाओ ना! मैं बीच में बोली।”
“अभी नहीं बाद में, मम्मी बोली पर मैंने जोर दिया तो मम्मी बेडरूम से नकली लंड ले आयी.... प्रीती! पूरा दस इंच का काला और मोटा लंड है, अच्छा है पर राज के असली लंड जैसा नहीं।”
“आगे क्या हुआ, वो बता”, प्रीती सिगरेट का धुँआ छोड़ती हुई रजनी से बोली।
“मम्मी ने बताया कि एक दिन शाम को वो अपने नकली लंड से मज़े ले रही थी कि मेरी आँटी मिली ने उन्हें देख लिया और बोली, ‘योगिता नकली लंड से कुछ नहीं होगा, मेरे पास आओ मैं तुम्हें असली मज़ा दूँगी।’ उसकी बातें सुन कर मम्मी आगे बढ़ी तो उसने उन्हें बाँहों में भर कर चूमना शुरू कर दिया। मम्मी को भी मज़ा आने लगा और थोड़ी ही देर में दोनों एक दूसरे की चूत चाट रही थीं, जब उनका पानी छूट गया तो मम्मी ने मिली आँटी से पूछा, ‘मिली! तुम्हें भी चुदाई का बड़ा शौक है ना?’ ‘हाँ! योगिता बहुत है लेकिन रजनीश मुझे कभी-कभी ही चोदता है।’ उस दिन के बाद से वो दोनों रोज़ एक दूसरे को नकली लंड से चोद कर मज़ा लेतीं और एक दूसरे की चूत को खूब चाटतीं।”
“एक दिन मम्मी बिस्तर पर आँखें बंद किये लेटी थी। उनकी टाँगें हवा में उठी हुई थी और मिली आँटी के चोदने का इंतज़ार कर रही थी। ‘मिली! अब जल्दी भी करो मेरी चूत में आग लगी हुई है.... मुझसे बर्दाश्त नहीं होता।’ मम्मी की बात सुन कर मिली आँटी ने नकली लंड उनकी चूत में घुसा दिया, लेकिन जैसे ही लंड घुसा कि मम्मी समझ गयी कि नकली नहीं असली लंड है। मम्मी ने आँखें खोली तो देखा कि रजनीश अंकल अपना लंड घुसाये उन्हें चोद रहे थे। मम्मी ने बिस्तर से उठना चाहा तो अंकल ने उन्हें कस कर बाँहों में पकड़ कर चोदते हुए कहा, ‘योगिता! जब ये असली लंड है तो तुम्हें नकली लंड से चुदवाने की क्या जरूरत है?’ मम्मी ने भी कई दिनों से असली लंड का मज़ा नहीं लिया था। मम्मी भी उनका साथ देने लगी और मस्ती में चुदवाने लगी। बाद में मम्मी को पता लगा कि ये दोनों की मिली भगत थी। मम्मी ने बुरा नहीं माना। उस दिन से रजनीश अंकल मम्मी को अकसर चोदने लगे।”